Archives for: "July 2018"
अनुच्छेद ३९५ : निरसन । भारत स्वतंत्रता अधिनियम, १९४७ ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३९५ : निरसन । भारत स्वतंत्रता अधिनियम, १९४७ और भारत शासन अधिनियम, १९३५ का, पश्चात् कथित अधिनियम की, संशोधक या अनुपूरक सभी अधिनियमितियों के साथ, जिनके अंतर्गत प्रिवी कौंसिल अधिकारिता उत्सादन अधिनियम, १९४९ नहीं है, इसके द्वारा… more »
अनुच्छेद ३९४क : हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३९४क : १.(हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ । १) राष्ट्रपति - क) इस संविधान के हिन्दी भाषा में अनुवाद को, जिस पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे, ऐसे उपांतरणों के साथ जो उसे केंद्रीय अधिनियमों के हिन्दी भाषा में… more »
अनुच्छेद ३९४ : प्रारंभ । यह अनुच्छेद और ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३९४ : प्रारंभ । यह अनुच्छेद और अनुच्छेद ५,६,७,८,९,६०, ३२४,३६६,३६७,३७९,३८०,३८८,३९१, ३९२ और ३९३ तुरंत प्रवृत्त होंगे और संविधान के शेष उपबंध २६ जनवरी १९५० को प्रवृत्त होंगे जो दिन इस संविधान में इस संविधान के प्रारंभ के रूप में… more »
अनुच्छेद ३९३ : संक्षिप्त नाम । इस संविधान का ...
भारत का संविधान : भाग २२ : संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, १( हिन्दी में प्राधिकृत पाठ ) और निरसन : अनुच्छेद ३९३ : संक्षिप्त नाम । इस संविधान का संक्षिप्त नाम भारत का संविधान है । ---------- १.संविधान (अठावनवां संशोधन) अधिनियम, १९८७ की धारा २ द्वारा अंत:स्थापित… more »
अनुच्छेद ३९२ : कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३९२ : कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति । १) राष्ट्रपति किन्हीं ऐसी कठिनाइयों को, जो विशिष्टतया भारत शासन अधिनियम, १९३५ के उपबंधों से इस संविधान के उपबंधों को संक्रमण के संबंध में हों, दूर करने के प्रयोजन के लिए… more »
अनुच्छेद ३७९ - अनुच्छेद ३९१ : निरसित ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७९ - अनुच्छेद ३९१ : निरसित । संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा निरसित । # Indian Constitution in Hindi article 379 - 391. # Constitution of India in hindi article 379 - 391. INSTALL Android… more »
अनुच्छेद ३७८क : आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७८क : १(आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध । अनुच्छेद १७२ में किसी बात के होते हुए भी, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ की धारा २८ और २९ के उपबंधों के अधीन गठित आंध्र प्रदेश राज्य की विधान सभा, यदि पहले ही… more »
अनुच्छेद ३७८ : लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७८ : लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध । १) इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले भारत डोमिनियन के लोक सेवा आयोग के पद धारण करने वाले सदस्य, यदि वे अन्यथा निर्वाचन न कर चुके हों तो ऐसे प्रारंभ पर संघ के लोक सेवा आयोग के सदस्य हो… more »
अनुच्छेद ३७७ : भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के बारे में ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७७ : भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध । इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पद धारण करने वाला भारत का महालेखापरीक्षक, यदि वह अन्यथा निर्वाचन न कर चुका हो तो, ऐसे प्रारंभ पर भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक हो जाएगा… more »
अनुच्छेद ३७६ : उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७६ : उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध । १) अनुच्छेद २१७ के खंड (२) में किसी बात के होते हुए भी, इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले किसी प्रांत के उच्च न्यायालय के पद धारण करने वाले न्यायाधीश, यदि वे अन्यथा… more »
अनुच्छेद ३७५ : संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों,..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७५ : संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना । भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र सिविल, दांडिक औ राजस्व अधिकारिता वाले सभी न्यायालय और सभी न्यायिक, कार्यपालक और अनुसचिवीय… more »
अनच्छेद ३७४ : फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल ..
