Archives for: "May 2020"
धारा ११ : विशिष्ट प्रयोजनों के लिए बोर्ड के साथ व्यक्ति..
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा ११ : विशिष्ट प्रयोजनों के लिए बोर्ड के साथ व्यक्तियों का अस्थायी सहयोजन : (१) बोर्ड अपने साथ ऐसी रीति से और ऐसे प्रयोजनों के लिए जो विनियमों द्वारा अवधारित किए जाएं, किसी ऐसे… more »
धारा १० : रिक्तियों, आदि से बोर्ड की कार्यवाहियों का ..
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा १० : रिक्तियों, आदि से बोर्ड की कार्यवाहियों का अविधिमान्य न होना : बोर्ड का कोई कार्य या कार्यवाही, केवल इस कारण अविधिमान्य नहीं होगी कि, - (क) बोर्ड में कोई रिक्ति है या… more »
धारा ९ : बोर्ड के अधिवेशन :
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा ९ : बोर्ड के अधिवेशन : (१) बोर्ड का अधिवेशन ऐसे समय और स्थान पर होगा और वह अपने अधिवेशनों में कारबार के संव्यवहार के बारे में (जिसके अन्तर्गत ऐसे अधिवेशनों में गणपूर्ति है)… more »
धारा ८ : सदस्यों की पदावधि :
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा ८ : सदस्यों की पदावधि : (१) पदेन सदस्य से भिन्न सदस्य की पदावधि - (क) धारा ७ की उपधारा (२) के खंड (ङ) या खंड (च) के अधीन नियुक्ति की दशा में, तीन बर्ष होगी; १.(***) २.(परंतु… more »
धारा ७ : केन्द्रीय पर्यवेक्षण बोर्ड का गठन :
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ अध्याय ४ : केन्द्रीय पर्यवेक्षण बोर्ड : धारा ७ : केन्द्रीय पर्यवेक्षण बोर्ड का गठन : (१) केन्द्रीय सरकार, इस अधिनियम के अधीन बोर्ड को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का पालन… more »
धारा ६ : लिंग अवधारणा का प्रतिषेध :
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा ६ : लिंग अवधारणा का प्रतिषेध : इस अधिनियम के प्रारंभ से ही,- (क) कोई भी आनुवंशिकी सलाह केन्द्र या आनुवंशिकी प्रयोगशाला का आनुवंशिकी क्लिनिक किसी प्रसवपूर्व निदान-तकनीक का,… more »
धारा ५ : गर्भवती स्त्री की लिखित सहमति और भ्रूण के लिंग..
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा ५ : गर्भवती स्त्री की लिखित सहमति और भ्रूण के लिंग की संसूचना का प्रतिषेध : (१) धारा ३ के खंड (२) में निर्दिष्ट कोई भी व्यक्ति, प्रसवपूर्व-निदान प्रक्रियाओं का उपयोग तब करेगा… more »
धारा ४ : प्रसवपूर्व निदान-तकनीकों का विनियमन :
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ अध्याय ३ : प्रसवपूर्व निदान तकनीकों का विनियमन : धारा ४ : प्रसवपूर्व निदान-तकनीकों का विनियमन : इस अधिनियम के प्रारंभ से ही, - (१) ऐसे किसी भी स्थान का, जिसके अन्तर्गत… more »
धारा ३ख : ऐसे व्यक्तियों, प्रयोगशालाओं, क्लिनिकों, आदि..
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा ३ख : १.(ऐसे व्यक्तियों, प्रयोगशालाओं, क्लिनिकों, आदि को, जो अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत नहीं हैं, पराश्रव्य मशीन के विक्रय पर प्रतिषेध : कोई व्यक्ति ऐसे किसी आनुवंशिकी सलाह… more »
धारा ३क : १.(लिंग चयन पर प्रतिषेध :
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा ३क : १.(लिंग चयन पर प्रतिषेध : कोई व्यक्ति, जिसमें बंध्यता के क्षेत्र में कोई विशेषज्ञ या विशेषज्ञों का दल सम्मिलित है, किसी स्त्री या किसी पुरुष या दोनों पर अथवा उनमें से… more »
धारा ३ : आनुवंशिकी सलाह केंद्रों, आनुवंशिकी प्रयोगशालाओं..
