Archives for: "July 2018"
अनुच्छेद २४३ त : परिभाषाएं । नगरपालिकाएं :
भारत का संविधान : १.(भाग ९क नगरपालिकाएं : अनुच्छेद २४३ त : परिभाषाएं । इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, - क) समिति से अनुच्छेद २४३ ध के अधीन गठित समिति अभिप्रेत है; ख) जिला से किसी राज्य का जिला अभिप्रेत है ; ग) महानगर क्षेत्र से दस… more »
अनुच्छेद २४३ ण : निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ण : निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, - क) अनुच्छेद २४३ ट के अधीन बनाई गई या बनाई जाने के लिए तात्पर्यित किसी ऐसी विधि की विधिमान्यता, जो… more »
अनुच्छेद २४३ ढ : विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ढ : विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना । इस भाग में किसी बात के होते हुए भी, संविधान (तिहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, १९९२ के प्रारंभ के ठीक पूर्व किसी राज्य में प्रवृत्त पंचायतों से संबंधित किसी विधि का कोर्स उपबंध, जो… more »
अनुच्छेद २४३ ड : इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ड : इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना । १)इस भाग की कोई बात अनुच्छेद २४४ के खंड १ में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों और उसके खंड २ में निर्दिष्ट जनजाति क्षेत्रों को लागू नहीं होगी । २)इस भाग कोई बात निम्नलिखित को लागू… more »
अनुच्छेद २४३ ठ : संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ठ : संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना । इस भाग के उपबंध संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होंगे और किसी संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होंगे और किसी संघ राज्यक्षेत्र को उनको लागू होने में इस प्रकार प्रभावी होंगे मानो किसी राज्य के… more »
अनुच्छेद २४३ ट : पंचायतों के लिए निर्वाचन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ट : पंचायतों के लिए निर्वाचन । १)पंचायतों के लिए कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार कराने का और उन सभी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण एक राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा,… more »
अनुच्छेद २४३ ञ : पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ञ : पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा । किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, पंचायतों द्वारा लेखे रखे जाने और ऐसे लेखाओं की संपरीक्षा करने के बारे में उपबंध कर सकेगा । #Indian Constitution in Hindi article 243J.… more »
अनुच्छेद २४३ झ : वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ झ : वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन । १) राज्य का राज्यपाल, संविधान (तिहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, १९९२ के प्रारंभ से एक वर्ष के भीतर यथाशीघ्र, और तत्पश्चात्, प्रत्येक पांचवें वर्ष की समाप्ति पर, वित्त… more »
अनुच्छेद २४३ ज : पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ज : पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां । किसी राज्य का विधान -मंडल, विधि द्वारा, - क) ऐसे कर, शुल्क, पथकर और फीसें उद्गृहीत, संगृहीत और विनियोजित करने के लिए किसी पंचायत को, ऐसी प्रक्रिया के… more »
अनुच्छेद २४३ छ : पंचायतों की शक्तियां प्राधिकार और उत्तरदायित्व ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ छ : पंचायतों की शक्तियां प्राधिकार और उत्तरदायित्व । संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, पंचायतों को ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान कर सकेगा, जो उन्हें स्वायत्त शासन की संस्थाओं के… more »
अनुच्छेद २४३ च : सदस्यता के लिए निरर्हताएं ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ च : सदस्यता के लिए निरर्हताएं । १) कोई व्यक्ति किसी पंचायत का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए निरर्हित होगा ,- क)यदि वह संबंधित राज्य के विधान-मंडल के निर्वाचनों के प्रयोजनों के लिए तत्समय प्रवृत्त किसी विधि… more »
अनुच्छेद २४३ड : पंचायतों की अवधि, आदि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ड : पंचायतों की अवधि, आदि । (१) प्रत्येक पंचायत, यदि तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन पहले ही विघटित नहीं कर दी जाती है तो, अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से पांच वर्ष तक बनी रहेगी, इससे अधिक नहीं । २)तत्समय प्रवृत्त… more »
अनुच्छेद २४३घ : स्थानों का आरक्षण ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३घ : स्थानों का आरक्षण । १)प्रत्येक पंचायत में - क) अनुसूचित जातियों; और ख) अनुसूचित जनजातियों, के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस पंचायत में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने… more »
अनुच्छेद २४३ ग : पंचायतों की संरचना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ग : पंचायतों की संरचना । १) इस भाग के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, पंचायतों की संरचना की बाबत उपबंध कर सकेगा : परंतु किसी भी स्तर पर पंचायत के प्रादेशिक क्षेत्र की जनसंख्या का ऐसी पंचायत… more »