भारत का संविधान : अनच्छेद ३७४ : फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद् हिज मजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध । १) इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले फेडरल न्यायालय के पद धारण करने वाले न्यायाधीश, यदि वे अन्यथा… more »
अनुच्छेद ३७३ : निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७३ : निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति । जब तक अनुच्छेद २२ के खंड (७) के अधीन संसद् उपबंध नहीं करती है या जब तक इस संविधान के प्रारंभ से एक वर्ष समाप्त नहीं हो जाता… more »
अनुच्छेद ३७२क : विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७२क : १.(विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति । १)संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ के प्रारंभ से ठीक पहले भारत में या उसके किसी भाग में प्रवृत्त किसी विधि के उपबंधों को उस अधिनियम द्वारा यथासंशोधित इस संविधान… more »
अनुच्छेद ३७२ : विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७२ : विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन । १)अनुच्छेद ३९५ में निर्दिष्ट अधिनियमितियों का इस संविधान द्वारा निरसन होने पर भी, किंतु इस संविधान के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, इस संविधान के प्रारंभ से ठीक… more »
अनुच्छेद ३७१ञ : कर्नाटक राज्य के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ञ : १.(कर्नाटक राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । १) राष्ट्रपति, कर्नाटक राज्य के संबंध में किए गए आदेश द्वारा ,- क) हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के लिए, एक पृथक् विकास बोर्ड की स्थापना के लिए, इस उपबंध सहित कि इस बोर्ड के… more »
अनुच्छेद ३७१ झ : गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ झ : १(गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, गोवा राज्य की विधान सभा कम से कम तीस सदस्यों से मिलकर बनेगी ।) -------- १.संविधान (छप्पनवां संशोधन) अधिनियम, १९८७ की धारा २ द्वारा… more »
अनुच्छदे ३७१ज : अरूणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छदे ३७१ज : १(अरूणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,- क) अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल का अरूणाचल प्रदेश राज्य में विधि और व्यवस्था के संबंध में विशेष उत्तरदायित्व रहेगा और राज्यपाल, उस… more »
अनुच्छेद ३७१ छ : मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ छ : १.(मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, - क) निम्नलिखित के संबंध में संसद् का कोई अधिनियम मिजोरम राज्य को तब लागू नहीं होगा जब तक मिजोरम राज्य की विधान सभा संकल्प द्वारा ऐसा… more »
अनुच्छेद ३७१ च : सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ च : १(सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध। इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,- क) सिक्किम राज्य की विधान सभा कम से कम तीस सदस्यों से मिलकर बनेगी ; ख) संविधान (छत्तीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७५ के प्रारंभ की तारीख से… more »
अनुच्छेद ३७१ ड : आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ ड : आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना । संसद् विधि द्वारा, आंध्र प्रदेश राज्य में एक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उपबंध कर सकेगी ।) # Indian Constitution in Hindi article 371E. # Constitution of… more »
अनुच्छेद ३७१घ : आंध्रप्रदेश राज्य या तेलंगाना राज्य के ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१घ : १.(२.(आंध्रप्रदेश राज्य या तेलंगाना राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । ) २.(१) राष्ट्रपति, आंध्रप्रदेश राज्य या तेलंगाना राज्य के संबंध में किए गए आदेश द्वारा, प्रत्येक राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए दोनों… more »
अनुच्छेद ३७१ग : मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ग : १(मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । १) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति, मणिपूर राज्य के संबंध में किए गए आदेश द्वारा, उस राज्य की विधान सभा की एक समिति के गठन और कृत्यों के लिए, जो समिति उस… more »
अनुच्छेद ३७१ ख : असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ ख : १(असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति, असम राज्य के संबंध में किए गए आदेश द्वारा, उस राज्य की विधान सभा की एक समिति के गठन और कृत्यों के लिए, जो समिति छठी अनुसूची के… more »
अनुच्छेद ३७१ क : नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ क : १.(नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध । १)इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, - क) निम्नलिखित के संबंध में संसद् का कोई अधिनियम नागालैंड राज्य को तब तक लागू नहीं होगा जब तक नागालैंड की विधान सभा संकल्प द्वारा… more »
अनुच्छेद ३७१ : महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७१ : १(२(***) महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबन्ध । ३. (* * *) (२) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति, ४.(महाराष्ट्र या गुजरात राज्य) के संबंध में किए गए आदेश द्वारा : - क) यथास्थिति,… more »
अनुच्छेद ३७० : जम्मु-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७० : १(जम्मु-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध । १)इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, - क) अनुच्छेद २३८ के उपबंध जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में लागू नहीं होंगे ; ख) उक्त राज्य के लिए विधि बनाने की संसद् की शक्ति,… more »
अनुच्छेद ३६९ : राज्यसूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने ..