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ अध्याय २ : आनुवंशिकी सलाह केंद्रों, आनुवंशिकी प्रयोगशालाओं और आनुवंशिकी क्लिनिकों का विनियमन : धारा ३ : आनुवंशिकी सलाह केंद्रों, आनुवंशिकी प्रयोगशालाओं और आनुवंशिकी क्लिनिकों का… more »
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक अधिनियम १९९४ धारा २
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ धारा २ : परिभाषाएं : इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,- (क) समुचित प्राधिकारी से धारा १७ के अधीन नियुक्त समुचित प्राधिकारी अभिप्रेत है; (ख) बोर्ड से धारा ७… more »
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक अधिनियम १९९४ धारा १
गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४ १.(१९९४ का अधिनियम संख्यांक ५७) २.(गर्भधारण से पूर्व या उसके पश्चात लिंग चयन के प्रतिषेध का और आनुवंशिकी अप्रसामान्यताओं या मेटाबोली विकारों या गुणसूत्री अप्रसामान्यताओं या कतिपय… more »
धारा ५४ : निरसन और व्यावृत्ति :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ५४ : निरसन और व्यावृत्ति : १)विदेशी अभिदाय (विनियमन)अधिनियम, १९७६ (१९७६ का ४९ ) (जिसे इसमें इसके पश्चात् निरसित अधिनियम कहा गया है ) इसके द्वारा निरसित किया जाता है । २)ऐसे निरसन के होते हुए भी, - क)निरसित… more »
धारा ५३ : कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ५३ : कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति : १)यदि इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, ऐसे उपबंध कर सकेगी, जो इस अधिनियम के उपबंधों… more »
धारा ५२ : अन्य विधियों के लागू होने का वर्जित न होना :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ५२ : अन्य विधियों के लागू होने का वर्जित न होना : इस अधिनियम के उपबंध तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के उपबंधों के अतिरिक्त होंगे, न कि उनके अल्पीकरण में । INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर… more »
धारा ५१ : अधिनियम का कतिपय सरकारी संव्यवहारों को लागू..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ५१ : अधिनियम का कतिपय सरकारी संव्यवहारों को लागू न होना : इस अधिनियम की कोई बात, भारत सरकार और किसी विदेशी या विदेशी राज्यक्षेत्र की सरकार के बीच हुए किसी संव्यवहार को लागू नहीं होगी । INSTALL Android APP * नोट… more »
धारा ५० : कतिपय मामलों में छूट देने की शक्ति :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ५० : कतिपय मामलों में छूट देने की शक्ति : यदि केन्द्रीय सरकार की यह राय हो कि लोकहित में ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है तो वह किसी व्यक्ति या किसी संगम या संगठन (जो राजनीतिक दल नहीं है ), या किसी व्यष्टि को (जो… more »
धारा ४९ : आदेशों और नियमों का संसंद् के समक्ष रखा जाना :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४९ : आदेशों और नियमों का संसंद् के समक्ष रखा जाना : धारा ५ के अधीन किया गया प्रत्येक आदेश और इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए जाने के पश्चात्, यथाशीघ्र, संसंद् के प्रत्येक… more »
धारा ४८ : नियम बनाने की शक्ति :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४८ : नियम बनाने की शक्ति : १)केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी । २)विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले… more »
धारा ४७ : शक्तियों का प्रत्योयोजन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४७ : शक्तियों का प्रत्योयोजन : केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा यह निदेश दे सकेगी कि इस अधिनियम के अधीन उसकी शक्तियों और कृत्यों का, धारा ४८ का अधीन नियम बनाने की शक्ति के सिवाय, ऐसी शर्तों और परिसीमाओं के अधीन… more »
धारा ४६ : निदेश देने की केन्द्रीय सरकार की शक्ति :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४६ : निदेश देने की केन्द्रीय सरकार की शक्ति : केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के संबंध में किसी अन्य प्राधिकारी या किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग को ऐसे निदेश दे सकेगी, जो वह आवश्यक… more »
धारा ४५ : सभ्दावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४५ : सभ्दावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण : इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए किसी नियम या किए गए किसी आदेश के उपबंधों के अनुसरण में सभ्दावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित किसी बात से हुई या हो सकने वाली… more »
धारा ४४ : विहित प्राधिकारी द्वारा केन्द्रीय सरकार को..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४४ : विहित प्राधिकारी द्वारा केन्द्रीय सरकार को विवरणियों का दिया जाना : विहित प्राधिकारी केन्द्रीय सरकार को, ऐसे समय पर और प्ररूप में तथा ऐसी रीति से, ऐसी विवरणियां और विवरण देगा, जो विहित किए जाएं । INSTALL… more »