अनुच्छेद २४३ ख : पंचायतों का गठन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३ ख : पंचायतों का गठन । १) प्रत्येक राज्य में ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर इस भाग के उपबंधों के अनुसार पंचायतों का गठन किया जाएगा । २)खंड (१) में किसी बात के होते हुए भी, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत का उस राज्य में गठन नहीं… more »
अनुच्छेद २४३क : ग्राम सभा ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४३क : ग्राम सभा । ग्राम सभा, ग्राम स्तर पर ऐसी शक्तियों का प्रयोग और ऐसे कृत्यों का पालन कर सकेगी, जो किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा, विधि द्वारा, उपबंधित किए जाएं । #Indian Constitution in Hindi article 243A. #Constitution… more »
अनुच्छेद २४३ : परिभाषाएं । पंचायत :
भारत का संविधान : १.( भाग ९ पंचायत : अनुच्छेद २४३ : परिभाषाएं । इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, - क) जिला से किसी राज्य का जिला अभिप्रेत है ; ख) ग्राम सभा से ग्राम स्तर पर पंचायत के क्षेत्र के भीतर समाविष्ट किसी ग्राम से संबंधित… more »
अनुच्छेद २४२ : (कोडगू।) :
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४२ : (कोडगू।) : संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा निरसित । #Indian Constitution in Hindi article 242. #Constitution of India in hindi article 242. INSTALL Android APP For Full Access Purchase… more »
अनुच्छेद २४१ : संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४१ : संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय । १)संसद् विधि द्वारा, किसी १.(संघ राज्यक्षेत्र ) के लिए उच्च न्यायालय गठित कर सकेगी या २.(ऐसे संघ राज्यक्षेत्र) में किसी न्यायालय को इस संविधान के सभी या किन्हीं प्रयोजनों के लिए… more »
अनुच्छेद २४० : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २४० : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति । १)राष्ट्रपति - क) अंदमान और निकोबार द्वीप ; १.((ख)लक्षद्वीप ;) २.((ग) दादरा और नागर हवेली;) ३.((घ) दमण और दीव;) ४.(ड) ५(पुड्डचेरी);्) ६.( * * * *) ७.( *… more »
अनुच्छेद २३९ख : विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३९ख : विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति । १.(१) उस समय को छोडकर जब २.(३.(पुडुचेरी) संघ राज्यक्षेत्र) का विधान-मंडल सत्र में है, यदि किसी समय उसके प्रशासक का यह समाधान हो जाता है कि… more »
अनुच्छेद २३९ कख : १.(सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३९ कख : १.(सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध । यदि राष्ट्रपति का, उप-राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि,- क)ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र का… more »
अनुच्छेद २३९कक : दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३९कक : दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध । १.((१) संविधान (उनहत्तरवां संशोधन ) अधिनियम, १९९१ के प्रारंभ से दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र (जिसे इस भाग में इसके पश्चात् राष्ट्रीय राजधानी… more »
अनुच्छेद २३९ क : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान - मंडलों या ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३९ क : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान - मंडलों या मंत्रिपरिषदों का या दोनों का सृजन । १.((१) संसद्, विधि द्वारा २.(३.पुडुचेरी), संघ राज्यक्षेत्र के लिए,) - क) उस संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल के रूप में कार्य… more »
अनुच्छेद २३९ : संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन ।
भारत का संविधान : भाग ८ १.(संघ राज्यक्षेत्र ) : अनुच्छेद २३९ : संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन । २.((१) संसद् द्वारा बनाई गई विधि द्वारा यथा अन्यथा उपबंधित के सिवाय, प्रत्येक संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा, और वह अपने द्वारा ऐसे… more »
अनुच्छेद २३8 : भाग ७ : (पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य ।)
भारत का संविधान : भाग ७ : (पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य ।) संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा निरसित । #Indian Constitution in Hindi article 238. #Constitution of India in hindi article 238. INSTALL Android APP For… more »
अनुच्छेद २३७ : कुछ वर्ग या वर्गो के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबंधों का लागू होना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३७ : कुछ वर्ग या वर्गो के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबंधों का लागू होना । राज्यपाल, लोक अधिसूचना द्वारा, निदेश दे सकेगा कि इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंध और उनके अधीन बनाए गए नियम ऐसी तारीख से, जो वह इस निमित्त नियत करे,… more »
