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धारा १८२क : १(यान के सन्निर्माण और अनुरक्षण से संबंधित..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८२क : १(यान के सन्निर्माण और अनुरक्षण से संबंधित अपराधों के लिए दंड : कोई व्यक्ति जो धारा १०९ की उपधारा (३) के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, प्रथम अपराध के लिए एक हजार रूपए जुर्माने से और किन्हीं पश्चात्वर्ती अपराधों के लिए पांच… more »