Tag: "धारा ४६८"
धारा ४६८ : परिसीमा-काल की समाप्ती के पश्चात् संज्ञान का वर्जन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ४६८ : परिसीमा-काल की समाप्ती के पश्चात् संज्ञान का वर्जन : १)इस संहिता में अन्यत्र जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई न्यायालय उपधारा (२) में विनिर्दिष्ट… more »
धारा ४६८ : छल के प्रयोजन से कूटरचना :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४६८ : छल के प्रयोजन से कूटरचना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : छल के प्रयोजन के लिए कूटरचना । दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय । शमनीय या अशमनीय :… more »