भारत का संविधान : भाग २१ : १(अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध ) : अनुच्छेद ३६९ : राज्यसूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने की संसद् की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को… more »
अनुच्छेद ३६८ : संविधान का संशोधन करने की संसद् की शक्ति और ...
भारत का संविधान : भाग २० : संविधान का संशोधन : अनुच्छेद ३६८ : १.(संविधान का संशोधन करने की संसद् की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया । ) २.(१) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद् अपनी संविधायी शक्ति का प्रयोग करते हुए इस संविधान के किसी उपबंध का… more »
अनुच्छेद ३६७ : निर्वचन । १) जब तक कि संदर्भ से अन्यथा ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६७ : निर्वचन । १) जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, इस संविधान के निर्वचन के लिए साधारण खंड अधिनियम, १८९७, ऐसे अनुकूलनों और उपांतरणों के अधीन रहते हुए, जो अनुच्छेद ३७२ के अधीन उसमें किए जाएं, वैसे ही लागू होगा जैसे वह… more »
अनुच्छेद ३६६ : परिभाषाएं । इस संविधान में, जब तक ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६६ : परिभाषाएं । इस संविधान में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, निम्नलिखित पदों के निम्नलिखित अर्थ हैं, अर्थात् :- १)कृषि -आय से भारतीय आय-कर से संबंधित अधिनियमितियों के प्रयोजनों के लिए यथा परिभाषित कृषि- आय… more »
अनुच्छेद ३६५ : संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६५ : संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव । जहां इस संविधान के किसी उपबंध के अधीन संघ की कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग करते हुए दिए गए किन्हीं निदेशों का अनुपालन करने में या… more »
अनुच्छेद ३६४ : महापत्तनों और विमान क्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६४ : महापत्तनों और विमान क्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध । १)इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति लोक अधिसूचना द्वारा निदेश दे सकेगा कि ऐसी तारीख से, जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाए, - क) संसद् या किसी… more »
अनुच्छेद ३६३ क : १(देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६३ क : १(देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी थैलियों का अंत । ) इस संविधान का तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में किसी बात के होते हुए भी - क) ऐसा राजा, प्रमुख या अन्य व्यक्ति, जिसे संविधान (छब्बीसवां संशोधन)… more »
अनुच्छेद ३६२ : देशी राज्यों के शासकों के अधिकार और विशेषाधिकार ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६२ : (देशी राज्यों के शासकों के अधिकार और विशेषाधिकार ।) संविधान (छब्बीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७१ की धारा २ द्वारा निरसित । # Indian Constitution in Hindi article 362. # Constitution of India in hindi article 362. INSTALL… more »
अनुच्छेद ३६३ : कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६३ : कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन । १)इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु अनुच्छेद १४३ के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उच्चतम न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय को किसी… more »
अनुच्छेद ३६१ ख : लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६१ ख : १.(लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता । किसी राजनीतिक दल का किसी सदन का कोई सदस्य, जो दसवीं अनुसूची के पैरा २ के अधीन सदन का सदस्य होने के लिए निरर्हित है, अपनी निरर्हता की तारीख से प्रारंभ होने वाली और उस… more »
अनुच्छेद ३६१क :संसद् और राज्यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६१क : १.( संसद् और राज्यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण । १) कोई व्यक्ति संसद् के किसी सदन या, यथास्थिति, किसी राज्य की विधान सभा या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन की किन्हीं कार्यवाहियों के… more »
अनुच्छेद ३६१ : राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण ।
भारत का संविधान : भाग १९ : प्रकीर्ण : अनुच्छेद ३६१ : राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण । १)राष्ट्रपति अथवा राज्य का राज्यपाल या राजप्रमुख अपने पद की शक्तियों के प्रयोग और कर्तव्यों के पालन के लिए या उन शक्तियों का प्रयोग और कर्तव्यों का… more »