धारा ४३ : अधिनियम के अधीन मामलों का अन्वेषण :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४३ : अधिनियम के अधीन मामलों का अन्वेषण : दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३(१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन दंडनीय किसी अपराध का अन्वेषण ऐसे प्राधिकारी द्वारा भी किया जा सकेगा, जिसे केन्द्रीय… more »
धारा ४२ : जानकारी या दस्तावेज मांगने की शक्ति :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय ९ : प्रकीर्ण : धारा ४२ : जानकारी या दस्तावेज मांगने की शक्ति : धारा २३ में निर्दिष्ट कोई निरीक्षण अधिकारी जो, केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत है, इस अधिनियम के किसी उपबंध के उल्लंघन के संबंध में… more »
धारा ४१ : कतिपय अपराधों का शमन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४१ : कतिपय अपराधों का शमन : १)दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन दंडनीय किसी अपराध का (चाहे वह किसी व्यष्टि द्वारा किया गया हो या किसी संगम या उसके… more »
धारा ४० : अधिनियम के अधीन अपराधों के अभियोजन का वर्जन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४० : अधिनियम के अधीन अपराधों के अभियोजन का वर्जन : कोई भी न्यायालय इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का संज्ञान केन्द्रीय सरकार अथवा उस सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी अधिकारी की पूर्व मंजूरी के सिवाय नहीं… more »
धारा ३९ : कंपनियों द्वारा अपराध :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३९ : कंपनियों द्वारा अपराध : १)जहां इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए किसी नियम या किए गए किसी आदेश के अधीन कोई अपराध किसी कंपनी द्वारा किया गया है वहां ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो उस अपराध के किए जाने के समय उस… more »
धारा ३८ : विदेशी अभिदाय स्वीकार करने का प्रतिषेध :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३८ : विदेशी अभिदाय स्वीकार करने का प्रतिषेध : इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, जो कोई धारा ३५ या धारा ३७ के अधीन किसी अपराध का सिध्ददोष ठहराए जाने पर, जहां तक ऐसे अपराध का संबंध विदेशी अभिदाय… more »
धारा ३७ : जिन अपराधों के लिए अलग से दंड का उपबंध नहीं..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३७ : जिन अपराधों के लिए अलग से दंड का उपबंध नहीं किया गया है उनके लिए शास्ति : जो कोई इस अधिनियम के ऐसे किसी उपबंध का, जिसके लिए अलग से शास्ति का उपबंध नहीं किया गया है, अनुपालन करने में असफल रहेगा, तो वह… more »
धारा ३६ : जहां वस्तु या करेन्सी या प्रतिभूति अधिहरण के..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३६ : जहां वस्तु या करेन्सी या प्रतिभूति अधिहरण के लिए उपलब्ध न हो वहां अतिरिक्त जुर्माना अधिरोपित करने की शक्ति : यदि कोई व्यक्ति किसी वस्तु या करेन्सी या प्रतिभूति के, चाहे भारतीय हो या विदेशी, सम्बन्ध में कोई… more »
धारा ३५ : अधिनियम के किसी उपबंध के उल्लंघन के लिए दंड :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३५ : अधिनियम के किसी उपबंध के उल्लंघन के लिए दंड : जो कोई इस अधिनियम के अथवा इसके अधीन बनाए गए किसी नियम या किए गए आदेश के किसी उपबंध के उल्लंघन में किसी विदेशी स्त्रोत से कोई विदेशी अभिदाय का कोई करेन्सी या… more »
धारा ३४ : धारा १० के उल्लंघन में अभिप्राप्त वस्तु ..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३४ : धारा १० के उल्लंघन में अभिप्राप्त वस्तु या करेन्सी या प्रतिभूति के लिए शास्ति : यदि कोई व्यक्ति, जिस पर धारा १० के अधीन किसी प्रतिषेधात्मक आदेश की तामील की गई है, किसी वस्तु या करेंसी या प्रतिभूति का, चाहे… more »
धारा ३३ : मिथ्या कथन, घोषणा करना या मिथ्या लेखे परिदत्त..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय ८ : अपराध और शास्तियां : धारा ३३ : मिथ्या कथन, घोषणा करना या मिथ्या लेखे परिदत्त करना : कोई व्यक्ति, जो इस अधिनियम के अधीन जानबूझकर, - क)धारा ९ की उपधारा (ग) या धारा १८ के अधीन मिथ्या जानकारी देगा ;या… more »
धारा ३२ : केन्द्रीय सरकार द्वारा आदेशों का पुनरीक्षण :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३२ : केन्द्रीय सरकार द्वारा आदेशों का पुनरीक्षण : १)केन्द्रीय सरकार, स्वप्रेरण से या इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत व्यक्ति द्वारा पुनरीक्षण के लिए आवेदन किए जाने पर, इस अधिनियम के अधीन ऐसी किसी कार्यवाही का… more »
धारा ३१ : अपील :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय ७ : अपील और पुनरीक्षण : धारा ३१ : अपील : १)धारा २९ के अधीन किए गए किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, ऐसे आदेश की उसको संसूचना की तारीख से एक मास के भीतर निम्नलिखित को अपील कर सकेगा, अर्थात् :- क)जहां आदेश सेशन… more »
