Archives for: "April 2020"
नागरिकता अधिनियम १९५५ | तृतीय अनुसूची :
नागरिकता अधिनियम १९५५ तृतीय अनुसूची : (धारा ६(१) देखिए) : देशीयकरण के लिए अर्हताएं : ऐसे क्ति के देशीकरण के लिए, १.(*) अर्हताएं ये हैं कि - (क) वह किसी ऐसे देश की प्रजा या नागरिक नहीं है जहां भारत के नागरिक देशीयकरण द्वारा उस देश की प्रजा या नागरिक बनने… more »
नागरिकता अधिनियम | १९५५ द्वितीय अनुसूची :
नागरिकता अधिनियम १९५५ द्वितीय अनुसूची : धारा ५(२) और धारा ६(२) देखिए : राजनिष्ठा की शपथ : मैं, क ख .......सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं (या शपथ लेता हूं) कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूगा और यह कि में… more »
धारा १९ : निरसित :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १९ : निरसित : निरसन और संशोधन अधिनियम, १९६०१९६० का अधिनियम सं० ५८) की धारा २ और प्रथम अनुसूची द्वारा निरसित। --------- प्रथम अनुसूची : १.(***) -------- १. २००४ के अधिनियम सं०६ की धारा १६ द्वारा लोप किया गया। INSTALL Android… more »
धारा १८ : नियम बनाने की शक्ति :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १८ : नियम बनाने की शक्ति : (१) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी। (२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना… more »
धारा १७ : अपराध :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १७ : अपराध : जो कोई व्यक्ति किसी बात का इस अधिनियम के अधीन किया जाना या न किया जाना उपाप्त करने के प्रयोजन के लिए जानते हुए कोई ऐसा व्यपदेशन करेगा जो किसी तात्विक विशिष्टि में मिथ्या है, वह कारावास से, जिसकी अवधि १.(पांच वर्ष)… more »
धारा १६ : शक्तियों का प्रत्यायोजन :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १६ : शक्तियों का प्रत्यायोजन : केन्द्रीय सरकार आदेश द्वारा निदेश दे सकेगी कि कोई शक्ति, जो उसे इस अधिनियम की उसकी धारा १० और धारा १८ के उपबंधों से भिन्न उपबंन्धों में से किसी उपबन्ध द्वारा प्रदत्त की गई है, ऐसी परिस्थितियों… more »
धारा १५क : पुनर्विलोकन :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १५क : १.(पुनर्विलोकन : (१) केन्द्रीय सरकार द्वारा किए गए किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, ऐसे आदेश की तारीख से तीस दिन के भीतर, ऐसे आदेश के पुनर्विलोकन के लिए आवेदन कर सकेगा: परंतु केंद्रीय सरकार तीस दिन की उक्त अवधि की… more »
धारा १५ : परीक्षण :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १५ : परीक्षण : (१) विहित प्राधिकारी या किसी अफसर या (केन्द्रीय सरकार से भिन्न) अन्य प्राधिकारी द्वारा इस अधिनियम के अधीन किए गए किसी आदेश से व्यथित व्यक्ति, उस आदेश की तारीख से तीस दिन की कालावधि के अन्दर के पुनरीक्षण के लिए… more »
धारा १४क : राष्ट्रीय पहचान पत्रों का जारी करना :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १४क : १.(राष्ट्रीय पहचान पत्रों का जारी करना : (१) केंद्रीय सरकार, भारत के प्रत्येक नागरिक को अनिवार्य रूप से रजिस्टर कर सकेगी और उसको राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी कर सकेगी। (२) केन्द्रीय सरकार, भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय… more »
धारा १४ : धारा ५ और धारा ६ के अधीन आवेदन का निपटारा :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १४ : धारा ५ और धारा ६ के अधीन आवेदन का निपटारा : (१) विहित प्राधिकारी या केन्द्रीय सरकार स्वविवेकानुसार १.(धारा ५, धारा ६ और धारा ७क) के अधीन किसी आवेदन को मंजूर या नामंजूर कर सकेगी और ऐसी मंजूरी या नामंजूरी के लिए कोई कारण… more »
धारा १३ : संदेह की दशा में नागरिकता का प्रमाणपत्र :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १३ : संदेह की दशा में नागरिकता का प्रमाणपत्र : केन्द्रीय सरकार ऐसे मामलों में, जिनको बह ठीक समझती है यह प्रमाणित कर सकेगी कि कोई व्यक्ति, जिसकी भारत की नागरिकता के बारे में कोई संदेह विद्यमान है, भारत का नागरिक है, और इस धारा… more »
धारा १० : नागरिकता से वंचित किया जाना :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १० : नागरिकता से वंचित किया जाना : (१) भारत का वह नागरिक, जो देशीयकरण द्वारा या संविधान के अनुच्छेद ५ के खण्ड (ग) के ही आधार पर या ऐसे रजिस्ट्रीकरण द्वारा जो संविधान के अनुच्छेद ६ के खण्ड (ख) (दो) या इस अधिनियम की धारा ५ की… more »
धारा ९ : नागरिकता का पर्यवसान :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ९ : नागरिकता का पर्यवसान : (१) भारत का कोई नागरिक जो किसी अन्य देश की नागरिकता देशीयकरण द्वारा, रजिस्ट्रीकरण द्वारा या अन्यथा स्वेच्छया अर्जित कर लेता है या जिसने २६ फरवरी, १९५० और इस अधिनियम के प्रारंभ के बीच किसी समय… more »
धारा ८ : नागरिकता का त्यजन :
नागरिकता अधिनियम १९५५ नागरिकता का पर्यवसान : धारा ८ : नागरिकता का त्यजन : (१) यदि वयः प्राप्त और पूर्ण सामथ्र्य का भारत का कोई नागरिक १.(*) अपनी भारतीय नागरिकता के त्यजन की घोषणा विहित रीति में करता है, तो वह घोषणा विहित प्राधिकारी द्वारा रजिस्ट्रीकृत… more »
धारा ७घ : भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक के रूप में..