अनुच्छेद ३६०: वित्तीय आपात के बारे में उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३६०: वित्तीय आपात के बारे में उपबंध । (१) यदि राष्ट्रपति का यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत या उसके राज्यक्षेत्र के किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व या प्रत्यय संकट में है तो वह उद्घोषणा द्वारा इस… more »
अनुच्छेद ३५९क : १.( इस भाग पंजाब राज्य को लागू होना । )
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५९क : १.( इस भाग पंजाब राज्य को लागू होना । ) संविधान (तिरसठवां संशोधन) अधिनियम, १९८९ की धारा ३ द्वारा (६-१-१९९० से ) निरसित । -------- १.संविधान (उनसठवां संशोधन) अधिनियम, १९८८ की धारा ३ द्वारा अंत:स्थापित। यह इस अधिनियम के… more »
अनुच्छेद ३५९ : आपात के दौरान भाग ३ द्वारा प्रदत्त अधिकारों के..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५९ : आपात के दौरान भाग ३ द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलंबन । १) जहां आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है वहां राष्ट्रपति, आदेश द्वारा यह घोषणा कर सकेगा कि १.(अनुच्छेद २० और अनुच्छेद २१ को छोडकर ) भाग ३ द्वारा प्रदत्त… more »
अनुच्छेद ३५८ : आपात के दौरान अनुच्छेद १९ के उपबंधों का ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५८ : आपात के दौरान अनुच्छेद १९ के उपबंधों का निलंबन । १.(१) २.(जब युध्द या बाह्य आक्रमण के कारण भारत या उसके राज्यक्षेत्र के किसी भाग की सुरक्षा के संकट में होने की घोषणा करने वाली आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है ) तब… more »
अनुच्छेद ३५७ : अनुच्छेद ३५६ के अधीन की गई उद्घोषणा के..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५७ : अनुच्छेद ३५६ के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग । १)जहां अनुच्छेद ३५६ के खंड (१) के अधीन की गई उद्घोषणा द्वारा यह घोषणा की गई है कि राज्य के विधान- मंडल की शक्तियां संसद् द्वारा या उसके प्राधिकार के… more »
अनुच्छेद ३५६ : राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५६ : राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध । १) यदि राष्ट्रपति का किसी राज्य के राज्यपाल १.(***) से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें उस राज्य का… more »
अनुच्छेद ३५५ : बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५५ : बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य । संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशान्ति से प्रत्येक राज्य की संरक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का इस संविधान के उपबंधों… more »
अनुच्छेद ३५४ : जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५४ : जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना । १) जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राष्ट्रपति, आदेश द्वारा, यह निदेश दे सकेगा कि इस संविधान के अनुच्छेद २६८ से अनुच्छेद २७९ के… more »
अनुच्छेद ३५३ : आपात की उद्घोषणा का प्रभाव ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५३ : आपात की उद्घोषणा का प्रभाव । जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब - क) संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार किसी राज्य को इस बारे में निदेश देने तक होगा कि वह राज्य अपनी कार्यपालिका… more »
अनुच्छेद ३५२ : आपात की उद्घोषणा ।
भारत का संविधान : भाग १८ : आपात उपबंध : अनुच्छेद ३५२ : आपात की उद्घोषणा । १)यदि राष्ट्रपति का यह समाधान हो जाता है कि गंभीर आपात विद्यमान है जिससे युध्द या बाह्य आक्रमण या १.(सशस्त्र विद्रोह ) के कारण भारत या उसके राज्यक्षेत्र के किसी भाग की सुरक्षा… more »
अनुच्छेद ३५१ : हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५१ : हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश । संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार बढाए, उसका विकास करे जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए… more »
अनुच्छेद ३५०ख : भाषाई अल्पसंख्यक - वर्गों के लिए विशेष ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५०ख : १.(भाषाई अल्पसंख्यक - वर्गों के लिए विशेष अधिकारी । १)भाषाई अल्पसंख्यक- वर्गों के लिए एक विशेष अधिकारी होगा जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करेगा । २) विशेष अधिकारी का यह कर्तव्य होगा कि वह इस संविधान के अधीन भाषाई… more »
अनुच्छेद ३५०क : प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३५०क : १(प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं । प्रत्येक राज्य और राज्य के भीतर प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के बालकों को शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं… more »
अनुच्छेद ३५० : व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग ...