अनुच्छेद २३६ : निर्वचन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३६ : निर्वचन । इस अध्याय में, - क) जिला न्यायाधीश पद के अंतर्गत नगर सिविल न्यायालय का न्यायाधीश, अपर जिला न्यायाधीश, संयुक्त जिला न्यायाधीश, सहायक जिला न्यायाधीश, लघुवाद न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश, मुख्य प्रेसिडेंसी… more »
अनुच्छेद २३५ : अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३५ : अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण । जिला न्यायालयों और उनके अधीनस्थ न्यायालयों का नियंत्रण, जिसके अंतर्गत राज्य की न्यायिक सेवा के व्यक्तियों और जिला न्यायाधीश के पद से अवर किसी पद को धारण करने वाले व्यक्तियों की पदस्थापना,… more »
अनुच्छेद २३४ : न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३४ : न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती । जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की किसी राज्य की न्यायिक सेवा में नियुक्ति उस राज्य के राज्यपाल द्वारा, राज्य लोक सेवा आयोग से और ऐसे राज्य के संबंध… more »
अनुच्छेद २३३ क : कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३३ क : कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण। १.( किसी न्यायालय का कोई निर्णय, डिक्री या आदेश होते हुए भी, - क) (एक) उस व्यक्ति की जो राज्य की न्यायिक सेवा में पहले से ही है… more »
अनुच्छेद २३३ : जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति ।
भारत का संविधान : अध्याय ६ : अधीनस्थ न्यायालय : अनुच्छेद २३३ : जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति । १) किसी राज्य में जिला न्यायाधीश नियुक्त होने वाले व्यक्तियों की नियुक्ति तथा जिला न्यायाधीश की पदस्थापना और प्रोन्नति उस राज्य का राज्यपाल ऐसे राज्य के संबंध… more »
अनुच्छेद २३१ : दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३१ : दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना । १) इस अध्याय के पूर्ववर्ती उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद् विधि द्वारा, दो या अधिक राज्यों के लिए अथवा दो या अधिक राज्यों और किसी संघ राज्यक्षेत्र के… more »
अनुच्छेद २३० : उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर विस्तार ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २३० : उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर विस्तार । १.((१) संसद्, विधि द्वारा, किसी संघ राज्यक्षेत्र पर किसी उच्च न्यायालय की अधिकारिता का विस्तार कर सकेगी या किसी संघ राज्यक्षेत्र से किसी उच्च न्यायालय की… more »
अनुच्छेद २२९ : उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२९ : उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय । १) किसी उच्च न्यायालय के अधिकारियों और सेवकों की नियुक्तियां उस न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति करेगा या उस न्यायालय का ऐसा अन्य न्यायाधीश या अधिकारी करेगा जिसे वह निदिष्ट करे… more »
अनुच्छेद २२८ क : राज्य विधियों की संविधानिक वैधता से संबंधित ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२८ क : १.(राज्य विधियों की संविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निपटारे के बारे में विशेष उपबंध।) संविधान (तैंतालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७७ की धारा १० द्वारा (१३-४-१९७८ से ) निरसित । --------- १.संविधान (बयालीसवां संशोधन)… more »
अनुच्छेद २२८ : कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२८ : कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण । यदि उच्च न्यायालय का यह समाधान हो जाता है कि उसके अधीनस्थ किसी न्यायालय में लंबित किसी मामले में इस संविधान के निर्वचन के बारे में विधि का कोई सारवान् प्रश्न अंतर्वलित है जिसका… more »
अनुच्छेद २२७ : सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२७ : सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति । १.(१) प्रत्येक उच्च न्यायालय उन राज्यक्षेत्रों में सर्वत्र जिनके संबंध में वह अपनी अधिकारिता का प्रयोग करता है, सभी न्यायलयों और अधिकरणों का अधीक्षण करेगा ) २)… more »
अनुच्छेद २२६ क : १.(अनुच्छेद २२६ के अधीन कार्यवाहियों में केन्द्रीय विधियों ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२६ क : १.(अनुच्छेद २२६ के अधीन कार्यवाहियों में केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता पर विचार न किया जाना। ) संविधान (तैंतालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७७ की धारा ८ द्वारा (१३-४-१९७८ से) निरसित । ------------ १.संविधान… more »
अनुच्छेद २२६ : कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२६ : कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति । १.((१) अनुच्छेद ३२ में किसी बात के होते हुए भी २.(***) प्रत्येक उच्च न्यायालय को उन राज्यक्षेत्रों में सर्वत्र, जिनके संबंध में वह अपनी अधिकारिता का प्रयोग करता है, ३.(भाग ३… more »
