Archives for: "July 2018"
धारा ४७० : कुछ दशाओं में समय का अपवर्जन (निकालना / छोडना) :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ४७० : कुछ दशाओं में समय का अपवर्जन (निकालना / छोडना) : १)परिसीमा-काल की संगणना करने में, उस समय का अपवर्जन किया जाएगा, जिसके दौरान कोई व्यक्ति चाहे प्रथम बार के… more »
धारा ४६९ : परिसीमा-काल का प्रारंभ :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ४६९ : परिसीमा-काल का प्रारंभ : १)किसी अपराधी के संबंध में परिसीमा-काल- क)अपराध की तारीख को प्रारंभ होगा; या ख)जहाँ अपराध के किए जाने की जानकारी अपराध द्वारा व्यथित… more »
धारा ४६८ : परिसीमा-काल की समाप्ती के पश्चात् संज्ञान का वर्जन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ४६८ : परिसीमा-काल की समाप्ती के पश्चात् संज्ञान का वर्जन : १)इस संहिता में अन्यत्र जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई न्यायालय उपधारा (२) में विनिर्दिष्ट… more »
धारा ४६७ : परिभाषा : कुछ अपराधों का ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३६ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । (इस अध्याय के उपंबध कतिपय आर्थिक अपराधों को लागू नहीं होंगे, देखिए आर्थिक अपराध (परिसीमा का लागू न होना) अधिनियम, १९७४ (१९७४ का १२) की धारा २ और अनुसुची ।) धारा ४६७ :… more »
धारा ४६६ : त्रुटि या गलती के कारण कुर्की का अवैध न होना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३५ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ४६६ : त्रुटि या गलती के कारण कुर्की का अवैध न होना : इस संहिता के अधीन की गई कोई कुर्की ऐसी किसी त्रुटि के कारण या प्ररुप के अभाव के कारण विधिविरुद्ध न समझी जाएगी जो समन, दोषसिद्धी,… more »
धारा ४६५ : निष्कर्ष या दण्डादेश कब गलती, लोप या अनियमितता ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३५ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ४६५ : निष्कर्ष या दण्डादेश कब गलती, लोप या अनियमितता के कारण उलटने योग्य होगा : १)इसमें इसके पूर्व अन्तर्विष्ट उपबंधो के अधीन यह है कि सक्षम अधिकारिता वाले न्यायालय द्वारा पारित कोई… more »
धारा ४६४ : आरोप विरचित न करने या उसके अभाव या उसमें ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३५ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ४६४ : आरोप विरचित न करने या उसके अभाव या उसमें गलती का प्रभाव : १)किसी सक्षम अधिकारिता वाले न्यायालय का कोई निष्कर्ष, दण्डादेश या आदेश केवल इस आधार पर कि कोई आरोप विरचित नहीं किया गया… more »
धारा ४६३ : धारा १६४ या धारा २८१ के उपबंधों का अननुपालन ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३५ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ४६३ : धारा १६४ या धारा २८१ के उपबंधों का अननुपालन (न पालन करना ) : १)यदि कोई न्यायालय, जिसके समक्ष अभियुक्त व्यक्ति की संस्वीकृति या अन्य कथन, जो धारा १६४ या धारा २८१ के अधीन अभिलिखित है… more »
धारा ४६२ : गलत स्थान में कार्यवाही : किसी दण्ड ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३५ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ४६२ : गलत स्थान में कार्यवाही : किसी दण्ड न्यायालय का कोई निष्कर्ष, दण्डादेश या आदेश केवल इस आधार पर कि वह जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही जिसके अनुक्रम में उस निष्कर्ष पर पहुँचा गया था… more »
धारा ४६१ : वे अनियमितताएँ जो कार्यवाही को दूषित करती है :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३५ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ४६१ : वे अनियमितताएँ जो कार्यवाही को दूषित करती है : यदि कोई मजिस्ट्रेट, जो निम्नलिखित बातों में से कोई बात विधि द्वारा इस निमित्त सशक्त न होते हुए, करता है तो उसकी कार्यवाही शून्य होगी,… more »
धारा ४६० : वे अनियमिततएँ जो कार्यवाही को दूषित नहीं करती :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३५ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ४६० : वे अनियमिततएँ जो कार्यवाही को दूषित नहीं करती : यदि कोई मजिस्ट्रेट, जो निम्नलिखित बातों में से किसी को करने के लिए विधि द्वारा सशक्त नहीं है, गलती से सद्भावपूर्वक उस बात को करता है… more »
धारा ४५९ : विनश्वर (नाशवंत) संपत्ति को बेचने की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५९ : विनश्वर (नाशवंत) संपत्ति को बेचने की शक्ति : यदि ऐसी संपत्ति पर कब्जे का हकदार व्यक्ति अज्ञात या अनुपस्थित है और संपत्ति शीघ्रतया और प्रकृत्या क्षयक्षील है अथवा यदि उस मजिस्ट्रेट की,… more »
