Archives for: "July 2018"
अनुच्छेद ७३ : संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ७३ : संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार । १) इस संविधान के उपबंधो के अधीन रहते हुए, संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार - क)जिन विषयों के संबंध में संसद् को विधि बनाने की शक्ति है उन तक, और ख)किसी संधि या करार के आधार पर भारत… more »
अनुच्छेद ७२ : क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ७२ : क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति । १) राष्ट्रपति को, किसी अपराध के लिए सिध्ददोष ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की अथवा… more »
अनुच्छेद ७१ : राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त विषय ।
भारत का संविधान : १.अनुच्छेद ७१ : राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त विषय । (१)राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से उत्पन्न या संसक्त सभी शंकाओं और विवादों की जांच और विनिश्चय उच्चतम न्यायालय द्वारा किया जाएगा और उसका… more »
अनुच्छेद ७० : अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ७० : अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन । संसद्, ऐसी किसी आकस्मिकता में जो इस अध्याय में जो इस अध्याय में उपबंधित नहीं है, राष्ट्रपति के कृत्यों के निर्वहन के लिए ऐसा उपबंध कर सकेगी जो वह ठीक समझे । Indian… more »
अनुच्छेद ६९ : उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६९ : उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान । प्रत्येक उपराष्ट्रपति अपना पदग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष निम्निलिखित प्ररूप में शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर… more »
अनुच्छेद ६८ : उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६८ : उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि । १) उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, पदावधि की… more »
अनुच्छेद ६७ : उपराष्ट्रपति की पदावधि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६७ : उपराष्ट्रपति की पदावधि । उपराष्ट्रपति अपने पदग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा : परंतु - क) उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा; ख) उपराष्ट्रपति, राज्य… more »
अनुच्छेद ६६ : उपराष्ट्रपति का निर्वाचन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६६ : उपराष्ट्रपति का निर्वाचन । १) उपराष्ट्रपति का निर्वाचन १.(संसद् के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण के सदस्यों ) द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पध्दति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा और ऐसे… more »
अनुच्छेद ६५ : राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६५ : राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन । १)राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से उसके पद… more »
अनुच्छेद ६४ : उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६४ : उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना । उपराष्ट्रपति, राज्य सभा का पदेन सभापति होगा और अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा : परंतु जिस किसी अवधि के दौरान उपराष्ट्रपति, अनुच्छेद ६५ के अधीन राष्ट्रपति के रूप में… more »
अनुच्छेद ६३ : भारत का उपराष्ट्रपति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६३ : भारत का उपराष्ट्रपति । भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा । Indian Constitution in Hindi article 63. Constitution of India in hindi article 63. INSTALL Android APP For Full Access Purchase Paid Membership : Price -150 / Yearly.… more »
अनुच्छेद ६२ : राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६२ : राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि। १)राष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, पदावधि की समाप्ति से… more »
अनुच्छेद ६१ : राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६१ : राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया । (१) जब संविधान के अतिक्रमण के लिए राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाना हो, तब संसद् का कोई सदन आरोप लगाएगा । २)ऐसी कोई आरोप तब तक नहीं लगाया जाएगा जब तक कि- क) ऐसा आरोप लगाने की… more »
अनुच्छेद ६० : राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६०: राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान। प्रत्येक राष्ट्रपति और प्रत्येक व्यक्ति, जो राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहा है या उसके कृत्यों का निर्वहन कर रहा है, अपना पद ग्रहण करने से पहले भारत के मुख्य न्यायमूर्ति या उसकी… more »
अनुच्छेद ५९ : राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५९ : राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें । १)राष्ट्रपति संसद् के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान- मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद् के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान- मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य राष्ट्रपति… more »