भारत का संविधान : अध्याय ४ : विशेष निदेश : अनुच्छेद ३५० : व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा । प्रत्येक व्यक्ति किसी व्यथा के निवारण के लिए संघ या राज्य के किसी अधिकारी या प्राधिकारी को, यथास्थिति, संघ में या राज्य में प्रयोग… more »
अनुच्छेद ३४९ : भाषा से संबंधिक कुछ विधियां अधिनियमित ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३४९ : भाषा से संबंधिक कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया । इस संविधान के प्रारंभ से पन्द्रह वर्ष की अवधि के दौरान, अनुच्छेद ३४८ के खंड (१) में उल्लिखित किसी प्रयोजन के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा के लिए उपबंध… more »
अनुच्छेद ३४८ : उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और ..
भारत का संविधान : अध्याय ३ : उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा : अनुच्छेद ३४८ : उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा । १)इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, जब… more »
अनुच्छेद ३४७ : किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३४७ : किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध । यदि इस निमित्त मांग किए जाने राष्ट्रपति का यह समाधान हो जाता है कि किसी राज्य की जनसंख्या का पर्याप्त भाग यह चाहता है कि उसके… more »
अनुच्छेद ३४६ : एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३४६ : एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा । संघ में शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने के लिए तत्समय प्राधिकृत भाषा, एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच तथा किसी राज्य और संघ के बीच… more »
अनुच्छेद ३४५ : राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं ।
भारत का संविधान : अध्याय २ : प्रादेशिक भाषाएं : अनुच्छेद ३४५ : राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं । अनुच्छेद ३४६ और अनुच्छेद ३४७ के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी राज्य का विधान- मंडल, विधि द्वारा, उस राज्य में प्रयोग होने वाली भाषाओं में से किसी एक या अधिक… more »
अनुच्छेद ३४४ : राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद् की..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३४४ : राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद् की समिति । १)राष्ट्रपति, इस संविधान के प्रारंभ से पांच वर्ष की समाप्ति पर और पत्पश्चात् ऐसे प्रारंभ से दस वर्ष की समाप्ति पर, आदेश द्वारा, एक आयोग गठित करेगा जो एक अध्यक्ष और आठवीं… more »
अनुच्छेद ३४३ : संघ की राजभाषा ।
भारत का संविधान : भाग १७ : राजभाषा : अध्याय १ : संघ की भाषा : अनुच्छेद ३४३ : संघ की राजभाषा । १) संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी । संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय रूप होगा । २) खंड… more »
अनुच्छेद ३४२ : अनुसूचित जनजातियां ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३४२ : अनुसूचित जनजातियां । १)राष्ट्रपति, १(किसी राज्य २(या संघ राज्यक्षेत्र ) के संबंध में और जहां वहां ३.(*) राज्य है वहां उसके राज्यपाल से ४.(*) परामर्श करने के पश्चात्) ५.लोक अधिसूचना द्वारा, उन जनजातियों या जनजाति समुदायों… more »
अनुच्छेद ३४१ : अनुसूचित जातियां ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३४१ : अनुसूचित जातियां । १)राष्ट्रपति, १.(किसी राज्य २.( या संघ राज्यक्षेत्र) के संबंध में और जहां वह ३.(*) राज्य है वहां उसके राज्यपाल ४.(*) से परामर्श करने के पश्चात्) लोक अधिसूचना५.() द्वारा, उन जातियों, मूलवंशों या… more »
अनुच्छेद ३४० : पिछडे वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३४० : पिछडे वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति । १)राष्ट्रपति भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछडे वर्गों की दशाओं के और जिन कठिनाइयों को वे झेल रहे हैं उनके अन्वेषण के लिए और उन… more »