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ७घ : भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक के रूप में रजिस्ट्रीकरण का रद्दकरण : (१) केन्द्रीय सरकार, आदेश द्वारा, धारा ७क की उपधारा (१) के अधीन अनुदत्त रजिस्ट्रीकरण को रद्द कर सकेगी, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि,- (क) भारत के… more »
धारा ७ग : भारत के विदेशी नागरिक के कार्ड का त्यजन :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ७ग : १.(भारत के विदेशी नागरिक के कार्ड का त्यजन : (१) यदि वयः प्राप्त और पूर्ण सामथ्र्य का भारत का कार्डधारक कोई विदेशी नागरिक विहित रीति में भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक के रूप में उसे रजिस्टर किए जाने संबंधी कार्ड का… more »
धारा ७ख : भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक को अधिकार..
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ७ख : १.(भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक को अधिकार प्रदान किया जाना : (१) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, भारत का कार्ड धारक कोई विदेशी नागरिक, उपधारा (२) के अधीन विनिर्दिष्ट अधिकारों से… more »
धारा ७क : भारत के कार्ड धारक विदेशी नागरिक का रजिस्ट्री..
नागरिकता अधिनियम १९५५ १.(विदेशी नागरिकता) : धारा ७क : २.(भारत के कार्ड धारक विदेशी नागरिक का रजिस्ट्रीकरण : (१) केन्द्रीय सरकार, ऐसी शतों, निर्बंधनों और रीति के अधीन रहते हुए, जो विहित किए जाएं, इस निमित्त किए गए किसी आवेदन पर, (क) किसी वय प्राप्त और… more »
धारा ७ : राज्यक्षेत्र में मिल जाने से नागरिकता :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ७ : राज्यक्षेत्र में मिल जाने से नागरिकता : यदि कोई राज्यक्षेत्र भारत का भाग बन जाता है, तो केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचित आदेश द्वारा, उन व्यक्तियों को विनिर्दिष्ट कर सकेगी जो उस राज्यक्षेत्र से अपने संसंग के… more »
धारा ६ख : धारा २ की उपधारा (१) के खंड (ख) परंतुक के..
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ६ख : १.(धारा २ की उपधारा (१) के खंड (ख) परंतुक के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति की नागरिकता के संबंध में विशेष उपबंध : (१) केन्द्रीय सरकार या उसके द्वारा इस निमित विनिर्दिष्ट कोई प्राधिकारी, ऐसी शर्तों, निबंधनों और नीति के अधीन… more »
धारा ६क : असम सहमति के अन्तर्गत आने वाले व्यक्तियों..
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ६क : १.(असम सहमति के अन्तर्गत आने वाले व्यक्तियों की नागरिकता के बारे में विशेष उपबन्ध : (१) इस धारा के प्रयोजनों के लिए,- (क) असम से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, १९८५ के प्रारंभ के ठीक पूर्व असम राज्य में सम्मिलित राज्यक्षेत्र… more »
धारा ६ : देशीयकरण द्वारा नागरिकता :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ६ : देशीयकरण द्वारा नागरिकता : (१) जहां कि वय: प्राप्त के और पूर्ण सामथ्र्य के किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, १.(जो अवैध प्रवासी नहीं हेै), देशीयकरण प्रमाणपत्र के अनुदान के लिए विहित रीति में आवेदन किया जाता है, वहां यदि केन्द्रीय… more »
धारा ५ : रजिस्ट्रीकरण द्वारा नागरिकता :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ५ : रजिस्ट्रीकरण द्वारा नागरिकता : १.(१) इस धारा के उपबंध तथा ऐसी शर्तों और निर्बन्धनों के जैसे विहित किए जाएं, अधीन रहते हुए केंद्रीय सरकार, इस निमित्त किए गए आवेदन पर किसी ऐसे व्यक्ति को भारत के नागरिक के रूप में… more »
धारा ४ : जनन द्वारा नागरिकता :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ४ : जनन द्वारा नागरिकता : १.(१) भारत के बाहर,- (क) २६ जनवरी, १९५० को या उसके पश्चात किन्तु १० दिसंबर, १९९२ के पूर्व पैदा हुआ कोई व्यक्ति अवजनन द्वारा भारत का नागरिक होगा, यदि उसका पिता उसके जन्म के समय भारत का नागरिक है; या… more »
धारा ३ : जन्म द्वारा नागरिकता :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा ३ : १.(जन्म द्वारा नागरिकता : (१) उपधारा (२) में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जन्म द्वारा भारत का नागरिक होगा जिसका जन्म भारत में,- (क) २६ जनवरी, १९५० को या उसके पश्चात किन्तु १ जुलाई, १९८७ के पूर्व हुआ है;… more »
नागरिकता अधिनियम १९५५ | धारा २ : निर्वचन :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा २ : निर्वचन : (१) इस अधिनियम में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, - (क) भारत में की किसी सरकार में केन्द्रीय सरकार या कोई राज्य सरकार अभिप्रेत है; १.(ख) अवैध प्रवासी से ऐसा कोई विदेशी अभिप्रेत है जिसने भारत में,- (एक)… more »
नागरिकता अधिनियम १९५५ | धारा १ : संक्षिप्त नाम :