अनुच्छेद ५८ : राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५८ : राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं । १) कोई व्यक्ति राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र तभी होगा जब वह - क) भारत का नागरिक है, ख) पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, और ग) लोक सभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए… more »
अनुच्छेद ५७ : पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५७ : पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता । कोई व्यक्ति, जो राष्ट्रपति के रूप में पद धारण करता है या कर चुका है, इस संविधान के अन्य उपबंधो के अधीन रहते हुए उस पद के लिए पुनर्निर्वाचन का पात्र होगा। Indian Constitution in Hindi article… more »
अनुच्छेद ५६ : राष्ट्रपति की पदावधि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५६ : राष्ट्रपति की पदावधि । १) राष्ट्रपति अपने पदग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा : परंतु - क)राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा; ख) संविधान का अतिक्रमण… more »
अनुच्छेद ५५ : राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५५ : राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति । १)जहां तक साध्य हो, राष्ट्रपति के निर्वाचन में भिन्न- भिन्न राज्यों के प्रतिनिधित्व के मापमान में एकरूपता होगी । २)राज्यों में आपस में ऐसी एकरूपता तथा समस्त राज्यों और संघ में समतुल्यता… more »
अनुच्छेद ५४ : राष्ट्रपति का निर्वाचन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५४ : राष्ट्रपति का निर्वाचन । राष्ट्रपति का निर्वाचन ऐसे निर्वाचकगण के सदस्य करेंगे जिसमें - क) संसद् के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य; और ख) राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य, होंगे । १(स्पष्टीकरण - इस अनुुच्छेद और… more »
अनुच्छेद ५३ : संघ की कार्यपालिका शक्ति ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५३ : संघ की कार्यपालिका शक्ति । १) संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगाी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा । २) पूर्वगामी उपबंध की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव… more »
अनुच्छेद ५२ : भारत का राष्ट्रपति ।
भारत का संविधान : भाग ५ : संघ : अध्याय १ : कार्यपालिका : राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति । अनुच्छेद ५२ : भारत का राष्ट्रपति । भारत का एक राष्ट्रपति होगा । Indian Constitution in Hindi article 52. Constitution of India in hindi article 52. INSTALL Android APP… more »
अनुच्छेद ५१-क : मूल कर्तव्य ।
भारत का संविधान : १.भाग ४-क : मूल कर्तव्य : अनुच्छेद ५१-क : मूल कर्तव्य । भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह - क) संविधान का पालन करे और उसके आदशों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे; ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय… more »
अनुच्छेद ५१ : अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृध्दि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५१ : अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृध्दि । राज्य- क)अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृध्दि के, ख) राष्ट्रों के बीच न्यायसंगत और सम्मानपूर्ण संबंधों को बनाए रखने का, ग) संगठित लोगों के एक दूसरे से व्यवहारों में… more »
अनुच्छेद ५० : कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ५० : कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण । राज्य की लोक सेवाओं में, न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक् करने के लिए राज्य कदम उठाएगा । Indian Constitution in Hindi article 50. Constitution of India in hindi article 50.… more »
अनुच्छेद ४९ : राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४९ : राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण । १.(संसद् द्वारा बनाई गई विधि द्वारा या उसके अधीन) राष्ट्रीय महत्व वाले १.(घोषित किए गए) कलात्मक या ऐतिहासिक अभिरूचि वाले प्रत्येक संस्मारक या स्थान या वस्तु… more »
अनुच्छेद ४८-क : पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४८-क : पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्यजीवों की रक्षा । १.(राज्य, देश के पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्धन का और वन वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा ।) --------------- १.संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम,… more »
अनुच्छेद ४८ : कृषि और पशुपालन का संगठन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४८ : कृषि और पशुपालन का संगठन । राज्य, कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों से संगठित करने का प्रयास करेगा और विशिष्टतया गायों और बछडों तथा अन्य दुधारू और वाहक पशुओं की नस्लों के परिरक्षण और सुधार के लिए और उनके… more »
अनुच्छेद ४७ : पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४७ : पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य । राज्य, अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्यों में मानेगा और… more »
अनुच्छेद ४६ : अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४६ : अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गो के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृध्दि । राज्य, जनता के दुर्बल वर्गो के, विशिष्टतया, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की… more »