अनुच्छेद ३३९ : अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३९ : अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण । १)राष्ट्रपति १.(***) राज्यों के अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में प्रतिवेदन देने के लिए… more »
अनुच्छेद ३३८ क : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३८ क : १.(राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग । १)अनुसूचित जनजातियों के लिए एक आयोग होगा जो राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के नाम से ज्ञात होगा । २) संसद् द्वारा इस निमित्त बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, आयोग एक अध्यक्ष,… more »
अनुच्छेद ३३८ : १.(राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ।)
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३८ : १.(राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ।) २.(३.(१) अनुसूचित जातियों के लिए एक आयोग होगा, जो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के नाम से ज्ञात होगा । २) संसद् द्वारा इस निमित्त बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, आयोग एक… more »
अनुच्छेद ३३७ : आंग्ल-भारतीय समुदाय के फायदे के लिए ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३७ : आंग्ल-भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध । इस संविधान के प्रारंभ के पश्चात्, प्रथम तीन वित्तीय वर्षाे के दौरान आंग्ल भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शिक्षा के संबंध में संघ और १.(***) प्रत्येक… more »
अनुच्छेद ३३६ : कुछ सेवाओं में आंग्ल- भारतीय समुदाय के ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३६ : कुछ सेवाओं में आंग्ल- भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंध । १) इस संविधान के प्रारंभ के पश्चात् , प्रथम दो वर्ष के दौरान, संघ की रेल, सीमाशुल्क, डाक और तार संबंधी सेवाओं में पदों के लिए आंग्ल- भारतीय समुदाय के सदस्यों की… more »
अनुच्छेद ३३५ : सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३५ : सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे । संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों के लिए नियुक्तियां करने में, अनुसूचित जातियों अौर अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों… more »
अनुच्छेद ३३४ : १.(स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३४ : १.(स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का कतिपय अवधि के पश्चात् न रहना) । इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, - क)लोक सभा में और राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों… more »
अनुच्छेद ३३३ : राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल- भारतीय ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३३ : राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल- भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व । अनुच्छेद १७० में किसी बात के होते हुए भी, यदि किसी राज्य के राज्यपाल १.(***) की यह राय है कि उस राज्य की विधान सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व… more »
अनुच्छेद ३३२ : राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३२ : राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण । १) १.(*) प्रत्येक राज्य की विधान सभा में अनुसूचित जातियों के लिए और २.(असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोडकर )… more »
अनुच्छेद ३३१ : लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३३१ : लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व । अनुच्छेद ८१ में किसी बात के होते हुए भी, यदि राष्ट्रपति की यह राय है कि लोक सभा में आंग्ल -भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है तो वह लोक सभा में उस समुदाय के… more »
अनुच्छेद ३३० : लोक सभा में अनुसूचित जातियों और ...