धारा ४५८ : जहाँ छह मास के अन्दर कोई दावेदार हाजिर न हो...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५८ : जहाँ छह मास के अन्दर कोई दावेदार हाजिर न हो वहाँ प्रक्रिया : १)यदि ऐसी अवधि के अन्दर कोई व्यक्ति संपत्ति पर अपना दावा सिद्ध न करे और वह व्यक्ति जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति पाई गई थी,… more »
धारा ४५७ : संपत्ति के अभिग्रहण पर पुलिस द्वारा प्रक्रिया :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५७ : संपत्ति के अभिग्रहण पर पुलिस द्वारा प्रक्रिया : १)जब कभी किसी पुलिस अधिकारी द्वारा किसी संपत्ति के अभिग्रहण की रिपोर्ट इस संहिता के उपबंधो के अधीन मजिस्ट्रेट को की जाती है और जाँच या… more »
धारा ४५६ : स्थावर संपत्ति का कब्जा लौटोने की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५६ : स्थावर संपत्ति का कब्जा लौटोने की शक्ति : १)जब आपराधिक बल या बल-प्रदर्शन या आपराधिक अभित्रास से युक्त किसी अपराध के लिए कोई व्यक्ति दोषसिद्ध किया जाता है और न्यायालय को यह प्रतीत होता… more »
धारा ४५५ : अपमानलेखीय और अन्य सामग्री का नष्ट किया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५५ : अपमानलेखीय और अन्य सामग्री का नष्ट किया जाना : १)भारतीय दण्ड संहिता, १८६० (१८६० का ४५) की धारा २९२, २९३, ५०१ या धारा ५०२ के अधीन दोषसिद्ध पर न्यायालय उस चीज की सब प्रतियों के, जिसके… more »
धारा ४५४ : धारा ४५२ या धारा ४५३ के अधीन आदेशों के विरुद्ध...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५४ : धारा ४५२ या धारा ४५३ के अधीन आदेशों के विरुद्ध अपील : १)धारा ४५२ या धारा ४५३ के अधीन किसी न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति उसके विरुद्ध अपील उस न्यायालय ेमं कर सकता है… more »
धारा ४५३ : अभियुक्त के पास मिले धन का निर्दोष क्रेता को संदाय :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५३ : अभियुक्त के पास मिले धन का निर्दोष क्रेता को संदाय : जब कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए, जिसके अन्तर्गत चोरी या चुराई हुई संपत्ति को प्राप्त करना है अथवा चोरी या चुराई हुई संपत्ति… more »
धारा ४५२ : विचारण कि समाप्ति पर संपत्ति के व्ययन के लिए आदेश :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५२ : विचारण कि समाप्ति पर संपत्ति के व्ययन के लिए आदेश : १)जब किसी दण्ड न्यायालय में जाँच या विचारण समाप्त हो जाता है तब न्यायालय उस संपत्ति या दस्तावेज को, जो उसके समक्ष पेश की गई है, या… more »
धारा ४५१ : कुछ मामलों में विचारण लंबित रहने तक संपत्ति का ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३४ : संपत्ति का व्ययन : धारा ४५१ : कुछ मामलों में विचारण लंबित रहने तक संपत्ति का अभिरक्षा और व्ययन के लिए आदेश : जब कोई संपत्ति, किसी दण्ड न्यायालय के समक्ष किसी जाँच या विचारण के दौरान पेश की जाती है तब वह न्यायालय उस… more »
धारा ४५० : कुछ मुचलकों (प्रतिज्ञा पत्र ) पर देय रकम का उद्ग्रहण ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४५० : कुछ मुचलकों (प्रतिज्ञा पत्र ) पर देय रकम का उद्ग्रहण करने का निदेश देने की शक्ति : उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय किसी मजिस्ट्रेट को निदेश दे सकता है कि वह रकम को… more »
धारा ४४९ : धारा ४४६ के अधीन आदेशों से अपील :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४९ : धारा ४४६ के अधीन आदेशों से अपील : धारा ४४६ के अधीन किए गए सभी आदेशों की निम्नलिखित को अपील होगी, अर्थात - एक)किसी मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए आदेश की दशा में सेशन… more »
धारा ४४८ : अवयस्क से अपेक्षित बंधपत्र :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४८ : अवयस्क से अपेक्षित बंधपत्र : यदि बंधपत्र निष्पादित करने के लिए किसी न्यायालय या अधिकारी द्वारा अपेक्षित व्यक्ति अवयस्क है तो वह न्यायालय या अधिकारी उसके बदले में… more »
धारा ४४७ : प्रतिभू के दिवालिया हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४७ : प्रतिभू के दिवालिया हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने या बंधपत्र का समपहरण हो जाने कि दशा में प्रक्रिया : जब इस संहिता के अधीन बंधपत्र का कोई प्रतिभू दिवालिया हो जाता… more »
