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धारा ५०५ : लोक रिष्टिकारक वक्तव्य : १) जो कोई..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ५०५ : १.(लोक रिष्टिकारक वक्तव्य : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : मिथ्या कथन, जनश्रुति, आदि को इस आशय से परिचालित करना कि विद्रोह हो अथवा लोक-शान्ति के विरुद्ध अपराध हो । दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या… more »