धारा ३० : अधिहरण की प्रक्रिया :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ३० : अधिहरण की प्रक्रिया : अधिहरण के न्यायनिर्णयन का कोई आदेश तब तक नहीं किया जाएगा जब तक उस व्यक्ति को, जिससे किसी वस्तु या करेन्सी या प्रतिभूति का अभिग्रहण किया गया है, ऐसे अधिहरण के विरूध्द अभ्यावेदन करने का… more »
धारा २९ : अधिहरण का न्यायनिर्णयन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २९ : अधिहरण का न्यायनिर्णयन : १)धारा २८ में निर्दिष्ट किसी अधिहरण का न्यायनिर्णयन - क)किसी प्रकार की सीमा के बिना उस सेशन न्यायालय द्वारा किया जा सकेगा, जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर अभिग्रहण किया… more »
धारा २८ : अधिनियम के उल्लंघन में अभिप्राप्त वस्तु या..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय ६ : न्यायनिर्णयन : धारा २८ : अधिनियम के उल्लंघन में अभिप्राप्त वस्तु या करेंसी या प्रतिभूति का अधिहरण : कोई वस्तु या करेन्सी या प्रतिभूति जिसका धारा २५ के अधीन अभिग्रहण किया गया है, उस दशा में अधिहरण किए जाने… more »
धारा २७ : अभिग्रहण का १९७४ के अधिनियम सं.२ के अनुसार..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २७ : अभिग्रहण का १९७४ के अधिनियम सं.२ के अनुसार किया जाना : दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ के उपबंध, इस अधिनियम के अधीन किए गए सभी अभिग्रहणों को वहां तक लागू होंगे, जहां तक वे इस अधिनियम के उपबंधों से असंगत नहीं हैं… more »
धारा २६ : अभिगृहीत वस्तु या करेंसी या प्रतिभूति का व्ययन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २६ : अभिगृहीत वस्तु या करेंसी या प्रतिभूति का व्ययन : १)केन्द्रीय सरकार उक्त वस्तु या करेंसी या प्रतिभूति के मूल्य, चोरी होने के संबंध में उनकी अनसुरक्षित स्थिति या किसी अन्य सुसंगत बात को ध्यान में रखते हुए,… more »
धारा २५ : अधिनियम के उल्लंघन में प्राप्त वस्तु या करेन्सी..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २५ : अधिनियम के उल्लंघन में प्राप्त वस्तु या करेन्सी या प्रतिभूति का अभिग्रहण : यदि केन्द्रीय सरकार द्वारा साधारण या विशेष आदेश द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी राजपत्रित अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण… more »
धारा २४ : लेखाओं या अभिलेखों का अभिग्रहण :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २४ : लेखाओं या अभिलेखों का अभिग्रहण : धारा २३ में निर्दिष्ट लेखे या अभिलेख का निरीक्षण करने के पश्चात् यदि निरीक्षण अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कोई युक्तियुक्त कारण है कि इस अधिनियम या विदेशी मुद्रा से… more »
धारा २३ : लेखाओं या अभिलेखों का निरीक्षण :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय ५ : निरीक्षण, तलाशी और अभिग्रहण : धारा २३ : लेखाओं या अभिलेखों का निरीक्षण : यदि केन्द्रीय सरकार के पास,किसी कारण से, जो लेखबध्द किया जाएगा, यह संदेह करने का आधार है कि इस अधिनियम के किसी उपबंध का - क)किसी… more »
धारा २२ : विदेशी अभिदाय से सृजित आस्तियों का व्ययन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २२ : विदेशी अभिदाय से सृजित आस्तियों का व्ययन : जहां ऐसा कोई व्यक्ति, जिसे इस अधिनियम के अधीन विदेशी अभिदाय प्राप्त करने के लिए अनुज्ञात किया गया था, अस्तित्व में नहीं रहा है या निष्क्रिय हो गया है, वहां ऐसे… more »
धारा २१ : निर्वाचन-अभ्यर्थी द्वारा संसूचना :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २१ : निर्वाचन-अभ्यर्थी द्वारा संसूचना : प्रत्येक निर्वाचन-अभ्यर्थी, जिसने कोई विदेशी अभिदाय प्राप्त किया है, उस तारीख से, जिसको वह ऐसे अभ्यर्थी के रूप में सम्यक्त: नामनिर्दिष्ट किया जाता है, ठीक पूर्ववर्ती एक सौ… more »
धारा २० : लेखाओं की संपरीक्षा :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २० : लेखाओं की संपरीक्षा : जहां कोई व्यक्ति, जिसे उस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया है या पूर्व अनुज्ञा दी गई है, इस अधिनियम के अधीन कोई संसूचना उतने समय के भीतर, जो उसके लिए… more »
धारा १९ : लेखाओं का रखा जाना :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १९ : लेखाओं का रखा जाना : प्रत्येक व्यक्ति,जिसे इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया है या पूर्व अनुज्ञा दी गई है, ऐसे प्ररूप में और ऐसी रीति, से, जो विहित की जाए - क)उसके द्वारा प्राप्त… more »
धारा १८ : संसूचना :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १८ : संसूचना : १)प्रत्येक व्यक्ति, जिसे इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया है या पूर्व अनुज्ञा दी गई है, विहित किए जाने वाले समय के भीतर और रीति से, केंद्रीय सरकार और ऐसे अन्य प्राधिकारी… more »