भारत का संविधान : भाग १६ : कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध : अनुच्छेद ३३० : लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण । १) लोक सभा में - क) अनुसूचित जातियों के लिए , १.(ख) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों… more »
अनुच्छेद ३२९ क : १((प्रधान मंत्री अध्यक्ष के मामले में संसद् के लिए ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२९ क : १((प्रधान मंत्री अध्यक्ष के मामले में संसद् के लिए निर्वाचनों के बारे में विशेष उपबंध ।) संविधान (चवालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७८ की धारा ३६ द्वारा (२०-६-१९७९ से) निरसित । ----------- १.संविधान (उनतालीसवां संशोधन)… more »
अनुच्छेद ३२९ : निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२९ : निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन । १.(इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी २.(***)- क) अनुच्छेद ३२७ या अनुच्छेद ३२८ के अधीन बनाई गई या बनाई जाने के लिए तात्पर्यित किसी ऐसी विधि की… more »
अनुच्छेद ३२८ : किसी राज्य के विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२८ : किसी राज्य के विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान-मंडल की शक्ति । इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए और जहां तक संसद् इस निमित्त उपबंध नहीं करती है वहां तक किसी राज्य का विधान-मंडल… more »
अनुच्छेद ३२७ : विधान -मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध मे ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२७ : विधान -मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध मे उपबंध करने की संसद् की शक्ति । इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संसद् समय-समय पर, विधि द्वारा, संसद् के प्रत्येक सदन या किसी राज्य के विधान-मंडल क सदन या प्रत्येक सदन के… more »
अनुच्छेद ३२६ : लोक सभा और राज्यों की विधान सभीओं के ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२६ : लोक सभा और राज्यों की विधान सभीओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना । लोक सभा और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति, जो भारत का नागरिक… more »
अनुच्छेद ३२५ : धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२५ : धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक- नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक- नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना । संसद् के प्रत्येक… more »
अनुच्छेद ३२४ : निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण ..
भारत का संविधान : भाग १५ : निर्वाचन : अनुच्छेद ३२४ : निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना । १) इस संविधान के अधीन संसद् और प्रत्येक राज्य के विधान-मंडल के लिए कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए तथा राष्ट्रपति और… more »
अनुच्छेद ३२३ख : अन्य विषयों के लिए अधिकरण ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२३ख : अन्य विषयों के लिए अधिकरण । १) समुचित विधान-मंडल, विधि द्वारा, ऐसे विवादों, प्ररिवादों या अपराधों के अधिकरणों द्वारा न्यायनिर्णयन या विचारण के लिए उपबंध कर सकेगा जो खंड (२) में विनिर्दिष्ट उन सभी या किन्हीं विषयों से… more »
अनुच्छेद ३२३क : प्रशासनिक अधिकरण ।
भारत का संविधान : १.( भाग १४ क : अधिकरण : अनुच्छेद ३२३क : प्रशासनिक अधिकरण । १) संसद् ,विधि द्वारा, संघ या किसी राज्य के अथवा भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अथवा सरकार के स्वामित्व या… more »
अनुच्छेद ३२३ : लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२३ : लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन । १)संघ आयोग का यह कर्तव्य होगा कि वह राष्ट्रपति को आयोग द्वारा किए गए कार्य के बारे में प्रतिवर्ष प्रतिवेदन दे और राष्ट्रपति ऐसा प्रतिवेदन प्राप्त होने पर उन मामलों के संबंध में, यदि कोई… more »
अनुच्छेद ३२२ : लोक सेवा आयोगों के व्यय ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२२ : लोक सेवा आयोगों के व्यय । संघ या राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय, जिनके अंतर्गत आयोग के सदस्यों या कर्मचारिवृंद को या उनके संबंध में संदेय कोई वेतन, भत्ते और पेंशन हैं, यथास्थिति, भारत की संचित निधि या राज्य की संचित निधि पर… more »
अनुच्छेद ३२१ : लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२१ : लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति । यथास्थिति, संसद् द्वारा या किसी राज्य के विधान- मंडल द्वारा बनाया गया कोई अधिनियम संघ लोक सेवा आयोग या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संघ की या राज्य की सेवाओं के संबंध… more »