अनुच्छेद ४५ : छह वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए प्रारंभिक ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४५ : छह वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा का उपबंध । १.(राज्य, सभी बालकों के लिए छह वर्ष की आयु पूरी करने तक, प्रारंभिक बाल्यवस्था देख- रेख और शिक्षा देने के लिए उपबंंध करने का प्रयास… more »
अनुच्छेद ४४ : नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४४ : नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता । राज्य, भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एकसमान सिविल संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा । Indian Constitution in Hindi article 44. Constitution of India in hindi… more »
अनुच्छेद ४३-ख : सहकारी सोसाइटियों का संवर्धन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४३-ख : सहकारी सोसाइटियों का संवर्धन । १.(राज्य, सहकारी सोसाइटियों की स्वैच्छिक विरचना, उनके स्वशासी कार्यकरण, लोकतांत्रिक नियंत्रण और वृत्तिक प्रबंधन का संवर्धन करने का प्रयास करेगा ।) -------------- १.संविधान (सतानवेवां… more »
अनुच्छेद ४३-क : उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४३-क : उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना । १.(राज्य, किसी उद्योग में लगे हुए उपक्रमों, स्थापनों या अन्य संगठनों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त विधान द्वारा या किसी अन्य रीति से कदम… more »
अनुच्छेद ४३ : कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४३ : कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि । राज्य, उपयुक्त विधान या आर्थिक संगठन द्वारा या किसी अन्य रीति से कृषि के, उद्योग के या अन्य प्रकार के सभी कर्मकारों को काम, निर्वांह मजदूरी, शिष्ट जीवनस्तर और अवकाश का संपूर्ण उपभोग… more »
अनुच्छेद ४२ : काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४२ : काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध। राज्य काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं को सुनिश्चित करने के लिए और प्रसूति सहायता के लिए उपबंध करेगा। Indian Constitution in Hindi article 42.… more »
अनुच्छेद ४१ : कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४१ : कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार । राज्य अपनी आर्थिक सामथ्र्य और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने के, शिक्षा पाने और बेकारी, बुढापा, बीमारी और नि:शक्तता तथा अन्य अनर्ह अभाव की दशाओं में लोक सहायता… more »
अनुच्छेद ४०: ग्राम पंचायतों का संगठन ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४०: ग्राम पंचायतों का संगठन । राज्य ग्राम पंचायतों का संगठन करने के लिए कदम उठाएगा और उनको ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए आवश्यक हों । Indian… more »
अनुच्छेद ३९-क : समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३९-क : समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता । १( राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधिक तंत्र इस प्रकार काम करे कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ हो और वह, विशिष्टतया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक या किसी अन्य निर्योग्यता के… more »
अनुच्छेद ३९ : राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३९ : राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व । राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से - क) पुरूष और स्त्री सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार हो; ख)… more »
अनुच्छेद ३८: राज्य लोक कल्याण की अभिवृध्दि के लिए सामाजिक ..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३८: राज्य लोक कल्याण की अभिवृध्दि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा । १.((१) राज्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था की, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करे, भरसक प्रभावी रूप में स्थापना… more »
अनुच्छेद ३७ : इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३७ : इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना । इस भाग में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे किन्तु फिर भी इनमें अधिकथित तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य… more »
अनुच्छेद ३६ : परिभाषा । राज्य की नीति के निदेशक तत्व :
भारत का संविधान : भाग ४ : राज्य की नीति के निदेशक तत्व : अनुच्छेद ३६ : परिभाषा । इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, राज्य का वही अर्थ है जो भाग ३ में है । Indian Constitution in Hindi article 36. Constitution of India in hindi article… more »
अनुच्छेद ३५ : इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान ।
भारत का संविधान : सांविधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद ३५ : इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, - क) संसद् को शक्ति होगी और किसी राज्य के विधान- मंडल को शक्ति नहीं होगी कि वह - एक) जिन विषयों के… more »
अनुच्छेद ३४ : जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त ...
भारत का संविधान : सांविधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद ३४ : जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन । इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद् विधि द्वारा संघ या किसी राज्य की… more »
अनुच्छेद ३३ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने ...
