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धारा ४०८ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४०८ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश की शक्ति : १)जब कभी सेशन न्यायाधीश को यह प्रतीत कराया जाता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह समीचीन है कि इस उपधारा के अधीन… more »
धारा ४०८ : लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४०८ : लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग । दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या… more »