नागरिकता अधिनियम १९५५ १.(१९५५ का अधिनियम संख्यांक ५७) भारतीय नागरिकता के अर्जन और पर्यवसान के लिए उपबन्ध करने के लिए अधिनियम भारत गणराज्य के छठे वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :- धारा १ : संक्षिप्त नाम : यह अधिनियम नागरिकता… more »
धारा १० : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा १० : १.(राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : (१) राज्य सरकार, इस अधिनियम के प्रयोजन को कार्यान्वित करने के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियम बना सकेगी। (२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव… more »
धारा ९ : नियम बनाने की शक्ति :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ९ : नियम बनाने की शक्ति : (१) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र अधिसूचना द्वारा बना सकती है। १.(२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे… more »
धारा ८ख : दहेज प्रतिषेध अधिकारी :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ८ख : १.(दहेज प्रतिषेध अधिकारी : (१) राज्य सरकार उतने दहेज प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त कर सकेगी जितने वह ठीक समझे और वे क्षेत्र निर्दिष्ट कर सकेगी जिनकी बाबत वे अपनी अधिकारिता और शकिायों का प्रयोग इस अधिनियम के अधीन करेंगे।… more »
धारा ८क : कुछ मामलों में सबूत का भार :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ८क : १.(कुछ मामलों में सबूत का भार : जहां कोई व्यक्ति धारा ३ के अधीन कोई दहेज लेने या दहेज का लेना दुष्प्रेरित करने के लिए या धारा ४ के अधीन दहेज मांगने के लिए अभियोजित किया जाता है वहां यह साबित करने का भार उसी पर होगा… more »
धारा ८ : अपराधों का कुछ प्रयोजनों के लिए संज्ञेय होना..
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ८ : १.(अपराधों का कुछ प्रयोजनों के लिए संज्ञेय होना तथा जमानतीय और अशमनीय होना : (१) दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) इस अधिनियम के अधीन अपराधों को वैसे ही लागू होगी मानो वे - (क) ऐसे अपराधों के अन्वेषण के… more »
धारा ७ : अपराधों का संज्ञान :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ७ : १.(अपराधों का संज्ञान : (१) दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी, - (क) महानगर मजिस्टड्ढेट या प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्टड्ढेट के न्यायालय से अवर कोई न्यायालय इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध… more »
धारा ६ : दहेज का पत्नी या उसके वारिसों के फायदे के लिए..
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ६ : दहेज का पत्नी या उसके वारिसों के फायदे के लिए होना : (१) जहां कोई दहेज ऐसी स्त्री से भिन्न, जिसके विवाह के संबंध में वह दिया गया है, किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया जाता है, वहां वह व्यक्ति, उस दहेज को,- (क) यदि वह… more »
धारा ५ : दहेज देने या लेने के लिए करार का शून्य होना :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ५ : दहेज देने या लेने के लिए करार का शून्य होना : दहेज देने या लेने के लिए करार शून्य होगा। INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे… more »
धारा ४क : विज्ञापन पर पाबंदी :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ४क : १.(विज्ञापन पर पाबंदी : यदि कोई व्यक्ति- (क) अपने पुत्र या पुत्री या किसी अन्य नातेदार के विवाह के प्रतिफलस्वरूप किसी समाचारपत्र, नियतकालिक पत्रिका, जरनल या किसी अन्य माध्यम से, अपनी सम्पत्ति या किसी धन के अंश या… more »
धारा ४ : दहेज मांगने के लिए शास्ति :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ४ : १.(दहेज मांगने के लिए शास्ति : यदि कोई व्यक्ति, यथास्थिति, वधू या वर के माता-पिता या अन्य नातेदार या संरक्षक, से किसी दहेज की प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से मांग करेगा तो वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम… more »
धारा ३ : दहेज देने या दहेज लेने के लिए शास्ती :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ३ : दहेज देने या दहेज लेने के लिए शास्ती : १.(१)) यदि कोई व्यक्ति, इस अधिनियम के प्रारम्भ के पश्चात दहेज देगा या लेगा अथवा दहेज देना या लेना दुष्प्रेरित करेगा २.(तो वह कारावास से, जिसकी अवधि ३.(पांच वर्ष से कम की नहीं… more »
धारा २ : दहेज की परिभाषा :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा २ : दहेज की परिभाषा : इस अधिनियम में, दहेज से कोई ऐसी सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति अभिप्रेत है जो विवाह के समय या उसके पूर्व १.(या पश्चात किसी समय) - (क) विवाह के एक पक्षकार द्वारा विवाह के दूसरे पक्षकार को; या (ख)… more »
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ | धारा १ : संक्षिप्त नाम..