अनुच्छेद २२५ : विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२५ : विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता। इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए और इस संविधान द्वारा समुचित विधान-मंडल को प्रदत्त शक्तियों के आधार पर उस विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी… more »
अनुच्छेद २२४क : उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२४क : उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति । १.(इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, २.(राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग किसी राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा उसे किए गए किसी… more »
अनुच्छेद २२४ : अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२४ : अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति । १.((१) यदि किसी उच्च न्यायालय के कार्य में किसी अस्थायी वृध्दि के कारण या उसमें कार्य की बकाया के कारण राष्ट्रपति को यह प्रतीत होता है कि उस न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या को… more »
अनुच्छेद २२३ : कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२३ : कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति । जब किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति का पद रिक्त है या जब ऐसा मुख्य न्यायमूर्ति अनुपस्थिति के कारण या अन्यथा अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ है तब न्यायालय के… more »
अनुच्छेद २२२ : किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय सें दूसरे उच्च ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२२ : किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय सें दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण । (१) राष्ट्रपति, १.(अनुच्छेद १२४क में निर्दिष्ट राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की सिफारिश पर ) २.(***) किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे… more »
अनुच्छेद २२१ : न्यायाधीशों के वेतन आदि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२१ : न्यायाधीशों के वेतन आदि । १.((१) प्रत्येक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को ऐसे वेतनों का संदाय किया जाएगा जो संसद्, विधि द्वारा, अवधारित करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसे वेतनों का संदाय… more »
अनुच्छेद २२० : स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात् विधि व्यवसाय पर निर्बंधन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २२० : स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात् विधि व्यवसाय पर निर्बंधन । १(कोई व्यक्ति, जिसने इस संविधान के प्रारंभ के पश्चात् किसी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद धारण किया है, उच्चतम न्यायालय और अन्य उच्च न्यायालयों… more »
अनुच्छेद २१९ : उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २१९ : उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान । १.(***)उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होने के लिए नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति, अपना पद ग्रहण करने से पहले, उस राज्य के राज्यपाल या उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति… more »
अनुच्छेद २१८ : उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद २१८ : उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों को लागू होना । अनुच्छेद १२४ के खंड (४) और खंड (५) के उपबंध, जहां-जहां उनमें उच्चतम न्यायालय के प्रति निर्देश है वहां -वहां उच्च न्यायालय के प्रति निर्देश… more »
अनुच्छेद २१७ : उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद २१७ : उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें । १) १.( अनुच्छेद १२४ क में निर्दिष्ट राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की सिफारिश पर, राष्ट्रपति ) अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा उच्च न्यायालय के… more »
अनुच्छेद २१६ : उच्च न्यायालयों का गठन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २१६ : उच्च न्यायालयों का गठन । प्रत्येक उच्च न्यायालय मुख्य न्यायमूर्ति और ऐसे अन्य न्यायाधीशों से मिलकर बनेगा जिन्हें राष्ट्रपति समय-समय पर नियुक्त करना आवश्यक समझे । १.( * * * * *) --------- १.संविधान (सातवां संशोधन)… more »
अनुच्छेद २१५ : उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २१५ : उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना । प्रत्येक उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय होगा और उसको अपने अवमान के लिए दंड देने की शक्ति सहित ऐसे न्यायालय की सभी शक्तियां होंगी । #Indian Constitution in Hindi article 215.… more »
अनुच्छेद २१४: राज्यों के लिए उच्च न्यायालय ।
भारत का संविधान : अध्याय ५ : राज्यों के उच्च न्यायालय : अनुच्छेद २१४: राज्यों के लिए उच्च न्यायालय । १.(***) प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा । २.( * * * * *) --------- १.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा… more »
अनुच्छेद २१३ : विधान- मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने ...