अनुच्छेद ३२० : लोक सेवा आयोगों के कृत्य ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२० : लोक सेवा आयोगों के कृत्य । १)संघ और राज्य लोक सेवा आयोगों का यह कर्तव्य होगा कि वे क्रमश: संग की सेवाओं और राज्य की सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षाओं का संचालन करें । २) यदि संघ लोक सेवा आयोग से कोई दो या अधिक… more »
अनुच्छेद ३१९ : आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१९ : आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध । क) संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा ; ख) किसी राज्य लोक सेवा आयोग… more »
अनुच्छेद ३१८ : आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१८ : आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति । संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति और राज्य आयोग की दशा में उस राज्य का राज्यपाल १.*** विनियमों द्वारा - क) आयोग के… more »
अनुच्छेद ३१७ : लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१७ : लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना । १)खंड (३) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर किए गए राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से… more »
अनुच्छेद ३१६ : सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१६ : सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि । १) लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति, यदि वह संघ आयोग या संयुक्त आयोग है तो, राष्ट्रपति द्वारा और, यदि वह राज्य आयोग है तो, राज्य के राज्यपाल १.(*) द्वारा की जाएगी :… more »
अनुच्छेद ३१५ : संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग ।
भारत का संविधान : अध्याय २ : लोक सेवा आयोग : अनुच्छेद ३१५ : संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग । १) इस अनुच्छेद के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग और प्रत्येक राज्य के लिए एक लोक सेवा आयोग होगा । २) दो या अधिक राज्य यह करार कर… more »
अनुच्छेद ३१४ : कुछ सेवाओं के विद्यमान अधिकारियों के...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१४ : (कुछ सेवाओं के विद्यमान अधिकारियों के संरक्षण के लिए उपबंध ।) संविधान (अट्ठाइसवां संशोधन) अधिनियम, १९७२ की धारा ३ द्वारा (२९-८-१९७२ से ) निरसित । # Indian Constitution in Hindi article 314. # Constitution of India in… more »
अनुच्छेद ३१३ : संक्रमणकालीन उपबंध।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१३ : संक्रमणकालीन उपबंध। जब तक इस संविधान के अधीन इस निमित्त अन्य उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी सभी विधियां जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले प्रवृत्त हैं और किसी ऐसी लोक सेवा या किसी ऐसे पद को, जो इस संविधान के… more »
अनुच्छेद ३१२ क : १.(कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१२ क : १.(कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहत करने की संसद् की शक्ति । १)संसद्, विधि द्वारा - क) उन व्यक्तियों की, जो सेक्रेटरी ऑफ स्टेट द्वारा या सेक्रेटरी ऑफ स्टेट इन कौंसिल… more »
अनुच्छेद ३१२ : अखिल भारतीय सेवाएं ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१२ : अखिल भारतीय सेवाएं । १) १.(भाग ६ के अध्याय ६ या भाग ११ ) में किसी बात के होते हुए भी, यदि राज्य सभा ने उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा समर्थित संकल्प द्वारा यह घोषित किया है कि राष्ट्रीय… more »
अनुच्छेद ३११ : संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३११ : संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना । १)किसी व्यक्ति को जो संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का या राज्य की सिविल सेवा का… more »
अनुच्छेद ३१० : संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१० : संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि । १) इस संविधान द्वारा अभिव्यक्त रूप से यथाउपबंधित के सिवाय, प्रत्येक व्यक्ति जो रक्षा सेवा का या संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य है अथवा रक्षा से… more »
अनुच्छेद ३०९: संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३०९: संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें । इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, समुचित विधान-मंडल के अधिनियम संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित लोक सेवाओं और पदों के लिए भर्ती का और… more »
अनुच्छेद ३०८ : निर्वचन । संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं ..
भारत का संविधान : भाग १४ : संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं : अध्याय १ : सेवाएं : अनुच्छेद ३०८ : निर्वचन । इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, राज्य पद १.( के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं है । ) -------- १.संविधान (सातवां संशोधन)… more »