धारा ४४६-क : बंधपत्र और जमानत पत्र का रद्दकरण :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४६-क : बंधपत्र और जमानत पत्र का रद्दकरण : धारा ४४६ के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, जहाँ इस संहिता के अधीन कोई बंधपत्र किसी मामले में हाजिर होने के लिए है और… more »
धारा ४४६ : प्रक्रिया, जब बंधपत्र समपऱ्हत कर लिया जाता है :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४६ : प्रक्रिया, जब बंधपत्र समपèहत कर लिया जाता है : १)जहाँ इस संहिता के अधीन कोई बंधपत्र किसी न्यायालय के समक्ष हाजिर होने या संपत्ति पेश करने के लिए है और उस न्यायालय… more »
धारा ४४५ : मुचलके (प्रतिज्ञापत्र) के बजाय निक्षेप (अमानत /जमा ) :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४५ : मुचलके (प्रतिज्ञापत्र) के बजाय निक्षेप (अमानत /जमा ) : जब किसी व्यक्ति से किसी न्यायालय या अधिकारी द्वारा प्रतिभुओं सहित या रहित बन्धपत्र निष्पादित करने की अपेक्षा… more »
धारा ४४४ : प्रतिभुओं का उन्मोचन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४४ : प्रतिभुओं का उन्मोचन : १)जमानत पर छोडे गए व्यक्ति की हाजिरी और उपस्थिति के लिए प्रभिुओं में से सब या कोई बंधपत्र के या पूर्णतया या वहाँ तक, जहाँ तक वह आवेदकों से… more »
धारा ४४३ : जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४३ : जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत के लिए आदेश देने की शक्ति : यदि भूल या कपट के कारण या अन्यथा अपर्याप्त प्रतिभू स्वीकार कर लिए गए है अथवा यदि वे… more »
धारा ४४२ : अभिरक्षा से उन्मोचन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४२ : अभिरक्षा से उन्मोचन : १)ज्यों ही बन्धपत्र निष्पादित कर दिया जाता है त्यों ही वह व्यक्ति, जिसकी हाजिरी के लिए निष्पादित किया गया है, छोड दिया जाएगा और जब वह जेल में… more »
धारा ४४१-क : प्रतिभुओं द्वारा घोषणा : ऐसा प्रत्येक ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४१-क : प्रतिभुओं द्वारा घोषणा : ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो जमानत पर अभियुक्त व्यक्ति के छोडे जाने के लिए उसका प्रतिभू है, न्यायालय के समक्ष ऐसे व्यक्तियों के बारे में… more »
धारा ४४१ : अभियुक्त और प्रतिभुओं का बंधपत्र :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४१ : अभियुक्त और प्रतिभुओं का बंधपत्र : १)किसी व्यक्ति के जमानत पर छोडे जाने या अपने बंधपत्र पर छोडे जाने के पूर्व उस व्यक्ति द्वारा, और जब वह जमानत पर छोडा जाता है तब… more »
धारा ४४० : बंधपत्र की रकम और उसे घटाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४४० : बंधपत्र की रकम और उसे घटाना : १)इस अध्याय के अधीन निष्पादित प्रत्येक बंधपत्र की रकम मामले की परिस्थितियों को सम्यक् ध्यान रख कर नियत की जाएगी और अत्यधिक नहीं होगी ।… more »
धारा ४३९ : जमानत के बारे में उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय की...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४३९ : जमानत के बारे में उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय की विशेष शक्तियाँ : १)उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय यह निदेश दे सकता है कि - क)किसी ऐसे व्यक्ति को, जिस पर किसी… more »
धारा ४३८ : गिरफ्तारी की आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४३८ : गिरफ्तारी की आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए निदेश : १)जब किसी व्यक्ति को यह विश्वास करने का कारण है कि उसको अजमानतीय अपराध के किए जाने के अभियोग… more »
धारा ४३७-क : अगले अपीलीय न्यायालय में अभियुक्त के उपसंजात होने ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४३७-क : अगले अपीलीय न्यायालय में अभियुक्त के उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत : (१)विचारण की समाप्ति के पूर्व तथा अपील के निस्तारण के पूर्व अपराध का विचारण करने… more »
धारा ४३७ : अजमानतीय अपराध की दशा में कब जमानत ली ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४३७ : अजमानतीय अपराध की दशा में कब जमानत ली जा सकेगी : १)जब कोई व्यक्ति, जिस पर अजमानतीय अपराध का अभियोग है या जिस पर यह संदेह है कि उसने अजमानतीय अपराध किया है, पुलिस… more »
धारा ४३६-क : अधिकतम अवधि जिसके लिए विचाराधीन कैदी निरुद्ध ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४३६-क : अधिकतम अवधि जिसके लिए विचाराधीन कैदी निरुद्ध किया जा सकता है : जहाँ कोई व्यक्ति, किसी विधि के अधीन किसी अपराध के (जो ऐसा अपराध नहीं है जिसके लिए उस विधि के अधीन… more »
