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धारा १९० : मजिस्ट्रेटों द्वारा अपराधों का संज्ञान :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १४ : कार्यवाहियाँ शुरु करने के लिए अपेक्षित शर्तें : धारा १९० : मजिस्ट्रेटों द्वारा अपराधों का संज्ञान (विचारन) : १)इस अध्यायों के उपबंधो के अधीन रहते हुए, कोई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट और उपधारा (२) के अधीन विशेषतया सशक्त… more »
धारा १९० : लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से विरत..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १९० : लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से विरत के लिए किसी व्यक्ती को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति ( नुकसान / हानी ) करने की धमकी : अपराध का वर्गीकरण : दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।… more »