धारा १७ : अनुसूचित बैंक के माध्यम से विदेशी अभिदाय :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय ४ : लेखा, संसूचना, संपरीक्षा और आस्तियों का व्ययन, आदि : धारा १७ : अनुसूचित बैंक के माध्यम से विदेशी अभिदाय : १)प्रत्येक ऐसा व्यक्ति, जिसे धारा १२ के अधीन प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया है या पूर्व अनुज्ञा दी गई… more »
धारा १६ : प्रमाणपत्र का नवीकरण :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १६ : प्रमाणपत्र का नवीकरण : १)प्रत्येक ऐसा व्यक्ति, जिसे धारा १२ के अधीन प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया है, ऐसे प्रमाणपत्र की अवधि की समाप्ति से पूर्व छह मास के भीतर प्रमाणपत्र को नवीकृत कराएगा । २)प्रमाणपत्र के… more »
धारा १५ : ऐेसे व्यक्ति, जिनका प्रमाणपत्र रद्द किया गया..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १५ : ऐेसे व्यक्ति, जिनका प्रमाणपत्र रद्द किया गया है, के विदेशी अभिदाय का प्रबंध : १)ऐसे प्रत्येक व्यक्ति, जिसका प्रमाणपत्र धारा १४ के अधीन रद्द किया गया है, की अभिरक्षा में विदेशी अभिदाय और विेदशी अभिदाय से… more »
धारा १४ : प्रमाणपत्र का रद्द किया जाना :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १४ : प्रमाणपत्र का रद्द किया जाना : १)केन्द्रीय सरकार, यदि उसका ऐसी जांच करने के पश्चात्, जो वह ठीक समझे, समाधान हो जाता है, आदेश द्वारा, प्रमाणपत्र रद्द कर सकेगी यदि - क)प्रमाणपत्र धारक ने रजिस्ट्रीकरण के… more »
धारा १३ : प्रमाणपत्र का निलंबन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १३ : प्रमाणपत्र का निलंबन : १)जहां केन्द्रीय सरकार का, लेखबध्द किए वाले कारणों से यह समाधान हो जाता है कि धारा १४ की उपधारा (१) में वणिॅत किसी आधार पर प्रमाणपत्र रद्द करने के प्रश्न पर विचार किए जाने तक, ऐसा… more »
धारा १२ : रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र अनुदत्त करना :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १२ : रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र अनुदत्त करना : १)धारा ११ में निर्दिष्ट किसी व्यक्ति द्वारा प्रमाणपत्र के अनुदान या पूर्व अनुज्ञा दिए जाने के लिए आवेदन केन्द्रीय सरकार को ऐसे प्ररूप औ रीति में और ऐसी फीस के साथ किया… more »
धारा ११ : कतिपय व्यक्तियों का केन्द्रीय सरकार के पास..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय ३ : रजिस्ट्रीकरण : धारा ११ : कतिपय व्यक्तियों का केन्द्रीय सरकार के पास रजिस्ट्रीकरण : १)इस अधिनियम में जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, ऐसा कोई व्यक्ति, जिसका कोई निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक,… more »
धारा १० : अधिनियम के उल्लंघन में प्राप्त करेंसी का संदाय..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १० : अधिनियम के उल्लंघन में प्राप्त करेंसी का संदाय प्रतिषिध्द करने की शक्ति : जहां केन्द्रीय सरकार का, ऐसी जांच करने के पश्चात्, जो वह ठीक समझे, यह समाधान हो जाता है कि कोई भारतीय या विदेशी वस्तु या करेंसी, जिस… more »
धारा ९ : कतिपय मामलों में विदेशी अभिदाय, आदि प्राप्त करने..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ९ : कतिपय मामलों में विदेशी अभिदाय, आदि प्राप्त करने को प्रतिषिध्द करने की केन्द्रीय सरकार की शक्ति : केन्द्रीय सरकर, - क)किसी व्यक्ति या संगठन को जो धारा ३ में विनिर्दिष्ट नहीं है, कोई विदेशी अभिदाय स्वीकार… more »
धारा ८ : विदेशी अभिदाय का प्रशासनिक प्रयोजन के लिए उपयोग..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ८ : विदेशी अभिदाय का प्रशासनिक प्रयोजन के लिए उपयोग करने पर निर्बन्धन : १)ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत है और जिसे प्रमाणपत्र दिया गया है या पूर्व अनुज्ञा दी गई है और वह कोई विदेशी… more »
धारा ७ : विदेशी अभिदाय का किसी अन्य व्यक्ति को अंतरण करने..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ७ : विदेशी अभिदाय का किसी अन्य व्यक्ति को अंतरण करने पर प्रतिषेध : कोई व्यक्ति जो, - क)इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत है और उसे रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र दिया गया है या उसने पूर्व अनुज्ञा प्राप्त की है; और ख)कोई… more »
धारा ६ : विदेशी आतिथ्य स्वीकार करने पर निर्बंधन :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ६ : विदेशी आतिथ्य स्वीकार करने पर निर्बंधन : किसी विधान-मंडल का कोई सदस्य या किसी राजनीतिक दल का कोई पदधारी या न्यायाधीश या सरकारी सेवक या सरकार के स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी निगम या किसी अन्य निकाय का… more »
धारा ५ : राजनीतिक स्वरूप के किसी संगठन को अधिसूचित करने..