भारत का संविधान : सांविधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद ३३ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद् की शक्ति । १(संसद्, विधि द्वारा, अवधारण कर सकेगी कि इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से कोई ,- क)… more »
अनुच्छेद ३२-क : निरसित ।
भारत का संविधान : सांविधानिक उपचारों का अधिकार : १.अनुच्छेद ३२-क : निरसित । ( राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता पर अनुच्छेद ३२ के अधीन कार्यवाहियों में विचार न किया जाना ) संविधान (तैंतालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७७ की धारा ३ द्वारा (१३-४-१९७८ से) निरसित… more »
अनुच्छेद ३२ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार ।
भारत का संविधान : सांविधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद ३२ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार । १) इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए समुचित कार्यवाहियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में समावेदन करने का… more »
अुनच्छेद ३१-घ : निरसित ।
भारत का संविधान : कुछ विधियों की व्यावृत्ति : १.अुनच्छेद ३१-घ : निरसित । ( राष्ट्र विरोधी क्रियाकलाप के संबंध में विधियों की व्यावृत्ति ) संविधान (तैंतालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७७ की धारा २ द्वारा (१३-४-१९७८ से ) निरसित । ----------- १. संविधान… more »
अुनच्छेद ३१-ग : कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति ।
भारत का संविधान : कुछ विधियों की व्यावृत्ति : १.अुनच्छेद ३१-ग : कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति । अनुच्छेद १३ में किसी बात के होते हुए भी, कोई विधि, जो २. (भाग ४ में अधिकथित सभी या किन्हीं तत्त्वों ) को सुनिश्चित करने के… more »
अनुच्छेद ३१-ख : कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण ।
भारत का संविधान : कुछ विधियों की व्यावृत्ति : अनुच्छेद ३१-ख : कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण । १(अनुच्छेद ३१ क में अंतर्विष्ट उपबंधो की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, नौर्वी अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमों और विनियमों में से और उनके… more »
अनुच्छेद ३१-क : संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली ...
भारत का संविधान : १.कुछ विधियों की व्यावृत्ति : २.अनुच्छेद :३१-क : संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति। ३(( १) अुनच्छेद १३ में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, - क) किसी संपदा के या उसमें किन्हीं अधिकारों के राज्य द्वारा… more »
अनुच्छेद ३१ : निरसित : (संपत्ति का ..
भारत का संविधान : सस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार : अनुच्छेद ३१ : निरसित : (संपत्ति का अनिवार्य अर्जन ) संविधान (चवालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७८ की धारा ६ द्वारा (२०.६.१९७९ से ) निरसित । Indian Constitution in Hindi article 31. Constitution of India in… more »
अनुच्छेद ३०: शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का ..
भारत का संविधान : सस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार : अनुच्छेद ३०: शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गो का अधिकार। १)धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक - वर्गों को अपनी रूचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार… more »
अनुच्छेद २९ : अल्पसंख्यंक- वर्गो के हितों का संरक्षण।
भारत का संविधान : सस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार : अनुच्छेद २९ : अल्पसंख्यंक- वर्गो के हितों का संरक्षण। १) भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार… more »
अनुच्छेद २८ : कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में ...
भारत का संविधान : धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद २८ : कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता । १)राज्य-निधि से पूर्णत: पोषित किसी शिक्षा संस्था को लागू नहीं दी जाएगी । २)खंड (१) की कोई… more »
अनुच्छेद २७ : किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृध्दि के लिए करों के संदाय ...
भारत का संविधान : धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद २७ : किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृध्दि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता । किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों का संदाय करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक… more »
अनुच्छेद २६ : धार्मिक कार्यो के प्रबंध की स्वतंत्रता ।
भारत का संविधान : धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद २६ : धार्मिक कार्यो के प्रबंध की स्वतंत्रता । लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य के अधीन रहते हुए, प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग को - क) धार्मिक और पूर्त प्रयोजनों के लिए संस्थाओं… more »
अनुच्छेद २५ : अंत:करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और ...