१.(दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१) (१९६१ का अधिनियम संख्यांक २८) दहेज का देना या लेना प्रतिषिद्ध करने के लिए अधिनियम भारत गणराज्य के बारहवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रुप में अधिनियमित हो :- धारा १ : संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ : (१) इस… more »
धारा ४६ : १८७८ के अधिनिय ११ का निरसन :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४६ : १८७८ के अधिनिय ११ का निरसन : १) इण्डियन आम्र्स ऐक्ट १८७८ एतद्द्वारा निरसित किया जाता है । २) इण्डियन आम्र्स ऐक्ट १८७८ (१८७८ का ११) के निरसन के होते हुए भी, और साधारण खंड अधिनियम १८९७ (१८९७ का १०) की धाराओं ६ और २४ के उपबंधों… more »
धारा ४५ : अधिनियम का कतिपय दशाओं में लागू न होना :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४५ : अधिनियम का कतिपय दशाओं में लागू न होना : इस अधिनियम की कोई भी बात, निम्नलिखित को लागू नहीं होगी - क) आयुध या गोलाबारुद को, जो किसी समुद्रगामी जलयान या किसी वायुयान के फलक पर हो या जो ऐसे जलयान या वायुयान के मामूली आयुधादि या… more »
धारा ४४ : नियम बनाने की शक्ति :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४४ : नियम बनाने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार, इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियम बना सकेगी । २) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे… more »
धारा ४३ : प्रत्यायोजित करने की शक्ति :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४३ : प्रत्यायोजित करने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निदेश दे सकेगी कि धारा ४१ के अधीन की शक्ति या धारा ४४ के अधीन की शक्ति से भिन्न जिस किसी भी शक्ति या कृत्य का प्रयोग या पालन उसके द्वारा इस… more »
धारा ४२ : अग्न्यायुधों की गणना करने की शक्ति :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४२ : अग्न्यायुधों की गणना करने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, किसी भी क्षेत्र में के सब अग्न्यायुधों की गणना किए जाने का निदेश दे सकेगी, और ऐसी गणना करने के लिए सरकार के किसी भी आफिसर को सशक्त… more »
धारा ४१ : छूट देने की शक्ति :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४१ : छूट देने की शक्ति : जहां केन्द्रीय सरकार की यह राय हो कि लोक हित में ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है वहां वह शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, और ऐसी शर्तो के, यदि कोई हों, अध्यधीन, जैसी कि वह उस अधिसूचना में, विनिर्दिष्ट करे,… more »
धारा ४० : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए परित्राण :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४० : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए परित्राण : किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कोई भी वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही किसी ऐसी बात के लिए नहीं होगी जो इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित हो । #Arms… more »
धारा ३९ : कतिपय मामलों में जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३९ : कतिपय मामलों में जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी आवश्यक : किसी व्यक्ति के विरुद्ध धारा ३ के अधीन किसी अपराध के बारे में कोई भी अभियोजन जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी के बिना संस्थित नहीं किया जाएगा । #Arms act 1959 Hindi… more »
धारा ३८ : अपराधों का संज्ञेय होना :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३८ : अपराधों का संज्ञेय होना : इस अधिनियम के अधीन अपराध १.(दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ (१९७४ का २)) के अर्थ के अन्दर संज्ञेय होगा । --------- १. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा १४ द्वारा (२२-६-१९८३ से) दंड प्रकिया संहिता १८९८ के… more »
धारा ३७ : गिरफ्तारी और तलाशी :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३७ : गिरफ्तारी और तलाशी : इस अधिनियम में अन्यथा उपबंधित के सिवाय - क) इस अधिनियम के अधीन या तद्धीन बनाए गए किन्हीं भी नियमों के अधीन की गई, सब गिरफ्तारियां और तलाशियां १.(दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ (१९७४ का २)) के उन उपबंधों के… more »
धारा ३६ : कतिपय अपराधों के बारे में इत्तिला का दिया जाना :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३६ : कतिपय अपराधों के बारे में इत्तिला का दिया जाना : १) हर व्यक्ति, जिसे इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के किए जाने का ज्ञान हो, युक्तियुक्त प्रतिहेतु के अभाव में, जिसे साबित करने का भार ऐसे व्यक्ति पर होगा, निकटतम पुलिस थाने के… more »
धारा ३५ : परिसरों के अधिभोगी व्यक्तियों का कतिपय दशाओं..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३५ : परिसरों के अधिभोगी व्यक्तियों का कतिपय दशाओं में आपराधिक उत्तरदायित्व : जहां कोई आयुध या गोलाबारुद जिसके संबंध में इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किया गया हो या किया जा रहा हो, अनेक व्यक्तियों के संयुक्त अधिभोग या संयुक्त… more »
धारा ३४ : आयुधा के भाण्डागारण के वास्ते केन्द्रीय सरकार..
