Archives for: "May 2019"
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १९ : सुपुर्दगी का ..नियम १८) :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १९ : सुपुर्दगी का वारण्ट (आदेश १६ का नियम १८) : (शीर्षक) प्रेषिती- -------------- (स्थान) की जेल का भारसाधक अधिकारी । ----------------- को, जिसकी हाजिरी इस न्यायालय में ऊपर लिखे हुए वाद… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १८ : सुपुर्दगी का वारण्ट (आदेश..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १८ : सुपुर्दगी का वारण्ट (आदेश १६ का नियम १६) : (शीर्षक) प्रेषिती- -------------- (स्थान) की जेल का भारसाधक अधिकारी । वादी (या प्रतिवादी) ने ऊपरनामित वाद में इस न्यायालय से आवेदन किया है… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १७ : साक्षी की गिरफ्तारी का..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १७ : साक्षी की गिरफ्तारी का वारंट (आदेश १६ का नियम १०) : (शीर्षक) प्रेषिती- न्यायालय का बेलिफ । -------------- पर समन की सम्यक् रुप से तामील हो चुकी है, किन्तु वह हाजिर होने में असफल रहा… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १६ : साक्षी की सम्पत्ति की..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १६ : साक्षी की सम्पत्ति की कुर्की का वारंट (आदेश १६ का नियम १०) : (शीर्षक) प्रेषिती- न्यायालय को बेलिफ । ------------- द्वारा नामित साक्षी ------------ उसकी हाजिरी के लिए निकाली गई… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १५ : साक्षी से हाजिर ..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १५ : साक्षी से हाजिर होने की अपेक्षा करने वाली उद्घोषणा (आदेश १६ का नियम १०) : (शीर्षक) प्रेषिती- ---------------------- तामील करने वाले अधिकारी की शपथ पर परीक्षा करने से यह प्रतीत होता… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १४ : साक्षी से हाजिर होने की..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १४ : साक्षी से हाजिर होने की अपेक्षा करने वाली उद्घोषणा (आदेश १६ का नियम १०) (शीर्षक) प्रेषिती- -------------------------- तामील करने वाले अधिकारी की शपथ पर परीक्षा करने से यह प्रतीत… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १३ : साक्षी को समन (आदेश १६ के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १३ : साक्षी को समन (आदेश १६ के नियम १ और ५) : (शीर्षक) प्रेषिती- -------------------- उक्त वाद में ----------- की ओर से आपकी हाजिरी --------------- के लिए अपेक्षित है । आपसे अपेक्षा की… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १२ : प्रतिवादी को सूचना (आदेश ९..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १२ : प्रतिवादी को सूचना (आदेश ९ का नियम ६) : (शीर्षक) प्रेषिती- --------------------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) उक्त वाद की सुनवाई के लिए आज का दिन नियत किया गया था और आपके नाम समन… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ११ : आदेशिका-तामीलकर्ता का..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ११ : आदेशिका-तामीलकर्ता का शपथपत्र जो समन या सूचना की विवरणी के साथ भेजा जाएगा (आदेश ५ का नियम १८) : (शीर्षक) -------------- के पुत्र --------- का शपथपत्र । मै -------------- शपथ लेता… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १० : दूसरे न्यायालय के समन को..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १० : दूसरे न्यायालय के समन को लौटाने को प्ररुप (आदेश ५ का नियम २३) : (शीर्षक) -------------- न्यायालय की उन कार्यवाहियों को पढिए जिनके द्वारा उस न्यायालय के ----------- संख्यांक वाले वाद… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ९ : लोक सेवक या सैनिक पर..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ९ : लोक सेवक या सैनिक पर तामील किए जाने के लिए समन के पारेषण का आदेश (आदेश ५ के नियम २७ और २८) : प्रेषिती- ------------------ सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ के आदेश ५ के नियम २७ (या… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ८ : कैदी पर तामील किए जाने के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ८ : कैदी पर तामील किए जाने के लिए समन के पारेषण का आदेश (आदेश ५ का नियम २५) (शीर्षक) प्रेषिती- -------------- की जेल का अधीक्षक । सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ के आदेश ५ के नियम २४ के… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ७ : अन्य न्यायालय की अधिकारिता..