भारत का संविधान : अध्याय ४ : राज्यपाल की विधायी शक्ति : अनुच्छेद २१३ : विधान- मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति । १)उस समय को छोडकर जब किसी राज्य की विधान सभा सत्र में है या विधान परिषद् वाले राज्य में विधान-मंडल के… more »
अनुच्छेद २१२ : न्यायालयों द्वारा विधान-मंडल की कार्यवाहियों की जांच ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद २१२ : न्यायालयों द्वारा विधान-मंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना । १)राज्य के विधान-मंडल की किसी कार्यवाही की विधिमान्यता को प्रक्रिया की किसी अभिकथित अनियमितता के आधार पर प्रश्नगत नहीं किया जाएगा । २) राज्य के… more »
अनुच्छेद २११ : विधान-मंडल में चर्चा पर निर्बंधन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २११ : विधान-मंडल में चर्चा पर निर्बंधन । उच्चतम न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश के अपने कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए, आचरण के विषय में राज्य के विधान-मंडल में कोई चर्चा नहीं होगी । #Indian Constitution in… more »
अनुच्छेद २१० : विधान-मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २१० : विधान-मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा । १) भाग १७ में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु अनुच्छेद ३४८ के उपबंधों के अधीन रहते हुए, राज्य के विधान-मंडल में कार्य राज्य की राजभाषा या राजभाषाओं में या हिन्दी में या अंग्रेजी… more »
अनुच्छेद २०९ : राज्य के विधान- मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का...
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०९ : राज्य के विधान- मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन । किसी राज्य का विधान-मंडल, वित्तीय कार्य को समय के भीतर पूरा करने के प्रयोजन के लिए किसी वित्तीय विषय से संबंधित या राज्य की संचित निधि में… more »
अनुच्छेद २०८ : प्रक्रिया के नियम ।
भारत का संविधान : साधारणतया प्रक्रिया : अनुच्छेद २०८ : प्रक्रिया के नियम । १) इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, राज्य के विधान- मंडल का कोई सदन अपनी प्रक्रिया और अपने कार्य -संचालन के विनियमन के लिए नियम बना सकेगा । २) जब तक खंड (१) के अधीन नियम… more »
अनुच्छेद २०७ : वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०७ : वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध । १) अनुच्छेद १९९ के खंड (१) के उपखंड (क) से उपखंड (च) में विनिर्दिष्ट किसी विषय के लिए उपबंध करने वाला विधेयक या संशोधन राज्यपाल की सिफारिश से ही पुर:स्थापित या प्रस्तावित किया… more »
अनुच्छेद २०६: लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०६: लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान । १)इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य की विधान सभा को - क)किसी वित्तीय वर्ष के भाग के लिए प्राक्कलित व्यय के संबंध में कोई अनुदान, उस अनुदान के… more »
अनुच्छेद २०५ : अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०५ : अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान । १)यदि - क) अनुच्छेद २०४ के उपबंधों के अनुसार बनाई गई किसी विधि द्वारा किसी विशिष्ट सेवा पर चालू वित्तीय वर्ष के लिए व्यय किए जाने के लिए प्राधिकृत कोई रकम उस वर्ष के प्रयोजनों के लिए… more »
अनुच्छेद २०४ : विनियोग विधेयक ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०४ : विनियोग विधेयक । १) विधान सभा द्वारा अनुच्छेद २०३ के अधीन अनुदान किए जाने के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र, राज्य की संचित निधि में से - क) विधान सभा द्वारा इस प्रकार किए गए अनुदानों की, और ख) राज्य की संचित निधि पर भारित,… more »