आयुध अधिनियम १९५९ अध्याय ६ : प्रकीर्ण : धारा ३४ : आयुधा के भाण्डागारण के वास्ते केन्द्रीय सरकार की मंजूरी : १.(सीमाशुल्क अधिनियम १९६२ (१९६२ का ५२) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी उस अधिनियम की २.(धारा ५८) के अधीन अनुज्ञप्त भाण्डागार में कोई भी… more »
धारा ३३ : कम्पनियों द्वारा अपराध :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३३ : कम्पनियों द्वारा अपराध : १) जब कभी भी इस अधिनियम के अधीनअपराध किसी कम्पनी द्वारा किया गया हो तब वह कम्पनी और साथ ही हर व्यक्ति, जो अपराध किए जाने के समय उस कम्पनी का भारसाधक था या उस कम्पनी के कारबार के संचालन के लिए कम्पनी… more »
धारा ३२ : अधिहरण करने की शक्ति :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३२ : अधिहरण करने की शक्ति : १) जब कोई व्यक्ति किसी आयुध या गोलाबारुद के संबंध में अपने द्वारा किए गए किसी भी अपराध का इस अधिनियम के अधीन दोषसिद्ध किया जाए तो यह दोषसिद्ध करने वाले न्यायालय के विवेक में होगा कि वह यह भी निदेश दे कि… more »
धारा ३१ : पश्चातवर्ती अपराधों के लिए दण्ड :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३१ : पश्चातवर्ती अपराधों के लिए दण्ड : जो कोई इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का दोषसिद्ध किए जाने पर इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का पुन: दोषसिद्ध किया जाएगा वह पश्चात् कथित अपराध के लिए उपबन्धित शास्ति की दुगनी शास्ति से दण्डनीय… more »
धारा ३० : अनुज्ञप्ति या नियम के उल्लंघन के लिए दण्ड :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ३० : अनुज्ञप्ति या नियम के उल्लंघन के लिए दण्ड : जो कोई अनुज्ञप्ति की किसी शर्त का या इस अधिनियम के किसी उपबंध का या तद्धीन बनाए गए किसी नियम का उल्लंघन करेगा, जिसके लिए इस अधिनियम में अन्यत्र कोई दण्ड उपबंधित नहीं है, वह कारावास… more »
धारा २९ : जानते हुए अनुज्ञप्ति रहित से आयुध आदि क्रय करने..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २९ : जानते हुए अनुज्ञप्ति रहित से आयुध आदि क्रय करने के लिए या आयुध आदि ऐसे व्यक्ति को परिदत्त करने के लिए जो उन्हें कब्जे में रखने का हकदार न हो, दंड : जो कोई - क) किसी अन्य व्यक्ति से ऐसे वर्ग या वर्णन के कोई भी अग्न्यायुध या… more »
धारा २८ : कतिपय दशाओं में अग्न्यायुध या नकली अग्न्यायुध..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २८ : कतिपय दशाओं में अग्न्यायुध या नकली अग्न्यायुध के उपयोग और कब्जे के लिए दण्ड : जो कोई स्वयं अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की विधिपूर्ण गिरफ्तारी या निरोध को प्रतिरुद्ध करने या रोकने के आशय से किसी अग्न्यायुध या नकली अग्न्यायुध को… more »
धारा २७ : १.(आयुधों को उपयोग में लाने के लिए दंड, आदि :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २७ : १.(आयुधों को उपयोग में लाने के लिए दंड, आदि : १) जो कोई धारा ५ के उल्लंघन में किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद को उपयोग में लाएगा वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डनीय… more »
धारा २६ : १.(गुप्त उल्लंघन :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २६ : १.(गुप्त उल्लंघन : १) जो कोई धारा ३, ४, १० या १२ के उपबंधों में से किसी भी उपबंध के उल्लंघन में कोई कार्य ऐसी रीति से करेगा जिससे यह आशय उपदर्शित होता है कि ऐसा कार्य किसी लोक सेवक को या किसी रेल, विमान, जलयान, यान या प्रवहण… more »
धारा २५ : कुछ अपराधों के लिए दंड :
आयुध अधिनियम १९५९ अध्याय ५ : अपराध और शास्तियां : धारा २५ : कुछ अपराधों के लिए दंड : १.(१) जो कोई - क) धारा ५ के उल्लंघन में, किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद का ९.(विनिर्माण, अभिप्राप्त, उपाप्त) विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा, या… more »
धारा २४ख : १.(विक्षुब्ध क्षेत्रों में के सार्वजनिक स्थानों..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २४ख : १.(विक्षुब्ध क्षेत्रों में के सार्वजनिक स्थानों में या उनमें से होकर अधिसूचित आयुध लेकर चलने के बारे में प्रतिषेध आदि : १) जहां केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि किसी क्षेत्र में लोक शान्ति और प्रशान्ति का व्यापक… more »