धारा ४३६ : किन मामलों में जमानत ली जाएगी :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३३ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४३६ : किन मामलों में जमानत ली जाएगी : १)जब अजमानतीय अपराध के अभियुक्त व्यक्ति से भिन्न कोई व्यक्ति पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा वारण्ट के बिना गिरफ्तार या निरुद्ध… more »
धारा ४३५ : कुछ मामलों में राज्य सरकार का केन्द्रीय सरकार से ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ङ - दण्डादेशों का निलम्बन, परिहार और लघुकरण : धारा ४३५ : कुछ मामलों में राज्य सरकार का केन्द्रीय सरकार से परामर्श करने के पश्चात् कार्य करना : १)किसी दण्डादेश का परिहार करने या उसके लघुकरण के बारे में धारा ४३२ और… more »
धारा ४३४ : मृत्यु दण्डादेशों की दशा में केन्द्रीय सरकार की समवर्ती ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ङ - दण्डादेशों का निलम्बन, परिहार और लघुकरण : धारा ४३४ : मृत्यु दण्डादेशों की दशा में केन्द्रीय सरकार की समवर्ती शक्ति : धारा ४३२ और ४३३ द्वारा राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियाँ मृत्यु दण्डादेशों की दशा ेमं केन्द्रीय… more »
धारा ४३३-क : कुछ मामलों में छूट या लघुकरण की शक्तियों पर निर्बंधन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ङ - दण्डादेशों का निलम्बन, परिहार और लघुकरण : धारा ४३३-क : कुछ मामलों में छूट या लघुकरण की शक्तियों पर निर्बंधन : धारा ४३२ में किसी बात के होते हुए भी, जहाँ किसी व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए, जिसके लिए मृत्यु दण्ड… more »
धारा ४३३ : दण्डादेश के लघुकरण की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ङ - दण्डादेशों का निलम्बन, परिहार और लघुकरण : धारा ४३३ : दण्डादेश के लघुकरण की शक्ति : समुचित सरकार दण्डादिष्ट व्यक्ति की सम्मति के बिना - क)मृत्यु दण्डादेश का भारतीय दण्ड संहिता, १८६० (१८६० का ४५) द्वारा उपबंधित… more »
धारा ४३२ : दण्डादेशों का निलम्बन या परिहार करने की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ङ - दण्डादेशों का निलम्बन, परिहार और लघुकरण : धारा ४३२ : दण्डादेशों का निलम्बन या परिहार करने की शक्ति : १)जब किसी व्यक्ती को किसी अपराध के लिए दण्डादेश दिया जाता है तब समुचित सरकार किसी समय, शर्तों के बिना या ऐसी… more »
धारा ४३१ : जिस धन का संदाय करने को आदेश दिया गया है ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध : धारा ४३१ : जिस धन का संदाय करने को आदेश दिया गया है उसका जुर्माने के रुप में वसूल किया जा सकना : कोई धन (जो जुर्माने से भिन्न है ) जो इस संहिता के अधीन दिए गए किसी आदेश के… more »
धारा ४३० : दण्डादेश के निष्पादन पर वारण्ट का लौटाया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध : धारा ४३० : दण्डादेश के निष्पादन पर वारण्ट का लौटाया जाना : जब दण्डादेश पूर्णतया निष्पादित किय जा चुका है तब उसका निष्पादन करने वाला अधिकारी वारण्ट को, स्व-हस्ताक्षर सहित… more »
धारा ४२९ : व्यावृत्ति : १)धारा ४२६ या..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध : धारा ४२९ : व्यावृत्ति : १)धारा ४२६ या धारा ४२७ की कोई बात किसी व्यक्ति को उस दण्ड के किसी भाग से क्षम्य करने वाली न समझी जाएगी जिसका वह अपनी पूर्व या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धी… more »
धारा ४२८ : अभियुक्त द्वारा भोगी गई निरोध की अवधि का कारावास ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध : धारा ४२८ : अभियुक्त द्वारा भोगी गई निरोध की अवधि का कारावास के दण्डादेश के विरुद्ध मुजरा किया जाना : जहाँ अभियुक्त व्यक्ति दोषसिद्धी पर किसी अवधि के लिए कारावास से दण्डादिष्ट… more »
धारा ४२७ : ऐसे अपराधी को दण्डादेश जो अन्य अपराध के लिए पहले...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध : धारा ४२७ : ऐसे अपराधी को दण्डादेश जो अन्य अपराध के लिए पहले से दण्डादिष्ट है : १)जब कारावास का दण्डादेश पहले से ही भोगने वाले व्यक्ति को पश्चात्वर्ती दोषसिद्धी पर कारावास या… more »
धारा ४२६ : निकल भागे सिद्धदोष पर दण्डादेश कब प्रभावशील होगा :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध : धारा ४२६ : निकल भागे सिद्धदोष पर दण्डादेश कब प्रभावशील होगा : १)जब निकल भागे सिद्धदोष को इस संहिता के अधीन मृत्यु, आजीवन कारावास या जुर्माने का दण्डादेश दिया जाता है तब ऐसा… more »