अनुच्छेद २०३ : विधान-मंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०३ : विधान-मंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया । १)प्राक्कलनों में से जितने प्राक्कलन राज्य की संचित निधि पर भारित व्यय से संबंधित है वे विधान सभा में मतदान के लिए नहीं रखे जाएंगे, किन्तु इस खंड की किसी बात का यह अर्थ… more »
अनुच्छेद २०२ : वार्षिक वित्तीय विवरण ।
भारत का संविधान : वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया : अनुच्छेद २०२ : वार्षिक वित्तीय विवरण । १) राज्यपाल प्रत्येक वित्तीय वर्ष के संबंध में राज्य के विधान-मंडल के सदन या सदनों के समक्ष उस राज्य की उस वर्ष के लिए प्राक्तलित प्राप्तियों और व्यय का… more »
अनुच्छेद २०१ : विचार के लिए आरक्षित विेधेयक ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०१ : विचार के लिए आरक्षित विेधेयक । जब कोई विधेयक राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रख लिया जाता है तब राष्ट्रपति घोषित करेगा कि वह विधेयक पर अनुमति देता है या अनुमति रोक लेता है : परंतु जहां विधेयक धन विधेयक… more »
अनुच्छेद २०० : विधेयकों पर अनुमति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद २०० : विधेयकों पर अनुमति । जब कोई विधेयक राज्य की विधान सभा द्वारा या विधान परिषद् वाले राज्य में विधान -मंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया गया है तब वह राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और राज्यपाल घोषित करेगा कि वह… more »
अनुच्छेद १९९ : धन विधेयक की परिभाषा ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १९९ : धन विधेयक की परिभाषा । १)इस अध्याय के प्रयोजनों के लिए, कोई विधेयक धन विधेयक समझा जाएगा यदि उसमें केवल निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों से संबंधित उपबंध है, अर्थात् - क) किसी कर अधिरोपण, उत्सादन, परिहार, परिवर्तन या… more »
अनुच्छेद १९८ : धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १९८ : धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया । १)धन विधेयक विधान परिषद् में पुर:स्थापित नहीं किया जाएगा । २)धन विधेयक विधान परिषद् वाले राज्य की विधान सभा द्वारा पारित किए जाने के पश्चात् विधान परिषद् को उसकी सिफारिशों के… more »
अनुच्छेद १९७ : धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद् ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद १९७ : धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद् की शक्तियों पर निर्बंधन । १) यदि विधान परिषद् वाले राज्य की विधान सभा द्वारा किसी विधेयक के पारित किए जाने और विधान परिषद् को पारेषित किए जाने के पश्चात् - क)विधान… more »
अनुच्छेद १९६ : विधेयकों के पुर:स्थापन और पारित किए जाने के संबंध..
भारत का संविधान : विधायी प्रक्रिया : अनुच्छेद १९६ : विधेयकों के पुर:स्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध । १)धन विधेयकों और अन्य वित्त विधेयकों के संबंध में अनुच्छेद १९८ और अनुच्छेद २०७ के उपबंधों के अधीन रहते हुए, कोई विधेयक विधान परिषद् वाले… more »
अनुच्छेद १९५ : सदस्यों के वेतन और भत्ते ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १९५ : सदस्यों के वेतन और भत्ते । राज्य की विधान सभा और विधान परिषद् के सदस्य ऐसे वेतन और भत्ते, जिन्हें उस राज्य का विधान-मंडल, समय-समय पर, विधि द्वारा, अवधारित करे और जब तक इस संबंध में इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक… more »
अनुच्छेद १९४ : विधान-मंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और ...