भारत का संविधान : धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद २५ : अंत:करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता । १) लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य तथा इस भाग के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी व्यक्तियों को अंत:करण की… more »
अनुच्छेद २४ : कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध।
भारत का संविधान : शोषण के विरूध्द अधिकार : अनुच्छेद २४ : कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध। चौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जाएगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया… more »
अनुच्छेद २३ : मानव के दुरर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध ।
भारत का संविधान : शोषण के विरूध्द अधिकार : अनुच्छेद २३ : मानव के दुरर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध । १) मानव का दुरर्व्यापार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात्श्रम प्रतिषिध्द किया जाता है और इस उपबंध का कोई भी उल्लंघन अपराध होगा जो विधि के अनुसार… more »
अनुच्छेद २२ : कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण ।
भारत का संविधान : स्वातंत्र्य अधिकार : अनुच्छेद २२ : कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण । १)किसी व्यक्ति को जो गिरफ्तार किया गया है, ऐसी गिरफ्तारी के कारणों से यथाशीघ्र अवगत कराए बिना अभिरक्षा में निरूध्द नहीं रखा जाएगा या अपनी रूचि के विधि… more »
अनुच्छेद २१-क : शिक्षा का अधिकार ।
भारत का संविधान : स्वातंत्र्य अधिकार : अनुच्छेद २१-क : शिक्षा का अधिकार । १(राज्य, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिर्वाय शिक्षा देने का ऐसी रीति में, जो राज्य विधि द्वारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा ।) ----------- १.… more »
अनुच्छेद २१ : प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण ।
भारत का संविधान : स्वातंत्र्य अधिकार : अनुच्छेद २१ : प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण । किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं । Indian Constitution in Hindi article… more »
अनुच्छेद २०: अपराधों के लिए दोषसिध्दि के संबंध में संरक्षण ।
भारत का संविधान : स्वातंत्र्य अधिकार : अनुच्छेद २०: अपराधों के लिए दोषसिध्दि के संबंध में संरक्षण । १) कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए तब तक सिध्ददोष नहीं ठहराया जाएगा, जब तक कि उसने ऐसा कोई कार्य करने के समय, जो अपराध के रूप में आरोपित है, किसी प्रवृत्त… more »
अनुच्छेद १९ : वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण ।
भारत का संविधान : स्वातंत्र्य अधिकार : अनुच्छेद १९ : वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण । १)सभी नागरिकों को - क)वाक्-स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति- स्वातंत्र्य का, ख) शांतिपूर्वक और निरायुध सम्मेलन का, ग)संगम या स्घ १(या सहकारी सोसायटी )… more »
अनुच्छेद १८ : उपाधियों का अंत ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १८ : उपाधियों का अंत । १) राज्य, सेना या विधा संबंधी सम्मान के सिवाय और कोई उपाधि प्रदान नहीं करेगा । २)भारत का कोई नागरिक किसी विदेशी राज्य से कोई उपाधि स्वीकार नहीं करेगा । ३) कोई व्ंयक्ति, जो भारत का नागरिक नहीं है, राज्य… more »
अनुच्छेद १७ : अस्पृश्य ता का अंत ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १७ : अस्पृश्य ता का अंत । अस्पृश्यता का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिध्द किया जाता है । अस्पृश्यता से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा । Indian Constitution in… more »
अनुच्छेद १६ : लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १६ : लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता । १) राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी । २) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति,… more »
अनुच्छेद १५ : धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १५ : धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध । १) राज्य, किसी नागरिक के विरूध्द केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग ,जन्मस्थान इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा । २)कोई नागरिक केवल धर्म,… more »
अनुच्छेद १४ : विधि के समक्ष समता ।
भारत का संविधान : समता का अधिकार : अनुच्छेद १४ : विधि के समक्ष समता । राज्य, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा । Indian Constitution in Hindi article 14. Constitution of… more »
अनुच्छेद १३ : मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद १३ : मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां । १) इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले भारत के राज्यक्षेत्र में प्रवृत्त सभी विधियां उस मात्रा तक शून्य होंगी जिस तक वे इस भाग के उपबंधो से असंगत हैं । २) राज्य ऐसी… more »
अनुच्छेद १२ : मूल अधिकार : परिभाषा ।