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ५ : राजनीतिक स्वरूप के किसी संगठन को अधिसूचित करने की प्रक्रिया : १)केन्द्रीय सरकार, संगठन के क्रियाकलापों या संगठन द्वारा प्रचारित विचारधारा या संगठन के कार्यक्रम या किसी राजनीतिक दल के क्रियाकलापों के साथ… more »
धारा ४ : वे व्यक्ति, जिनको धारा ३ लागू नहीं होगी :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा ४ : वे व्यक्ति, जिनको धारा ३ लागू नहीं होगी : धारा ३ की कोई बात उस धारा में विनिर्दिष्ट किसी व्यक्ति द्वारा किसी विदेशी अभिदाय को स्वीकार करने के बारे में उस दशा में लागू नहीं होगी, जहां उसके द्वारा ऐसा अभिदाय,… more »
धारा ३ : विदेशी अभिदाय स्वीकार करने का प्रतिषेध :
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० अध्याय २ : विदेशक्ष अभिदाय और विदेशी आतिथ्य का विनियमन : धारा ३ : विदेशी अभिदाय स्वीकार करने का प्रतिषेध : १)कोई भी विदेशी अभिदाय निम्नलिखित द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा - क)किसी निर्वाचन-अभ्यर्थी; ख)किसी… more »
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा २ : परिभाषाएं : १)इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,- क)संगम से व्यक्तियों का कोई ऐसा संगम, चाहे निगमित हो या न हो, अभिप्रेत है, जिसका भारत में कोई कार्यालय है और इसके अंतर्गत कोई सोसाइटी,… more »
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० धारा १
विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम २०१० (२०१० का अधिनियम संख्यांक ४२) (२६ सितम्बर,२०१०) कतिपय व्यष्टियों या संगमों या कंपनियों द्वारा विदेशी अभिदाय या विदेशी आतिथ्य स्वीकार किए जाने और उपयोग किए जाने को विनियमित करने तथा राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक… more »
धारा ४० : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ४० : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) राज्य सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम अधिसूचना द्वारा बना सकेगी । २) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे… more »
धारा ३९ : उच्च न्यायालय की नियम बनाने की शक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३९ : उच्च न्यायालय की नियम बनाने की शक्ति : १) उच्च न्यायालय, इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम अधिसूचना द्वारा, बना सकेगा । २) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना,… more »
धारा ३८ : कटिनाइयों को दूर करने की शक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३८ : कटिनाइयों को दूर करने की शक्ति : १) यदि इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, ऐसे उपबंध कर सकेगी जो इस अधिनियम के उपबंधों से असंगत… more »
धारा ३७ : ग्राम न्यायालयों का निरीक्षण :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३७ : ग्राम न्यायालयों का निरीक्षण : उच्च न्यायालय, न्यायाधिकारी की पंक्ति से वरिष्ठ किसी न्यायिक अधिकारी को प्रत्येक छह मास में एक बार या ऐसी अन्य अवधि में, जो उच्च न्यायालय विहित करे, अपनी अधिकारिता के भीतर ग्राम… more »
धारा ३६ : न्यायाधिकारियों और कर्मचारियों आदि का लोक..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३६ : न्यायाधिकारियों और कर्मचारियों आदि का लोक सेवक होना : न्यायाधिकारियों और ग्राम न्यायालयों के अधिकारियों तथा अन्य कर्मचारियों के बारे में, जब वे इस अधिनियम के किसी उपबंध के अनुसरण में कार्य कर रहे हैं या उनका कार्य… more »
धारा ३५ : ग्राम न्यायालयों को पुलिस की सहायता :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ८ : प्रकीर्ण : धारा ३५ : ग्राम न्यायालयों को पुलिस की सहायता : १) ग्राम न्यायालय की अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर कार्यरत प्रत्येक पुलिस अधिकारी ग्राम न्यायालय की उसके विधिपूर्ण प्राधिकार के प्रयोग में सहायता… more »
धारा ३४ : सिविल मामलों में अपील :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३४ : सिविल मामलों में अपील : १) सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी और उपधारा (२) के अधीन रहते हुए, ग्राम न्यायालय के प्रत्येक निर्णय या ऐसे आदेश से, जो अंतर्वर्ती आदेश… more »
धारा ३३ : दांडिक मामलों में अपील :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ७ : अपीलें : धारा ३३ : दांडिक मामलों में अपील : १) दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, ग्राम न्यायालय के किसी निर्णय, दंडादेश या आदेश के विरूध्द कोई अपील इसमें यथा… more »