भारत का संविधान : राज्यों के विधान-मंडलों और उनके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां : अनुच्छेद १९४ : विधान-मंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार, आदि । १)इस संविधान के उपबंधों के और विधान-मंडल की… more »
अनुच्छेद १९३ : अनुच्छेद १८८ के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद १९३ : अनुच्छेद १८८ के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति । यदि किसी राज्य की विधान सभा या विधान परिषद् में कोई व्यक्ति अनुच्छेद १८८ की अपेक्षाओं… more »
अनुच्छेद १९२: सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय ।
भारत का संविधान : १.अनुच्छेद १९२: सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय । (१)यदि यह प्रश्न उठता है कि किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य अनुच्छेद १९१ के खंड (१) में वर्णित किसी निरर्हता से ग्रस्त हो गया है या नहीं तो वह… more »
अनुच्छेद १९१ : सदस्यता के लिए निरर्हताएं ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १९१ : सदस्यता के लिए निरर्हताएं । १)कोई व्यक्ति किसी राज्य की विधान सभा या विधान परिषद् का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए निरर्हित होगा - क)यदि वह भारत सरकार के या पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी राज्य की सरकार… more »
अनुच्छेद १९० : स्थानों का रिक्त होना ।
भारत का संविधान : सदस्यों की निरर्हताएं : अनुच्छेद १९० : स्थानों का रिक्त होना । १) कोई व्यक्ति राज्य के विधान-मंडल के दोनों सदनों का सदस्य नहीं होगा और जो व्यक्ति दोनों सदनों का सदस्य चुन लिया जाता है उसके एक या दूसरे सदन के स्थान को रिक्त करने के लिए… more »
अनुच्छेद १८९ : सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८९ : सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति। १) इस संविधान में यथा अन्यथा उपबंधित के सिवाय, किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन की बैठक में सभी प्रश्नों का अवधारण, अध्यक्ष या… more »
अनुच्छेद १८८ : सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान ।
भारत का संविधान : कार्य संचालन : अनुच्छेद १८८ : सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान । राज्य की विधान सभा या विधान परिषद् का प्रत्येक सदस्य अपना स्थान ग्रहण करने से पहले, राज्यपाल या उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति के समक्ष, तीसरी अनुसूची में इस… more »
अनुच्छेद १८७ : राज्य के विधान-मंडल का सचिवालय ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८७ : राज्य के विधान-मंडल का सचिवालय । १)राज्य के विधान-मंडल के सदन या प्रत्येक सदन का पृथक् सचिवीय कर्मचारिवृन्द होगा : परंतु विधान परिषद् वाले राज्य के विधान -मंडल की दशा में, इस खंड की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा… more »
अनुच्छेद १८६ : अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८६ : अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते । विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को तथा विधान परिषद् के सभापति और उपसभापति को, ऐसे वेतन और भत्तों का जो राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, नियत करे और जब तक… more »
अनुच्छेद १८५ : जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८५ : जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना । १)विधान परिषद् की किसी बैठक में, जब सभापति को उसके पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब सभापति, या जब उपसभापति,को उसके पद से… more »
अनुच्छेद १८४ : सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८४ : सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति । १)जब सभापति का पद रिक्त है तब उपसभापति, यदि उपसभापति का पद भी रिक्त है तो विधान परिषद् का ऐसा सदस्य, जिसको… more »
अनुच्छेद १८३ : सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८३ : सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना । विधान परिषद् के सभापति या उपसभापति के रूप में पद धारण करने वाला सदस्य - क) यदि विधान परिषद् का सदस्य नहीं रहता है तो अपना पद रिक्त कर देगा ; ख) किसी भी… more »
अनुच्छेद १८२ : विधान परिषद् का सभापति और उपसभापति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८२ : विधान परिषद् का सभापति और उपसभापति । विधान परिषद् वाले प्रत्येक राज्य की विधान परिषद् यथाशीघ्र, अपने दो सदस्यों को अपना सभापति और उपसभापति चुनेगी और जब-जब सभापति या उपसभापति का पद रिक्त होता है तब-तब परिषद् किसी अन्य… more »
अनुच्छेद १८१ : जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८१ : जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना । १)विधान सभा की किसी बैठक में, जब अध्यक्ष को उसके पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब अध्यक्ष, या जब उपाध्यक्ष को उसके पद से… more »