धारा २४क : १.(विक्षुब्ध क्षेत्रों में अधिसूचित आयुधों के..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २४क : १.(विक्षुब्ध क्षेत्रों में अधिसूचित आयुधों के कब्जे के बारे में प्रतिषेध, आदि : १) जहां केन्द्रीय सरकार का समाधान हो जाता है कि किसी क्षेत्र में लोक शान्ति और प्रशान्ति का व्यापक विक्षोभ है या ऐसे विक्षोभ का आसन्न संकट है… more »
धारा २४ : केन्द्रीय सरकार के आदेशों के अधीन अभिग्रहण और..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २४ : केन्द्रीय सरकार के आदेशों के अधीन अभिग्रहण और निरोध : केन्द्रीय सरकार किसी भी व्यक्ति के कब्जे में के किन्हीं भी आयुधों या किसी भी गोलाबारुद के अभिग्रहण का आदेश किसी भी समय, इस बात के होते हुए भी दे सकेगी कि ऐसा व्यक्ति… more »
धारा २३ : आयुध आदि के लिए जलयानों, यानों आदि की तलाशी :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २३ : आयुध आदि के लिए जलयानों, यानों आदि की तलाशी : कोई मजिस्ट्रेट,कोई पुलिस आफिसर या इस निमित्त केन्द्रीय सरकार द्वारा विशेषत: सशक्त कोई अन्य आफिसर यह अभिनिश्चित करने के प्रयोजन के लिए कि क्या इस अधिनियम या तद्धीन बनाए गए नियमों… more »
धारा २२ : मजिस्ट्रेट द्वारा तलाशी और अभिग्रहण :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २२ : मजिस्ट्रेट द्वारा तलाशी और अभिग्रहण : जब कभी किसी मजिस्ट्रेट के पास यह विश्वास करने का कारण हो की - क) उसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के अन्दर निवास करने वाले किसी भी व्यक्ति के कब्जे मे कोई आयुध या गोलाबारुद किसी… more »
धारा २१ : कब्जा विधिपूर्ण न रहने पर आयुध आदि का निक्षेप :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २१ : कब्जा विधिपूर्ण न रहने पर आयुध आदि का निक्षेप : १) कोई भी व्यक्ति जिसके कब्जे में ऐसे आयुध और गोलाबारुद हों जिनका कब्जा अनुज्ञप्ति की अस्तित्वावधि के अवसान या अनुज्ञप्ति के निलम्बन या प्रतिसंहरण के परिणामस्वरुप या धारा ४ के… more »
धारा २० : संदिग्ध परिस्थितियों के अधीन आयुध, आदि का..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २० : संदिग्ध परिस्थितियों के अधीन आयुध, आदि का प्रवहण करने वाले व्यक्तियों की गिरफ्तारी : जहां कोई व्यक्ति किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद को चाहे उनके लिए अनुज्ञप्ति हो या न हो ऐसी रीति में या ऐसी परिस्थितियों के अधीन वहन करता हुआ या… more »
धारा १९ : अनुज्ञप्ति आदि पेश करने की मांग करने की शक्ति :
आयुध अधिनियम १९५९ अध्याय ४ : शक्तियां और प्रक्रिया : धारा १९ : अनुज्ञप्ति आदि पेश करने की मांग करने की शक्ति : १) कोई पुलिस आफिसर या केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त विशेषत: सशक्त अन्य आफिसर किसी व्यक्ति से जो कोई आयुध या गोलाबारुद वहन कर रहा हो अपनी… more »
धारा १८ : अपीलें :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा १८ : अपीलें : १) अनुज्ञापन प्राधिकारी के अनुज्ञप्ति अनुदत्त करने से इन्कार करने वाले या अनुज्ञप्ति की शर्तों में फेरफार करने वाले आदेश से या अनुज्ञापन प्राधिकारी के या उस प्राधिकारी के, जिसके अधीनस्थ अनुज्ञापन प्राधिकारी है,… more »
धारा १७ : अनुज्ञप्तियों में फेरफार, उनका निलम्बन और..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा १७ : अनुज्ञप्तियों में फेरफार, उनका निलम्बन और प्रतिसंहरण : १) जिन शर्तों के अध्यधीन अनुज्ञप्ति अनुदत्त की गई है उसमें फेरफार अनुज्ञापन प्राधिकारी उनमें से ऐसी शर्तों को छोडकर कर सकेगा जो विहित की गई है और उस प्रयोजन के लिए लिखित… more »
धारा १६ : अनुज्ञप्ति के लिए फीस, आदि :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा १६ : अनुज्ञप्ति के लिए फीस, आदि : वे फीसें जिनके संदाय पर, वे शर्तें जिनके अध्यधीन रहते हुए और वह प्ररुप जिसमें अनुज्ञप्ति अनुदत्त या नवीकृत की जाएगी, ऐसी होंगी या ऐसा होगा, जैसी या जैसा विहित की जाए या किया जाए : परन्तु विभिन्न… more »
धारा १५ : अनुज्ञप्ति की अस्तित्वावधि और उसका नवीकरण :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा १५ : अनुज्ञप्ति की अस्तित्वावधि और उसका नवीकरण : १) धारा ३ के अधीन की अनुज्ञप्ति यदि पहले ही प्रतिसंऱ्हत न कर दी जाए तो वह उस तारीख से, जिसको वह अनुदत्त की जाए, १.(पाँच वर्ष की कालावधि) के लिए प्रवृत्त बनी रहेगी : परन्तु ऐसी… more »
