धारा ३६ : विशेष न्यायालयों का गठन : १) सरकार...
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३६ : १.(विशेष न्यायालयों का गठन : १) सरकार, इस अधिनियम के अधीन अपराधों का शीघ्र विचारण करने के प्रयोजन के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, उतने विशेष न्यायालयों का, जितने ऐसे क्षेत्र या क्षेत्रों के… more »
धारा ३५ : आपराधिक मानसिक दशा की उपधारणा : १) इस..
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३५ : आपराधिक मानसिक दशा की उपधारणा : १) इस अधिनियम के अधीन किसी ऐसे अपराध के किसी अभियोजन में, जिसमें अभियुक्त की मानसिक दशा अपेक्षित है, न्यायालय यह उपधारणा करेगा कि अभियुक्त की ऐसी मानसिक दशा है… more »
धारा ३४ : अपराध के किए जाने..रहने के लिए प्रतिभूति :
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३४ : अपराध के किए जाने से प्रवरित रहने के लिए प्रतिभूति : १) जब कभी कोई व्यक्ति अध्याय ४ के किसी उपबन्ध के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का सिद्धदोष ठहराया जाता है और उसे सिद्धदोष ठहराने वाले न्यायालय की यह… more »
धारा ३३ : दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ की धारा ३६० और..
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३३ : दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ की धारा ३६० और अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८ का लागू होना : दंड प्रकिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा ३६० या अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८ (१९५८ का २०) की कोई बात इस… more »
धारा ३२-ख : न्यूनतम दंड से उच्चतर दंड अधिरोपित करने..
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३२-ख : १.(न्यूनतम दंड से उच्चतर दंड अधिरोपित करने के लिए विचार में लिए जाने वाली बातें : जहां इस अधिनियम के अधीन किए गए किसी अपराध के लिए कारावास की कोई न्यूनतम अवधि या जुर्माने की रकम विहित है, वहां… more »
धारा ३२-क : इस अधिनियम के अधीन दिए गए किसी दंडादेश..
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३२-क : १.(इस अधिनियम के अधीन दिए गए किसी दंडादेश का निलंबन, परिहार या लघुकरण न होना : दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु धारा ३३… more »
धारा ३२ : ऐसे अपराधों के लिए दण्ड जिनके लिए किसी दंड..
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३२ : ऐसे अपराधों के लिए दण्ड जिनके लिए किसी दंड का उपबंध नहीं किया गया है : जो कोई इस अधिनियम के किसी उपबन्ध या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम या निकाले गए किसी आदेश का दी गई किसी अनुज्ञप्ति, अनुज्ञापत्र… more »
धारा ३१-क : पूर्व दोष....अपराधों के लिए मृत्यु दंड :
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३१-क : १.( पूर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कुछ अपराधों के लिए मृत्यु दंड : १) धारा ३१ में किसी बात के होते हुए भी, २.( धारा १९, धारा २४, धारा २७-क के अधीन दंडनीय किसी अपराध के किए जाने या करने का प्रयत्न… more »
धारा ३१ : पूर्व दोषसिद्ध के पश्चात् अपराधों के लिए ..
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३१ : १.(पूर्व दोषसिद्ध के पश्चात् अपराधों के लिए वर्धित दंड : १) यदि कोई व्यक्ति, जिसको इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई अपराध करने या करने का प्रयत्न करने या उसका दुष्प्रेरण करने या करने का आपराधिक… more »
धारा ३० : तैयारी : यदि कोई व्यक्ति, ऐसा कोई कार्य...
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५ धारा ३० : तैयारी : यदि कोई व्यक्ति, ऐसा कोई कार्य, जो १.(धारा १९, धारा २४ और धारा २७-क के किसी उपबंध के अधीन दंडनीय अपराध और किसी ऐसे अपराध के लिए जो किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ की वाणिज्यिक मात्रा… more »