धारा ३३९ : नातेदार या मित्र की देख-रेख के लिए पागल ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३९ : नातेदार या मित्र की देख-रेख के लिए पागल का सौपा जाना : १)जब कभी धारा ३३० या ३३५ के उपबंधों के अधीन निरुद्ध किसी व्यक्ति का कोई नातेदार या मित्र यह चाहता… more »
धारा ३३८ : जहाँ निरुद्ध पागल छोडे जाने के योग्य घोषित कर...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३८ : जहाँ निरुद्ध पागल छोडे जाने के योग्य घोषित कर दिया जाता है, वहाँ प्रक्रिया : १)यदि ऐसा व्यक्ति धारा ३३० की उपधारा (२) या धारा ३३५ के उपबंधों के अधीन… more »
धारा ३३७ : जहाँ यह रिपोर्ट की जाती है कि पागल बंदी अपनी...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३७ : जहाँ यह रिपोर्ट की जाती है कि पागल बंदी अपनी प्रतिरक्षा करने में समर्थ है वहाँ प्रक्रिया : यदि ऐसा व्यक्ती धारा ३३० की उपधारा (२) के उपबंधों के अधीन… more »
धारा ३३५ : ऐसे आधार पर दोषमुक्त किए गए व्यक्ति का सुरक्षित...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३५ : ऐसे आधार पर दोषमुक्त किए गए व्यक्ति का सुरक्षित अभिरक्षा में निरुद्ध किया जाना : १)जब कभी निष्कर्ष में यह कथित है क अभियुक्त व्यक्ति ने अभिकथित कार्य… more »
धारा ३३६ : भारसाधक अधिकारी को कृत्यों को निर्वहन करने ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३६ : भारसाधक अधिकारी को कृत्यों को निर्वहन करने के लिए सशक्त करने की राज्य सरकार की शक्ति : राज्य सरकार उस जेल के भारसाधक अधिकारी को, जिसमें कोई व्यक्ति धारा… more »
धारा ३३४ : चित्त-विकृति के आधार पर दोषमुक्ति का निर्णय :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३४ : चित्त-विकृति के आधार पर दोषमुक्ति का निर्णय : जब कभी कोई व्यक्ति इस आधार पर दोषमुक्त किया जाता है कि उस समय जब यह अभिकथित है उसने अपराध किया वह… more »
धारा ३३३ : जब यह प्रतीत हो कि अभियुक्त स्वस्थचित्त यहा है :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३३ : जब यह प्रतीत हो कि अभियुक्त स्वस्थचित्त यहा है : जब अभियुक्त जाँच या विचारण के समय स्वस्थचित्त प्रतीत होता है और मजिस्ट्रेट का अपने समक्ष दिए गए साक्ष्य… more »
धारा ३३२ : मजिस्ट्रेट या न्यायालय के समक्ष अभियुक्त के ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३२ : मजिस्ट्रेट या न्यायालय के समक्ष अभियुक्त के हाजिर होने पर प्रक्रिया : १)जब अभियुक्त, यथास्थिति, मजिस्ट्रेट या न्यायालय के समक्ष हजिर होता है या पुन:लाया… more »
धारा ३३१ : जाँच या विचारण को पुन: चालू करना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३१ : जाँच या विचारण को पुन: चालू करना : १)जब कभी जाँच या विचारण को धारा ३२८ या धारा ३२९ के अधीन मुल्तवी किया गया है तब, यथास्थिति, मजिस्ट्रेट या न्यायालय… more »
धारा ३३० : अन्वेषण या विचारण के लम्बन के दौरान विकृत्त ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय २५ : विकृतचित्त अभियुक्त व्यक्तियों के बारे में उपबंध : धारा ३३० : अन्वेषण या विचारण के लम्बन के दौरान विकृत्त चित्त के व्यक्ति का छोडा जाना : १)जब कभी कोई व्यक्ति, चित्त विकृतता के कारण या बुद्धि-मन्दता के कारण यदि… more »