धारा १४ : अनुज्ञप्तियां देने से इन्कार करना :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा १४ : अनुज्ञप्तियां देने से इन्कार करना : १) धारा १३ में किसी बात के होते हुए भी, अनुज्ञापन प्राधिकारी - क) धारा ३, धारा ४, धारा ५, के अधीन अनुज्ञप्ति अनुदत्त करने से वहां इन्कार करेगा, जहां कि ऐसी अनुज्ञप्ति किन्हीं प्रतिषिद्ध… more »
धारा १३ : अनुज्ञप्तियों का अनुदान :
आयुध अधिनियम १९५९ भाग ३ : अनुज्ञप्तियों के बारे मं उपबन्ध : धारा १३ : अनुज्ञप्तियों का अनुदान : १) अध्याय २ के अधीन अनुज्ञप्ति के अनुदान के लिए आवेदन अनुज्ञापन प्राधिकारी को दिया जाएगा और वह ऐसे प्ररुप में होगा, उसमें ऐसी विशिष्टियां अंतर्विष्ट होंगी और… more »
धारा १२ : आयुधों का परिवहन निर्बन्धित या प्रतिषिद्ध करने..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा १२ : आयुधों का परिवहन निर्बन्धित या प्रतिषिद्ध करने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा - क) निदेश दे सकेगी कि कोई भी व्यक्ति ऐसे वर्गों और वर्णनों के आयुधों या गोलाबारुद का, जैसे अधिसूचना में… more »
धारा ११ : आयुधों आदि का आयात या निर्यात प्रतिषिद्ध करने..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ११ : आयुधों आदि का आयात या निर्यात प्रतिषिद्ध करने की शक्ति : केन्द्रीय सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा ऐसे वर्गों और वर्णनों के आयुधों या गोलाबारुद को, जैसे अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं, भारत के अन्दर लाने या भारत… more »
धारा १० : आयुधों आदि के आयात और निर्यात के लिए अनुज्ञप्ति :
आयुध अधिनियम १९५९ धारा १० : आयुधों आदि के आयात और निर्यात के लिए अनुज्ञप्ति : १) कोई भी व्यक्ति किन्हीं भी आयुधों या गोलाबारुद को समुद्र, भूमि या वायु मार्ग द्वारा तब तक न तो भारत में लाएगा न वहां से बाहर ले जाएगा जब तक कि वह इस अधिनियम और तद्धीन बनाए… more »
धारा ९ : तरुण व्यक्तियों और कुछ अन्य व्यक्तियों द्वारा..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ९ : तरुण व्यक्तियों और कुछ अन्य व्यक्तियों द्वारा अग्न्यायुधों आदि के अर्जन या कब्जे का या उनके विक्रय या अन्तरण का प्रतिषेध : १) इस अधिनियम के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी - एक) जिसने १.(इक्कीस वर्ष) की आयु पूरी… more »
धारा ८ : जिन अग्न्यायुधों पर पहचान-चिन्ह न हों, उनके..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ८ : जिन अग्न्यायुधों पर पहचान-चिन्ह न हों, उनके विक्रय या अन्तरण का प्रतिषेध : १) कोई भी व्यक्ति किसी १.(अग्न्यायुध या गोला बारुद) पर या अन्यथा दर्शित कोइ भी नाम, संख्यांक या अन्य पहचान-चिन्ह न तो मिटाएगा, न हटाएगा, न परिवर्तित… more »
धारा ७ : प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोलाबारुद के...
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ७ : प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोलाबारुद के अर्जन या कब्जे में रखने या उसके विनिर्माण या विक्रय या प्रतिषेध : कोई भी व्यक्ति कोइ भी प्रतिषिद्ध आयुध या प्रतिषिद्ध गोलाबारुद को तब तक न तो - क) अर्जित करेगा, कब्ज में रखेगा या… more »
धारा ६ : गनों के नाल के छोट किए जाने या नकली अग्न्यायुधों..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ६ : गनों के नाल के छोट किए जाने या नकली अग्न्यायुधों को अग्न्यायुधों में संपरिवर्तित करने के लिए अनुज्ञप्ति : कोई भी व्यक्ति अग्न्यायुध की नाल को छोटा या किसी नकली अग्न्यायुध को अग्न्यायुध में संपरिवर्तित १.(या आयुध नियम, २०१९ में… more »
धारा ५ : आयुधों और गोलाबारुद के विनिर्माण, विक्रय इ..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ५ : आयुधों और गोलाबारुद के विनिर्माण, विक्रय इत्यादि के लिए अनुज्ञप्ति : १.(१) कोई भी व्यक्ति किसी भी अग्न्यायुध या ऐसे वर्ग या वर्णन के किन्हीं भी अन्य आयुधों का, जैसे विहित किए जाएं या किसी गोलाबारुद का तब तक- क) न तो, २.(उपयोग… more »
धारा ४ : कतिपय दशाओं में विनिर्दिष्ट वर्णन के आयुधों के..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा ४ : कतिपय दशाओं में विनिर्दिष्ट वर्णन के आयुधों के अर्जन और कब्जे के लिए अनुज्ञप्ति : यदि केन्द्रीय सरकाार की राय हो कि किसी क्षेत्र में विद्यमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, लोक हित में यह आवश्यक या समीचीन है, अग्न्यायुधों… more »
धारा ३ : अग्न्यायुधों और गोलाबारुद के अर्जन और कब्जे के..