धारा ४२५ : वारण्ट कौन जारी कर सकेगा :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध : धारा ४२५ : वारण्ट कौन जारी कर सकेगा : किसी दण्डादेश के निष्पादन के लिए प्रत्येक वारण्ट या तो उस न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट द्वारा, जिसने दण्डादेश पारित किया है या उसके… more »
धारा ४२४ : कारावास के दण्डादेश के निष्पादन का निलंबन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ग - जुर्माने का उद्ग्रहण : धारा ४२४ : कारावास के दण्डादेश के निष्पादन का निलंबन : १)जब अपराधी को केवल जुर्माने का और जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दण्डादेश दिया गया है और जुर्माना तत्काल नहीं दिया… more »
धारा ४२३ : जुर्माने के उद्ग्रहण के लिए किसी ऐसे राज्य क्षेत्र के ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ग - जुर्माने का उद्ग्रहण : धारा ४२३ : जुर्माने के उद्ग्रहण के लिए किसी ऐसे राज्य क्षेत्र के न्यायालय द्वारा जिस पर इस संहिता का विस्तार नहीं है, जारी किया गया वारण्ट : इस सहिता में या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि… more »
धारा ४२२ : ( जुर्माना उद्ग्रहित करने के लिए वारण्ट ) ऐसे वारण्ट का प्रभाव :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ग - जुर्माने का उद्ग्रहण : धारा ४२२ : ( जुर्माना उद्ग्रहित करने के लिए वारण्ट ) ऐसे वारण्ट का प्रभाव : किसी न्यायालय द्वारा धारा ४२१ की उपधारा (१) के खण्ड (क) के अधीन जारी किया गया कोई वारण्ट उस न्यायालय की स्थानीय… more »
धारा ४२१ : जुर्माना उद्ग्रहित करने के लिए वारण्ट :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ग - जुर्माने का उद्ग्रहण : धारा ४२१ : जुर्माना उद्ग्रहित करने के लिए वारण्ट : १)जब किसी अपराधी के जुर्माने का दण्डादेश दिया गया है तब दण्डादेश देने वाला न्यायालय निम्नलिखित प्रकारों में से किसी या दोनों प्रकार से… more »
धारा ४२० : वारण्ट किसको सौंपा जाएगा :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ख - कारावास धारा ४२० : वारण्ट किसको सौंपा जाएगा : जब बंदी जेल में परिरुद्ध किया जाना है, तब वारण्ट जेलर को सौंपा जाएगा । Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 420. section 420 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc… more »
धारा ४१९ : निष्पादन के लिए वारण्ट का निदेशन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ख - कारावास धारा ४१९ : निष्पादन के लिए वारण्ट का निदेशन : कारावास के दण्डादेश के निष्पादन के लिए प्रत्येक वारण्ट उस जेल या अन्य स्थान के भारसाधक अधिकारी को निदिष्ट होगा, जिसमें बंदी परिरुद्ध है या परिरुद्ध किया… more »
धारा ४१८ : कारावास के दण्डादेश का निष्पादन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ख - कारावास : धारा ४१८ : कारावास के दण्डादेश का निष्पादन : १)जहाँ उन मामलों से, जिनके लिए धारा ४१३ द्वारा उपबंध किया गया है, भिन्न मामलों में अभियुक्त आजीवन कारावास या किसी अवधि के कारावास के लिए दण्डादिष्ट किया… more »
धारा ४१७ : कारावास का स्थान नियत करने की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : ख - कारावास धारा ४१७ : कारावास का स्थान नियत करने की शक्ति : १)तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा जैसा उपबंधित है उसके सिवाय राज्य सरकार निदेश दे सकती है कि किसी व्यक्ति को, जिसे इस संहिता के अधीन कारावासित किया जा… more »
धारा ४१६ : गर्भवती स्त्री को मृत्यु दण्ड का मुल्तवी किया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : दण्डादेशों का निष्पादन, निलंबन, परिहार और लघुकरण : क - मृत्यु दण्डादेश : धारा ४१६ : गर्भवती स्त्री को मृत्यु दण्ड का मुल्तवी किया जाना : यदि वह स्त्री, जिसे मृत्यु दण्डादेश दिया गया है, गर्भवती पाई जाती है तो उच्च… more »
धारा ४१५ : उच्चतम न्यायालय को अपील की दशा में मृत्यु दण्डादेश ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : दण्डादेशों का निष्पादन, निलंबन, परिहार और लघुकरण : क - मृत्यु दण्डादेश : धारा ४१५ : उच्चतम न्यायालय को अपील की दशा में मृत्यु दण्डादेश के निष्पादन का मुल्तवी किया जाना : १)जहाँ किसी व्यक्ति को उच्च न्यायालय द्वारा… more »
धारा ४१४ : उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए मृत्यु दण्डादेश का निष्पादन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : दण्डादेशों का निष्पादन, निलंबन, परिहार और लघुकरण : क - मृत्यु दण्डादेश : धारा ४१४ : उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए मृत्यु दण्डादेश का निष्पादन : जब अपील में या पुनरिक्षण में उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश किया… more »