अनुच्छेद १८० : अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८० : अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति । १)जब अध्यक्ष का पद रिक्त है तो उपाध्यक्ष, या यदि उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है तो विधान सभा का ऐसा सदस्य,… more »
अनुच्छेद १७९ : अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७९ : अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना । विधान सभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के रूप में पद धारण करने वाला सदस्य - क) यदि विधान सभा का सदस्य नहीं रहता है तो अपना पद रिक्त कर देगा ; ख) किसी भी… more »
अनुच्छेद १७८ : विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ।
भारत का संविधान : राज्य के विधान - मंडल के अधिकारी : अनुच्छेद १७८ : विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष । प्रत्येक राज्य की विधान सभा, यथाशक्य शीघ्र, अपने दो सदस्यों का अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनेगी और जब-जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होता है… more »
अनुच्छेद १७७ : सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७७ : सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार । प्रत्येक मंत्री और राज्य के महाधिवक्ता को यह अधिकार होगा कि वह उस राज्य की विधान सभा में या विधान परिषद् वाले राज्य की दशा में दोनों सदनों में बोले और उनकी… more »
अनुच्छेद १७६ : राज्यपाल का विशेष अभिभाषण ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७६ : राज्यपाल का विशेष अभिभाषण । (१) राज्यपाल, १.(विधान सभा के लिए प्रत्येक साधारण निर्वाचन के पश्चात् प्रथम सत्र के आरंभ में और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ में ) विधान सभा में या विधान परिषद् वाले राज्य की दशा में एक… more »
अनुच्छेद १७५ : सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७५ : सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार । १) राज्यपाल, विधान सभा में या विधान परिषद् वाले राज्य की दशा में उस राज्य के विधान- मंडल के किसी एक सदन में या एक साथ समवेत दोनों सदनों में, अभिभाषण… more »
अनुच्छेद १७४ : राज्य के विधान -मंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन ।
भारत का संविधान : १.अनुच्छेद १७४ : राज्य के विधान -मंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन । १) राज्यपाल, समय- समय पर, राज्य के विधान- मंडल के सदन या प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा, किंतु उसके एक सत्र की अंतिम… more »
अनुच्छेद १७३ : राज्य के विधान -मंडल की सदस्यता के लिए अर्हता ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७३ : राज्य के विधान -मंडल की सदस्यता के लिए अर्हता । कोई व्यक्ति किसी राज्य के विधान - मंडल के किसी स्थान को भरने के लिए चुने जाने के लिए अर्हित तभी होगा जब - १.((क) वह भारत का नागरिक है और निर्वाचन आयोग द्वारा इस निमित्त… more »
अनुच्छेद १७२ : राज्यों के विधान -मंडलों की अवधि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७२ : राज्यों के विधान -मंडलों की अवधि । १) प्रत्येक राज्य की प्रत्येक विधान सभा, यदि पहले ही विघटित नहीं कर दी जाती है तो, अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से १.(पांच वर्ष) तक बनी रहेगी, इससे अधिक नहीं और १(पांच वर्ष ) की… more »
अनुच्छेद १७१ : विधान परिषदों की संरचना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७१ : विधान परिषदों की संरचना । १) विधान परिषद् वाले राज्य की विधान परिषद् के सदस्यों की कुल संख्या उस राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के १.(एक- तिहाई ) से अधिक नहीं होगी : परंतु किसी राज्य की विधान परिषद् के… more »
अनुच्छेद १७०: विधान सभाओं की संरचना ।
भारत का संविधान : १.अनुच्छेद १७०: विधान सभाओं की संरचना । १) अनुच्छेद ३३३ के उपबंधों के अधीन रहते हुए, प्रत्येक राज्य की विधान सभा उस राज्य में प्रादेशिक निर्वाचन- क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने हुए पांच सौ से अनधिक और साठ से अन्यून सदस्यों… more »
अनुच्छेद १६९ : राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १६९ : राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन । १)अनुच्छेद १६८ में किसी बात के होते हुए भी, संसद् विधि द्वारा किसी विधान परिषद् वाले राज्य में विधान परिषद के उत्सादन के लिए या ऐसे राज्य में, जिसमें विधान परिषद् नहीं है,… more »
अनुच्छेद १६८ : राज्यों के विधान -मंडलों का गठन ।
भारत का संविधान : अध्याय ३ : राज्य का विधान- मंडल : साधारण : अनुच्छेद १६८ : राज्यों के विधान -मंडलों का गठन । १) प्रत्येक राज्य के लिए एक विधान -मंडल होगा जो राज्यपाल और - क) १.* २.(आध्रप्रदेश ), बिहार, ३.* ४.(मध्य प्रदेश ) ५.*, ६.(महाराष्ट्र),… more »
अनुच्छेद १६७ : राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १६७ : राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य । प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि वह - क) राज्य के कार्यों के प्रशासन संबंधी और विधान विषयक प्रस्थापनाओं संबंधी मंत्रिपरिषद् के सभी… more »