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ७ : अन्य न्यायालय की अधिकारिता में तामील किए जाने के लिए समन के पारेषण का आदेश (आदेश ५ का नियम २१) : (शीर्षक) यह कथन किया गया है कि -------------- जो कि उक्त वाद में प्रतिवादी / साक्षी… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ६ : मृतक प्रतिवादी के विधिक..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ६ : मृतक प्रतिवादी के विधिक प्रतिनिधि को समन (आदेश २२ का नियम ४) : प्रेषिती- ------------------ -------------- वादी ने इस न्यायालय में ता. ------------ को ----------- प्रतिवादी के… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ५ : उस व्यक्ति को सूचना जिसके..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ५ : उस व्यक्ति को सूचना जिसके बारे में न्यायालय समझता है कि उसे सहवादी के रुप में जोडा जाना चाहिए (आदेश १ का नियम १०) (शीर्षक) प्रेषिती- --------------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान)… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४-क : संक्षिप्त वाद में निर्णय..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४-क : १.(संक्षिप्त वाद में निर्णय के लिए समन ) (आदेश ३७ का नियम ३) : ------------- में ------------- के न्यायालय में १९ -------- का वाद संख्यांक -------- भ म य वादी बनाम क ख ग प्रतिवादी… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४ : (संक्षिप्त वाद में समन)..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४ : १.(संक्षिप्त वाद में समन)(आदेश ३७ का नियम २) : (शीर्षक) प्रेषिती- ------------------ (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) --------------- ने सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ के आदेश ३७ के अधीन… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ३ : स्वयं उपसंजात होने के लिए..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ३ : स्वयं उपसंजात होने के लिए समन (आदेश ५ का नियम ३) : (शीर्षक) प्रेषिती- ----------------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) ---------------- ने आपके विरुद्ध ------------ के लिए वाद संस्थित… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक २ : विवाद्यकों के स्थिरीकरण के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक २ : विवाद्यकों के स्थिरीकरण के लिए समन (आदेश ५ के नियम १ और ५) : (शीर्षक) प्रेषिती - -------------------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) ----------- ने आपके विरुद्ध ------------- के लिए वाद… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १ : वाद निपटारे के लिए समन..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १ : वाद निपटारे के लिए समन (आदेश ५ के नियम १ और ५) : (शीर्षक) प्रेषिती - ---------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) --------- ने आपके विरुद्ध ------------- के लिए वाद संस्थित किया है । आपको… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १६ : विशिष्टियां (आदेश ६ का नियम..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १६ : विशिष्टियां (आदेश ६ का नियम ५) (वाद का शीर्षक) विशिष्टियां : ता. ---------- के आदेश के अनुसरण में परिदत्त (यहां वे बातें लिखिए जिनके बारे में विशिष्टियां देने का आदेश दिया गया है)… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १५ : सत्यनिष्ठ प्ररुप में वसीयत..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १५ : सत्यनिष्ठ प्ररुप में वसीयत का प्रोबेट : १. मृतक की उक्त बिल और १.(क्रोडपत्र इंडियन सक्सेशन ऐक्ट १८६५ (१८६५ का १०)) या १.(या हिन्दू विल्ज ऐक्ट १८७० (१८७० का २१)) के उपबन्धों के… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १४ : धनीय वसीयतदार द्वारा लाए गए..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १४ : धनीय वसीयतदार द्वारा लाए गए प्रशासन वाद में प्रतिरक्षा : १. क ख की विल में ऋृण-भार अन्तर्विष्ट था । जब उसकी मृत्यु हुई तब वह दिवालिया था । अपनी मृत्यु के समय वह कुछ स्थावर सम्पत्ति… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १३ : विनिर्दिष्ट पालन के वाद..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १३ : विनिर्दिष्ट पालन के वाद में प्रतिरक्षा : १. प्रतिवादी ने करार नहीं किया था । २. क ख प्रतिवादी का अभिकर्ता नहीं था (यदि ऐसा अभिकथन वादी द्वारा किया गया हो।) ३. वादी ने निम्नलिखित… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १२ : मोचन के वाद में..