धारा ४१३ : धारा ३६८ के अधीन दिए गए आदेश का निष्पादन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३२ : दण्डादेशों का निष्पादन, निलंबन, परिहार और लघुकरण : क - मृत्यु दण्डादेश : धारा ४१३ : धारा ३६८ के अधीन दिए गए आदेश का निष्पादन : जब मृत्यु दण्डादेश की पुष्टि के लिए उच्च न्यायालय को प्रस्तुत किसी मामले में, सेशन… more »
धारा ४१२ : कारणों का अभिलिखित किया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४१२ : कारणों का अभिलिखित किया जाना : धारा ४०८, ४०९, ४१० या धारा ४११ के अधीन आदेश करने वाला सेशन न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट ऐसा आदेश करने के अपने कारणों को अभिलिखित करेगा । Code of… more »
धारा ४११ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामलों का अपने अधीनस्थ ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४११ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामलों का अपने अधीनस्थ मजिस्ट्रेट के हवाले किया जाना या वापस लिया जाना : कोई जिला मजिस्ट्रेट या उपखण्ड मजिस्ट्रेट - क)किसी ऐसी कार्यवाही को, जो… more »
धारा ४१० : न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वार मामलों का वापस लिया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४१० : न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वार मामलों का वापस लिया जाना : १)कोई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपने अधीनस्थ किसी मजिस्ट्रेट से किसी मामले को वापर ले सकता है या किसी मामले को, जिसे उसने… more »
धारा ४०९ : सेशन न्यायाधीशों द्वारा मामलों और अपीलों का वापस ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४०९ : सेशन न्यायाधीशों द्वारा मामलों और अपीलों का वापस लिया जाना : १)सेशन न्यायाधीश अपने अधीनस्थ किसी सहायक सेशन न्यायाधीश या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कोई मामला या अपील वापस ले… more »
धारा ४०८ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४०८ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश की शक्ति : १)जब कभी सेशन न्यायाधीश को यह प्रतीत कराया जाता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह समीचीन है कि इस उपधारा के अधीन… more »
धारा ४०७ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्च ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४०७ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्च न्यायालय की शक्ति : १)जब कभी उच्च न्यायालय को यह प्रतीत कराया जाता है कि- क)उसके अधीनस्थ किसी दण्ड न्यायालय में ऋजु और पक्षपात रहित जाँच… more »
धारा ४०६ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्चतम न्यायालय ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३१ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४०६ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्चतम न्यायालय की शक्ति : १)जब कभी उच्चतम न्यायालय को यह प्रतीत कराया जाता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह समीचीन है कि इस धारा के अधीन… more »
धारा ४०५ : उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ४०५ : उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले न्यायालय को भेजा जाना : जब उच्च न्यायालय या सेशन न्यायाधीश द्वारा कोई मामला इस… more »
धारा ४०४ : महानगर मजिस्ट्रेट के विनिश्चय के आधारों के कथन पर ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ४०४ : महानगर मजिस्ट्रेट के विनिश्चय के आधारों के कथन पर उच्च न्यायालय द्वारा विचार किया जाना : जब उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय… more »
धारा ४०३ : पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ४०३ : पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प : इस संहिता में अभिव्यक्त रुप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, जो न्यायालय अपनी… more »
धारा ४०२ : उच्च न्यायालय की पुनरीक्षण के मामलों को वापर लेने या ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : अपीलें : धारा ४०२ : उच्च न्यायालय की पुनरीक्षण के मामलों को वापर लेने या अंतरित करने की शक्ति : १)जब एक ही विचारण में दोषसिद्ध एक या अधिक व्यक्ति पुनरिक्षण के लिए आवेदन उच्च न्यायालय को करते है और उसी विचारण में… more »