धारा ३२ : औपचारिक प्रकृति के साक्ष्य का शपथ-पत्र पर होना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३२ : औपचारिक प्रकृति के साक्ष्य का शपथ-पत्र पर होना : १) किसी व्यक्ति का साक्ष्य, जहां ऐसा साक्ष्य औरपचारिक प्रकृति का है, शपथ-पत्र द्वारा दिया जा सकेगा और सभी न्यायसंगत अपवादों के अधीन रहते हुए, ग्राम न्यायालय के समक्ष… more »
धारा ३१ : मौखिक साक्ष्य का लेखबध्द किया जाना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३१ : मौखिक साक्ष्य का लेखबध्द किया जाना : ग्राम न्यायालय के समक्ष वादों या कार्यवाहियों में साक्षियों के साक्ष्य को विस्तार से लेखबध्द करना आवश्यक नहीं होगा, किंतु न्यायाधिकारी, जैसे ही प्रत्येक साक्षी की परीक्षा अग्रसर… more »
धारा ३० : भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १८७२ का लागू होना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३० : भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १८७२ का लागू होना : ग्राम न्यायालय साक्ष्य के रूप में ऐसी किसी रिपोर्ट, कथन, दस्तावेज, सूचना या विषय को ग्रहण कर सकेगा जो, उसकी राय में, किसी विवाद को प्रभावी रूप से निपटाने में उसकी सहायता… more »
धारा २९ : कार्यवाहियों का राज्य की राजभाषा में होना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ६ : साधाराणत: प्रक्रिया : धारा २९ : कार्यवाहियों का राज्य की राजभाषा में होना : ग्राम न्यायालय के समक्ष कार्यवाहियां और उसका निर्णय, जहां तक व्यवहार्य हो, अंग्रेजी भाषा से भिन्न राज्य की राजभाषाओं में से किसी एक में… more »
धारा २८ : सिविल विवादों को अंतरण :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २८ : सिविल विवादों को अंतरण : अधिकारिता रखने वाला जिला न्यायालय, किसी प्रक्षकार द्वारा किए गए आवेदन पर या जब किसी एक ग्राम न्यायालय के पास काफी मामले लंबित हों या जब कभी वह न्याय के हित में ऐसा आवश्यक समझे, किसी ग्राम… more »
धारा २७ : सुलहकारों की नियुक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २७ : सुलहकारों की नियुक्ति : १) धारा २६ के प्रयोजनों के लिए, जिला न्यायालय, जिला मजिस्ट्रेट के परामर्श से, सुलहकारों के रूप में नियुक्ति के लिए ग्राम स्तर पर सत्यनिष्ठा रखने वाले ऐसे सामाजिक कार्यकर्ताओं के नामों का एक… more »
धारा २६ : सिविल विवादों के सुलह और समझौते के लिए प्रयास..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २६ : सिविल विवादों के सुलह और समझौते के लिए प्रयास करने का ग्राम न्यायालय का कर्तव्य : १) प्रत्येक वाद या कार्यवाही में ग्राम न्यायालय द्वारा प्रथम अवसर पर यह प्रयास किया जाएगा कि जहां मामले की प्रकृति और परिस्थितियों से… more »
धारा २५ : ग्राम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २५ : ग्राम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का निष्पादन : १) सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) में किसी बात के होते हुए भी, ग्राम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय एक डिक्री समझा जाएगा और उसका निष्पादन ग्राम न्यायालय… more »
धारा २४ : सिविल विवादों में विशेष प्रक्रिया :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २४ : सिविल विवादों में विशेष प्रक्रिया : १) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन प्रत्येक वाद, दावा या विवाद ग्राम न्यायालय में ऐसे प्ररूप में, ऐसी रीति में और एक सौ रूपए से… more »
धारा २३ : सिविल कार्यवाहियों अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ५ : सिविल मामलों में प्रक्रिया : धारा २३ : सिविल कार्यवाहियों अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव : इस अधिनियम के उपबंध, सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी प्रभावी होेंगे,… more »
धारा २२ : निर्णय का सुनाया जाना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २२ : निर्णय का सुनाया जाना : १) प्रत्येक विचारण में निर्णय, न्यायालधिकारी द्वारा विचारण के समाप्त होने के ठीक पश्चात् या पन्द्रह दिन से अनधिक ऐसे किसी पश्चात्वर्ती समय पर, जिसकी सूचना पक्षकरों को दी जाएगी, खुले न्यायालय… more »
धारा २१ : ग्राम न्यायालय में मामलों का संचालन और..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २१ : ग्राम न्यायालय में मामलों का संचालन और पक्षकारों को विधिक सहायता : १)सरकार की ओर से ग्राम न्यायालय में दांडिक मामलों का संचालन करने के प्रयोजन के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३(१९७४ का २) की धारा २५ के उपबंध लागू… more »
धारा २० : ग्राम न्यायालय के समक्ष सौदा अभिवाक् :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २० : ग्राम न्यायालय के समक्ष सौदा अभिवाक् : अपराध में अभियुक्त व्यक्ति उस ग्राम न्यायालय में, जिसमें ऐसे अपराध का विचारण लंबित है, सौदा अभिवाक् के लिए आवेदन फाइल कर सकेगा और ग्राम न्यायालय दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३(१९७४… more »