आयुध अधिनियम १९५९ अध्याय २ : आयुधों और गोलाबारुद का अर्जन, कब्जा, विनिर्माण, विक्रय, आयात, निर्यात और परिवहन : धारा ३ : अग्न्यायुधों और गोलाबारुद के अर्जन और कब्जे के लिए अनुज्ञप्ति : १.(१) कोई भी व्यक्ति कोई अग्न्यायुध या गोलाबारुद तब तक न तो अर्जित… more »
आयुध अधिनियम १९५९ | धारा २ : परिभाषाएं..
आयुध अधिनियम १९५९ धारा २ : परिभाषाएं और निर्वचन : १) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, - क) अपने व्याकरणिक रुपभेदों और सजातीय पदों सहित अर्जन के अन्तर्गत भाडे पर लेना, उधार लेना या दान के रुप में प्रतिगृहीत करना आता है ; ख)… more »
आयुध अधिनियम १९५९ | धारा १ : संक्षिप्त नाम..
आयुध अधिनियम १९५९ १.(१९५९ का अधिनियम संख्यांक ५४) (२३ दिसम्बर १९५९) आयुधों और गोलाबारुद से सम्बन्धित विधि का समेकन और संशोधन करने के लिए आधिनियम. भारत गणराज्य के दसवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :- अध्याय १ : प्रारम्भिक :… more »
धारा ७९ : कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७९ : कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति : १) यदि इस अधिनियम के उपबंधो को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो, यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, ऐसा आदेश कर सकेगी जो इस अधिनियम… more »
धारा ७८ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७८ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) राज्य सरकार, इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम राजपत्र में अधिसूचना द्वारा बना सकेगी । २) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव… more »
धारा ७७ : नियमों और विनियमों का संसद् के समक्ष रखा जाना :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७७ : नियमों और विनियमों का संसद् के समक्ष रखा जाना : इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान द्वारा बनाया गया प्रत्येक विनियम, बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र,… more »
धारा ७६ : विनियम बनाने की शक्ति :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७६ : विनियम बनाने की शक्ति : १) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, केन्द्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए, इस अधिनियम और तद्धीन बनाए गए नियमों से संगत विनियम राजपत्र में… more »
धारा ७५ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७५ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार, इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी । २) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल… more »
धारा ७४ : विधिक प्रक्रिया से उन्मुक्ति :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७४ : विधिक प्रक्रिया से उन्मुक्ति : केन्द्रीय सरकार, राष्ट्रीय प्राधिकरण, राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति, राज्य सरकार, राज्य प्राधिकरण, राज्य कार्यकारिणी समिति या जिला प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी अपनी शासकीय क्षमता में… more »
धारा ७३ : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७३ : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई : इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए नियमों या विनियमों के उपबंधों के अधीन केन्द्रीय सरकार या राष्ट्रीय प्राधिकरण या राज्य सरकार या राज्य प्राधिकरण या जिला प्राधिकरण या स्थानीय प्राधिकारी या… more »
धारा ७२ : अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७२ : अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव : इस अधिनियम के उपबंध, तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में या इस अधिनियम से भिन्न किसी विधि के आधार पर प्रभाव रखने वाली किसी लिखत में उससे असंगत किसी बात के होते हुए भी, प्रभावी होंगे । #DM… more »
धारा ७१ : न्यायालय की अधिकारिता का वर्जन :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७१ : न्यायालय की अधिकारिता का वर्जन : किसी न्यायालय को (उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय को छोडकर) केन्द्रीय सरकार, राष्ट्रीय प्राधिकरण, राज्य सरकार, राज्य प्राधिकरण या जिला प्राधिकरण द्वारा इस अधिनियम द्वारा प्रदत्त किसी… more »
धारा ७० : वार्षिक रिपोर्ट :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ७० : वार्षिक रिपोर्ट : १) राष्ट्रीय प्राधिकरण, प्रत्येक वर्ष ऐसे प्ररुप में और ऐसे समय पर, जो विहित किया जाए, अपनी वार्षिक तैयार करेगा, जिसमें पूर्ववर्ष के दौरान उसके क्रियाकलापों का सही और पुरा विवरण दिया जाएगा और उसकी… more »
धारा ६९ : शक्तियों का प्रत्यायोजन :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ६९ : शक्तियों का प्रत्यायोजन : यथास्थिति, राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति, राज्य कार्यकारिणी समिति लिखित साधारण या विशेष आदेश द्वारा अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य या किसी अधिकारी को ऐसी शर्तों और परिसीमाओं के, यदि कोई हों, अधीन… more »
धारा ६८ : आदेशों या विनिश्चयों का अधिप्रमाणन :
आपदा प्रबन्धन अधिनियम २००५ धारा ६८ : आदेशों या विनिश्चयों का अधिप्रमाणन : राष्ट्रीय प्राधिकरण या राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति या राज्य प्राधिकरण या राज्य कार्यकारिणी समिति या जिला प्राधिकरण का प्रत्येक आदेश या विनिश्चय, राष्ट्रीय प्राधिकरण या राष्ट्रीय… more »