धारा ४०१ : उच्च न्यायालय की पुनरिक्षण की शक्तियाँ :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ४०१ : उच्च न्यायालय की पुनरिक्षण की शक्तियाँ : १)ऐसी किसी कार्यवाही के मामले में, जिसका अभिलेख उच्च न्यायालय ने स्वयं मंगवाया है या… more »
धारा ४०० : अपर सेशन न्यायाधीश की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ४०० : अपर सेशन न्यायाधीश की शक्ति : अपर सेशन न्यायाधीश को किसी ऐसे मामले के बारे में, जो सेशन न्यायाधीश के किसी साधारण या विशेष आदेश… more »
धारा ३९९ : सेशन न्यायालय की पुनरीक्षण की शक्तियाँ :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ३९९ : सेशन न्यायालय की पुनरीक्षण की शक्तियाँ : १)ऐसी किसी कार्यवाही के मामले में जिसका अभिलेख सेशन न्यायाधीश ने स्वयं मंगवाया है, वह… more »
धारा ३९८ : जाँच करने का आदेश देने की शक्ति :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : अपीलें : धारा ३९८ : जाँच करने का आदेश देने की शक्ति : किसी अभिलेख की धारा ३९७ के अधीन परीक्षा करने पर या अन्याथा उच्च नायालय या सेशन न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को निदेश दे सकता है कि वह, ऐसे किसी परिवाद… more »
धारा ३९७ : पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अभिलेख ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ३९७ : पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अभिलेख मंगाना : १)उच्च न्यायाल या कोई सेशन न्यायाधीश अपीन स्थानीय अधिकारिता के… more »
धारा ३९६ : उच्च न्यायालय के विनिश्चय के अनुसार मामले का ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ३९६ : उच्च न्यायालय के विनिश्चय के अनुसार मामले का निपटारा : १)जब कोई प्रश्न ऐसे निर्देशित किया जाता है तब उच्च न्यायालय उस पर ऐसा… more »
धारा ३९५ : उच्च न्यायालय को निर्देश : १)जहाँ किसी ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३० : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ३९५ : उच्च न्यायालय को निर्देश : १)जहाँ किसी न्यायालय का समाधान हो जाता है कि उसके समक्ष लंबित मामले में किसी अधिनियम, अध्यादेश या… more »
धारा ३९४ : अपीलों का उपशमन (लुप्त होना / कमी ):
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३९४ : अपीलों का उपशमन (लुप्त होना / कमी ): १)धारा ३७७ या धारा ३७८ के अधीन प्रत्येक अन्य अपील का अभियुक्त की मृत्यु पर अंतिम रुप से उपशमन हो जाएगा । २)इस अध्याय के अधीन (जुर्माने के दण्डादेश की अपील के… more »
धारा ३९३ : अपील पर आदेशों और निर्णयों का अंतिम होना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३९३ : अपील पर आदेशों और निर्णयों का अंतिम होना : अपील में अपील न्यायालय द्वारा पारित निर्णय या आदेश धारा ३७७, ३७८, धारा २८४ की उपधारा (४) या अध्याय ३० में उपबंधित दशाओं के सिवाय अंतिम होंगे : परन्तु… more »
धारा ३९२ : जहाँ अपील न्यायालय के न्यायाधीश राय के बारे में ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३९२ : जहाँ अपील न्यायालय के न्यायाधीश राय के बारे में समान रुप में विभाजित हों, वहाँ प्रकिया : जब इस अध्याय के अधीन अपील उच्च न्यायालय द्वारा उसके न्यायाधीशों के न्यायपीठ के समक्ष सुनी जाती है और वह… more »
धारा ३९१ : अपील न्यायालय अतिरिक्त साक्ष्य ले सकेगा या उसके लिए जाने ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३९१ : अपील न्यायालय अतिरिक्त साक्ष्य ले सकेगा या उसके लिए जाने का निदेश दे सकेगा : १)इस अध्याय के अधीन किसी अपील पर विचार करने में यदि अपील न्यायालय अतिरिक्त साक्ष्य आवश्यक समझता है तो वह कारणों को… more »
धारा ३९० : दोषमुक्ति से अपील में अभियुक्त की गिरफ्तारी :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३९० : दोषमुक्ति से अपील में अभियुक्त की गिरफ्तारी : जब धारा ३७८ के अधीन अपील उपस्थित की जाती है तब उच्च न्यायालय वारण्ट जारी कर सकता है जिसमे यह निदेश होगा कि अभियुक्त गिरफ्तार किया जाए और उसके या… more »
धारा ३८९ : अपील लम्बित रहने तक दण्डादेश का निलम्बन; ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८९ : अपील लम्बित रहने तक दण्डादेश का निलम्बन; अपीलार्थी का जमानत पर छोडा जाना : १)अपील न्यायालय, ऐसे कारणों से, जो उसके द्वारा अभिलिखित किए जाएँगे, आदेश दे सकता है कि उस दण्डादेश या आदेश का निष्पादन,… more »
धारा ३८८ : अपील में उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८८ : अपील में उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले न्यायालय को भेजा जाना : १)जब कभी अपील में कोई मामला उच्च न्यायालय द्वारा इस अध्याय के अधीन विनिश्चित किया जाता है तब वह अपना निर्णय या आदेश… more »