भारत का संविधान : भाग ३ : मूल अधिकार : साधारण : अनुच्छेद १२ : परिभाषा । इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, राज्य के अंतर्गत भारत की सरकार और संसद् तथा राज्यों में से प्रत्येक राज्य की सरकार और विधान- मंडल तथा भारत के राज्यक्षेत्र के… more »
अनुच्छेद ११ : संसद् द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ११ : संसद् द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना । इस भाग के पूर्वगामी उपबंधो की कोई बात नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति का… more »
अनुच्छेद १० : नागरिकता के अधिकारों का बना रहना ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद १० : नागरिकता के अधिकारों का बना रहना । प्रत्येक व्यक्ति, जो इस भाग के पूर्वगामी उपबंधो में से किसी के अधीन भारत का नागरिक है या समझा जाता है, ऐसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, जो संसद् द्वारा बनाई जाए, भारत का नागरिक बना… more »
अनुच्छेद ९ : विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ९ : विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना । यदि किसी व्यक्ति ने किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित कर ली है तो वह अनुच्छेद ५ के आधार पर भारत का नागरिक नहीं होगा अथवा… more »
अनुच्छेद ८ : भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ८ : भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार । अनुच्छेद ५ में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जो या जिसके माता या पिता में से कोई अथवा पितामह या पितामही या मातामह या मातामाही में से कोई… more »
अनुच्छेद ७ : पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ७ : पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार । अनुच्छेद ५ और अनुच्छेद ६ में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जिसने १ मार्च, १९४७ के पश्चात् भारत के राज्यक्षेत्र से ऐसे राज्यक्षेत्र को, जो इस समय… more »
अनुच्छेद ६: पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ६: पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियोंके नागरिकता के अधिकार । अनुच्छेद ५ में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जिसने ऐसे राज्यक्षेत्र से जो इस समय पाकिस्तान के अंतर्गत है, भारत के राज्यक्षेत्र को प्रव्रजन… more »
अनुच्छेद ५ : संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता ।
भारत का संविधान : भाग २ : नागरिकता : अनुच्छेद ५ : संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता । इस संविधान के प्रारंभ पर प्रत्येक व्यक्ति जिसका भारत के राज्यक्षेत्र में अधिवास है और - क) जो भारत के राज्यक्षेत्र में जन्मा था, या ख) जिसके माता या पिता में से कोई भारत… more »
अनुच्छेद ४ : पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ४ : पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद २ और अनुच्छेद ३ के अधीन बनाई गई विधियां । १)अनुच्छेद २ या अनुच्छेद ३ में निर्दिष्ट किसी विधि में पहली अनुसूची… more »
अनुच्छेद ३ : नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं ...
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३ : नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन । संसद्, विधि द्वारा - (क) किसी राज्य में से उसका राज्यक्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर अथवा किसी… more »
अनुच्छेद २क : निरसित ।
भारत का संविधान : भाग १ : संघ और उसका राज्यक्षेत्र : अनुच्छेद २क : निरसित । १.(सिक्किम का संघ के साथ सहयुक्त किया जाना ।)- संविधान (छत्तीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७५ की धारा ५ द्वारा (२६.४.१९७५ से ) निरसित । -------- १. संविधान ( पैंतीसवां संशोधन)… more »
अनुच्छेद २ : नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना ।
भारत का संविधान : भाग १ : संघ और उसका राज्यक्षेत्र : अनुच्छेद २ : नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना । संसद्, विधि द्वारा, ऐसे निबंधनो और शर्तों पर, जो वह ठीक समझे, संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकेगी। Indian Constitution in Hindi article… more »
अनुच्छेद १ : संघ का नाम और राज्यक्षेत्र ।
भारत का संविधान : भाग १ : संघ और उसका राज्यक्षेत्र : अनुच्छेद १ : संघ का नाम और राज्यक्षेत्र । १) भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का संघ होगा । १. (२) राज्य और उनके राज्यक्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं । ३)भारत के राज्यक्षेत्र में,-… more »
भारत का संविधान उद्देशिका :
भारत का संविधान : उद्देशिका : हम, भारत के लोक, भारत को एक १(सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्म गणराज्य) बनाने के लिए , तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार , अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की… more »
धारा ४८४ : निरसन और व्यावृत्तियाँ :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४८४ : निरसन और व्यावृत्तियाँ : १)दण्ड प्रक्रिया संहिता, १८९८ (१८९८ का ५) इसके द्वारा निरसित की जाती है । २)ऐसे निरसन के होते हुए भी यह है कि-- क)यदि उस तारीख के जिसको यह संहिता प्रवृत्त हो, ठीक… more »