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १२ : मोचन के वाद में प्रतिरक्षा : १. वादी का मोचन अधिकार १.(इण्डियना लिमिटेशन ऐक्ट १८७७ (१८७७ का १५) की द्वितीय अनुसूची के अनुच्छेद ------- द्वारा वर्जित है । २. वादी ने सम्पत्ति में… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ११ : पुरोबन्ध के वाद में..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ११ : पुरोबन्ध के वाद में प्रतिरक्षा : १. प्रतिवादी ने बन्धक निष्पादित नहीं किया था । २. बन्धक वादी को अन्तरित नहीं किया गया था (यदि एक से अधिक अन्तरणों का अभिकथन किया गया है तो यह बताइए… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १० : न्यूसेंस सम्बन्धी वादों में..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १० : न्यूसेंस सम्बन्धी वादों में प्रतिरक्षा : १. वादी के प्रकाश मार्ग प्राचीन नहीं है (या उसके अन्य अभिकथित चिरभोगधिकारों का प्रत्याख्यान कीजिए ।) २. वादी के प्रकाश में प्रतिवादी के… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ९ : व्यापार-चिन्ह के अतिलंघन..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ९ : व्यापार-चिन्ह के अतिलंघन के वादों में प्रतिरक्षा : १. व्यापार-चिन्ह वादी का नहीं है । २. अधिकथित व्यापार-चिन्ह व्यापार -चिन्ह नहीं है । ३. प्रतिवादी ने अतिलंघन नहीं किया । INSTALL… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ८ : प्रतिलिप्यधिकार के अतिलंघन..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ८ : प्रतिलिप्यधिकार के अतिलंघन के वादों में प्रतिरक्षा : १. वादी लेखक (समनुदेशिती, इत्यादि) नहीं है । २. पुस्तक रजिस्ट्रीकृत नहीं थी । ३. प्रतिवादी ने अतिलंघन नहीं किया । INSTALL Android… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ७ : माल के विरोध के वादों..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ७ : माल के विरोध के वादों में प्रतिरक्षा : १. माल वादी की सम्पत्ति नहीं थी । २. माल उस धारणाधिकार से निरुद्ध किया गया था जिसका प्रतिवादी हकदार था । विशिष्टियां निम्नलिखित है - ३ मई १९०७… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ६ : दोषों के लिए सभी वादों..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ६ : दोषों के लिए सभी वादों में प्रतिरक्षा : १. विभिन्न कार्यो (या बातों) का जिनके सम्बन्ध में परिवाद किया गया है, प्रत्याख्यान । INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ५ : उपेक्षापूर्वक गाडी चलाने..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ५ : उपेक्षापूर्वक गाडी चलाने से हुई क्षतियों के लिए वादों में प्रतिरक्षा : १. प्रतिवादी इस बात से इन्कार करता है कि वादपत्र में वर्णित गाडी प्रतिवादी की गाडी थी और वह प्रतिवादी के सेवकों… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ४ : ऋृण के किसी भी वाद..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ४ : ऋृण के किसी भी वाद में प्रतिरक्षा : १. दावा किए गए धन के २०० रुपए की बाबत प्रतिवादी उस माल के लिए जो उसने वादी को बेचा और परिदत्त किया है, मुजराई का हकदार है - विशिष्टियां निम्नलिखित… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ३ : प्रत्याभूतियों पर वादों..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ३ : प्रत्याभूतियों पर वादों में प्रतिरक्षा : १. मूल ऋृणी ने दावे की तुष्टि वाद के पूर्व संदाय करके कर दी थी । २. वादी ने मूल ऋृणी को एक आबद्धकर करार के अनुसरण में समय दिया था और उससे… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक २ : बन्धपत्रों पर वादों ..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक २ : बन्धपत्रों पर वादों मे प्रतिरक्षा : १. बन्धपत्र प्रतिवादी का बन्धपत्र नहीं है । २. प्रतिवादी ने बन्धपत्र की शर्तों के अनुसार नियत दिन पर वादी को संदाय कर दिया था । ३. प्रतिवादी ने… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १ : विक्रय किए गए और परिदत्त..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १ : विक्रय किए गए और परिदत्त माल के लिए वादों में प्रतिरक्षा : १. प्रतिवादी ने माल के लिए आदेश नहीं किया था । २. माल का परिदान प्रतिवादी को नहीं किया गया था । ३. कीमत --------- रुपए नहीं… more »
४) लिखित कथन साधारण प्रतिरक्षाएं :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : ४) लिखित कथन : साधारण प्रतिरक्षाएं : इन्कार : प्रतिवादी इस बात से इन्कार करता है कि (तथ्य लिखिए) । प्रतिवादी यह स्वीकार नहीं करता है कि (तथ्य लिखिए) । प्रतिवादी स्वीकार करता है कि ----------- किन्तु उसका कहना है… more »