धारा ३८७ : अधीनस्थ अपील न्यायालय के निर्णय :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८७ : अधीनस्थ अपील न्यायालय के निर्णय : आरंभिक अधिकारिता वाले दण्ड न्यायालय के निर्णय के बारे में अध्याय २७ में अंतर्विष्ट नियम, जहाँ तक साध्य हो, सेशन न्यायालय या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय… more »
धारा ३८६ : अपील न्यायालय की शक्तियाँ :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८६ : अपील न्यायालय की शक्तियाँ : ऐसे अभिलेख के परिशीलन और यदि अपीलार्थी या उसका प्लीडर हाजिर है तो उसे तथा यदि लोक अभियाजक हाजिर है तो उसे और धारा ३७७ या धारा ३७८ के अधीन अपील की दशा में यदि अभियुक्त… more »
धारा ३८५ : संक्षेपत: खारिज न की गई अपीलों की सुनवाई के...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८५ : संक्षेपत: खारिज न की गई अपीलों की सुनवाई के लिए प्रक्रिया : १)यदि अपील न्यायालय अपील को संक्षेपत: खारीज नहीं करता है तो वह उस समय और स्थान की, जब और जहाँ ऐसी अपील सुनी जाएगी, सूचना- एक)अपीलार्थी… more »
धारा ३८४ : अपील का संक्षेपत: खारिज किया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८४ : अपील का संक्षेपत: खारिज किया जाना : १)यदि धारा ३८२ या धारा ३८३ के अधीन प्राप्त अपील की अर्जी और निर्णय की प्रतिलिपि की परीक्षा करने पर अपील न्यायालय का यह विचार है कि हस्तक्षेप करने का कोई… more »
धारा ३८३ : जब अपीलार्थी जेल में है तब प्रक्रिया :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८३ : जब अपीलार्थी जेल में है तब प्रक्रिया : यदि अपीलार्थी जेल में है तो वह अपनी अपील की अर्जी और उसके साथ वाली प्रतिलिपियों को जेल के भारसाधक अधिकारी को दे सकता है, जो तब ऐसी अर्जी और प्रतिलिपियाँ… more »
धारा ३८२ : अपील की अर्जी :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८२ : अपील की अर्जी : प्रत्येक अपील अपीलार्थी या उसके प्लीडर द्वारा उपस्थित की गई लिखित अर्जी के रुप में की जाएगी और प्रत्येक ऐसी अर्जी के साथ (जब तक वह न्यायालय जिसमें वह उपस्थित की जाए अन्यथा निदेश… more »
धारा ३८१ : सेशन न्यायालय में की गई अपीलें कैसे सुनी जाएँगी :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८१ : सेशन न्यायालय में की गई अपीलें कैसे सुनी जाएँगी : १)उपधारा (२) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, सेशन न्यायालय में या सेशन न्यायाधीश को की गई अपील सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश द्वारा सुनी… more »
धारा ३८० : कुछ मामलों में अपील करने का विशेष अधिकार :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३८० : कुछ मामलों में अपील करने का विशेष अधिकार : इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, जब एक से अधिक व्यक्ति एक ही विचारण में दोषसिद्द किए जाते है और ऐसे व्यक्तियों में से किसी के बारे में अपीलनीय… more »
धारा ३७९ : कुछ मामलों में उच्च न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध किए जाने ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३७९ : कुछ मामलों में उच्च न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध किए जाने के विरुद्ध अपील : यदि उच्च न्यायालय ने अभियुक्त व्यक्ति की दोषमुक्ति के आदेश को अपील में उलट दिया है और उसे दोषसिद्ध किया है तथा उसे मृत्यु… more »
धारा ३७८ : दोषमुक्ति की दशा में अपील :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३७८ : दोषमुक्ति की दशा में अपील : १)उपधारा (२) में जैसा उपबन्धित है उसके सिवाय और उपधारा (३) और उपधारा (५) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए - क) जिला मजिस्ट्रेट, किसी मामले में, लोक अभियोजक को किसी… more »
धारा ३७७ : राज्य सरकार द्वारा दण्डादेश के विरुद्ध अपील :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३७७ : राज्य सरकार द्वारा दण्डादेश के विरुद्ध अपील : १)उपधारा (२) में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्धी के किसी मामले में… more »
धारा ३७६ : छोटे मामलों में अपील न होना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २९ : अपीलें : धारा ३७६ : छोटे मामलों में अपील न होना : धारा ३७४ में किसी बात के होते हुए भी, दोषसिद्ध व्यक्ति द्वारा कोई अपील निम्नलिखित में से किसी मामले में न होगी, अर्थात् - क)जहाँ उच्च न्यायालय केवल छह मास से अनधिक… more »