धारा ४८३ : न्यायिक मजिस्ट्रेटो के न्यायालयों पर अधीक्षण का ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४८३ : न्यायिक मजिस्ट्रेटो के न्यायालयों पर अधीक्षण का निरंतर प्रयोग करने का उच्च न्यायालय का कर्तव्य : प्रत्येक उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ न्यायिक मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों पर अपने अधीक्षण का… more »
धारा ४८२ : उच्च न्यायालय की अन्तर्निहित शक्तियों की व्यावृत्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४८२ : उच्च न्यायालय की अन्तर्निहित शक्तियों की व्यावृत्ति : इस संहिता की कोई बात उच्च न्यायालय की ऐसे आदेश देने की अन्तर्निहित शक्ति को सीमित या प्रभावित करने वाली न समझी जाएगी जैसे इस संहिता के… more »
धारा ४८१ : विक्रय से संबद्ध लोक-सेवक का सम्पत्ति का क्रय न ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४८१ : विक्रय से संबद्ध लोक-सेवक का सम्पत्ति का क्रय न करना और उसके लिए बोली न लगाना : कोई लोक-सेवक, जिसे इस संहिता के अधीन संपत्ति के विक्रय के बारे में किसी कर्तव्य का पालन करना है, उस संपत्ति का न… more »
धारा ४८० : विधि-व्यवसाय करने वाले प्लीडर का कुछ न्यायालयों में मजिस्ट्रेट...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४८० : विधि-व्यवसाय करने वाले प्लीडर का कुछ न्यायालयों में मजिस्ट्रेट के तौर प न बैठना : कोई प्लीडर, जो किसी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विधि-व्यवसाय करता है, उस न्यायालय में या उस न्यायालय की स्थानीय… more »
धारा ४७९ : वह मामला जिसमें न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट वैयक्तिक ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४७९ : वह मामला जिसमें न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट वैयक्तिक रुप से हितबद्ध है : कोई न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट किसी ऐसे मामले का, जिसमें वह पक्षकार है, या वैयक्तिक रुप से हितबद्ध है, उस न्यायालय की अनुज्ञा… more »
धारा ४७८ : कुछ दशाओं में कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को सौंपे गए कृत्यों को ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४७८ : कुछ दशाओं में कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को सौंपे गए कृत्यों को परिवर्तित करने की शक्ति : यदि किसी राज्य का विधान-मण्डल संकल्प द्वारा ऐसी अनुज्ञा देता है तो राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से परामर्श… more »
धारा ४७७ : उच्च न्यायालय की नियम बनाने की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४७७ : उच्च न्यायालय की नियम बनाने की शक्ति : १)प्रत्येक उच्च न्यायालय राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी से निम्नलिखित के बारे में नियम बना सकेगा - क)वे व्यक्ति जो उसके अधीनस्थ दण्ड न्यायालयों में अर्जी… more »
धारा ४७६ : प्ररुप : संविधान के अनुच्छेद ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४७६ : प्ररुप : संविधान के अनुच्छेद २२७ द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अधीन रहते हुए, द्वितीय अनुसूची में दिए गए प्ररुप ऐसे परिवर्तनों सहित, जैसे प्रत्येक मामले की परिस्थितियों से अपेक्षित हों, उसमें… more »
धारा ४७५ : सेना न्यायालय द्वारा विचारणीय व्यकियों का कमान ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४७५ : सेना न्यायालय द्वारा विचारणीय व्यकियों का कमान अफसरों को सौंपा जाना : १)केन्द्रीय सरकार इस संहिता से और सेना अधिनियम, १९५० (१९५० का ४६), नौसेना अधिनियम, १९५७ (१९५७ का ६२) और वायुसेना अधिनियम,… more »
धारा ४७४ : उच्च न्यायालयों के समक्ष विचारण :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३७ : प्रकीर्ण : धारा ४७४ : उच्च न्यायालयों के समक्ष विचारण : जब किसी अपराध का विचारण उच्च न्यायालय द्वारा धारा ४०७ के अधीन न करके अन्यथा किया जाता है तब वह अपराध के विचारण में वैसी ही प्रक्रिया का अनुपालन करेगा, जिसका… more »
धारा ४७३ : कुछ दशाओं में परिसीमा-काल का विस्तारण :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ४७३ : कुछ दशाओं में परिसीमा-काल का विस्तारण : इस अध्याय के पूर्ववर्ती उपबंधों में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, कोई भी न्यायालय किसी अपराध का संज्ञान… more »
धारा ४७२ : चालू रहने वाला अपराध : किसी चालू ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ४७२ : चालू रहने वाला अपराध : किसी चालू रहने वाले अपराध की दशा में नया परिसीमा-काल उस समय के प्रत्येक क्षण से प्रारंभ होगा जिसके दौरान अपराध चालू रहता है । Code of… more »
धारा ४७१ : जिस तारिख को न्यायालय बंद हो उस तारीख का ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ४७१ : जिस तारिख को न्यायालय बंद हो उस तारीख का अपवर्जन : यदि परिसीमा-काल उइ दिन समाप्त होता है जब न्यायालय बंद है तो न्यायालय उस दिन संज्ञान कर सकता है जिस दिन… more »