धारा १९ : ग्राम न्यायालय द्वारा संक्षिप्त विचारण..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १९ : ग्राम न्यायालय द्वारा संक्षिप्त विचारण प्रक्रिया का अपनाया जाना : १) दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा २६० की उपधारा (१) या धारा २६२ की उपधारा (२) में किसी बात के होते हुए भी, ग्राम न्यायालय अपराधों का… more »
धारा १८ : दांडिक विचारण में अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ४ : दंडिक मामलों में प्रक्रिया : धारा १८ : दांडिक विचारण में अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव : इस अधिनियम के उपबंध, दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३(१९७४ का २) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी प्रभावी होंगे, किन्तु… more »
धारा १७ : अनुसचिवीय अधिकारियों के कर्तव्य :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १७ : अनुसचिवीय अधिकारियों के कर्तव्य : १)राज्य सरकार, ग्राम न्यायालय को उसके कृत्यों के निर्वहन में सहायता करने के लिए अपेक्षित अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की प्रकृति और प्रवर्गो का अवधारण करेगी और ग्राम न्यायालय को… more »
धारा १६ : लंबित कार्यवाहियों का अंतरण :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १६ : लंबित कार्यवाहियों का अंतरण : १) यथास्थिति, जिला न्यायालय या सेशन न्यायालय ऐसी तारीख से, जो उच्च न्यायालय द्वारा अधिसूचित की जाए, अपने अधीनस्थ न्यायालयों के समक्ष लंबित सभी सिविल या दांडिक मामलों को, ऐसे मामलों को,… more »
धारा १५ : परिसीमा :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १५ : परिसीमा : १)परिसीमा अधिनियम १९६३(१९६३ का ३६) के उपबंध ग्राम न्यायालय द्वारा विचारणीय वादों को लागू होंगे । २)दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३(१९७४ का २) के अध्याय ३६ के उपबंध ग्राम न्यायालय द्वारा विचारणीय अपराधों के… more »
धारा १४ : अनुसूचियों का संशोधन करने की शक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १४ : अनुसूचियों का संशोधन करने की शक्ति : १)जहां केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, वहां वह अधिसूचना द्वारा, यथास्थिति, पहली अनुसूची के भाग १ या भाग २ अथवा दूसरी अनुसूची के भाग २ में… more »
धारा १३ : सिविल अधिकारिता :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १३ : सिविल अधिकारिता : १) सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी और उपधारा (२) के अधीन रहते हुए, ग्राम न्यायालय की निम्नलिखित अधिकारिता होगी, - क)दुसरी… more »
धारा १२ : दांडिक अधिकारिता :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १२ : दांडिक अधिकारिता : १) दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, ग्राम न्यायालय किसी परिवाद पर या पुलिस रिपोर्ट पर किसी अपराध का संज्ञान ले सकेगा और -… more »
धारा ११ : ग्राम न्यायालय की अधिकारिता :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ३ : ग्राम न्यायालय की अधिकारिता, शक्तियां और प्राधिकार : धारा ११ : ग्राम न्यायालय की अधिकारिता : दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) या सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में… more »
धारा १० : ग्राम न्यायालय की मुद्रा :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा १० : ग्राम न्यायालय की मुद्रा : इस अधिनियम के अधीन स्थापित प्रत्येक ग्राम न्यायालय, न्यायालय की मुद्रा का उपयोग ऐसे आकार और विमाओं में करेगा जो उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के अनुमोदन से विहित की जाएं । INSTALL… more »
धारा ९ : न्यायाधिकारी का ग्रामों में चल न्यायालय लगाना..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ९ : न्यायाधिकारी का ग्रामों में चल न्यायालय लगाना और कार्यवाहियां करना : १) न्यायाधिकारी अपनी अधिकारिता के अंतर्गत आने वाले ग्रामों का आवधिक रूप से दौरा करेगा और ऐसे किसी स्थान पर विचारण या कार्यवाहियां करेगा, जिसे वह उस… more »
धारा ८ : न्यायाधिकारी का उन कार्यवाहियों में पीठासीन न..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ८ : न्यायाधिकारी का उन कार्यवाहियों में पीठासीन न होना, जिनमें वह हितबध्द है : न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय की उन कार्यवाहियों में पीठसीन नहीं होगा जिनमें उसका कोई हित है या वह विवाद की विषय- विस्तु में अन्यथा अंतर्वलित… more »