धारा ३६४ क : मुक्ति-धन(फिरौति) आदि के लिए व्यपहरण...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३६४ क : १.(मुक्ति-धन (फिरौति) आदि के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : फिरोती, आदि के लिए व्यपहरण । दण्ड :मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या… more »
धारा ३६४ : हत्या करने के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३६४ : हत्या करने के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) या अपहरण (भगाना) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण । दण्ड :आजीवन कारावास दस या वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना । संज्ञेय या… more »
धारा ३६३ क : भीख मांगने के प्रयोजनों के लिए अप्राप्तवय..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३६३ क : १.(भीख मांगने के प्रयोजनों के लिए अप्राप्तवय (अवयस्क / अप्रौढ ) का व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) या विकलांगीकरण : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : अप्राप्तवय का इसलिए व्यपहरण या अप्राप्तवय की अभिरक्षा इसलिए… more »
धारा ३६३ : व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) के लिए दण्ड :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३६३ : व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) के लिए दण्ड : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : व्यपहरण । दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ( राज्य संशोधन,… more »
धारा ३६२ : अपहरण (भगाना): जो कोई किसी..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३६२ : अपहरण (भगाना): जो कोई किसी व्यक्ती को किसी स्थान से जाने के लिए बल द्वारा विवश करता है, या किन्हीं प्रवंचनापूर्ण उपायों द्वारा उत्प्रेरित करता है, वह उस व्यक्ती का अपहरण करता है, यह कहा जाता है । #Ipc 1860 in… more »
धारा ३६१ : विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण (व्यक्ती..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३६१ : विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) : जो कोई किसी अप्राप्तवय ( अवयस्क / अप्रौढ) को, यदि वह नर हो, तो १.(सोलह) वर्ष से कम आयु वाले को, या यदि वह नारी हो तो, २.(अठारह) वर्ष से कम आयु वाली को… more »
धारा ३६० : भारत में से व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३६० : भारत में से व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) : जो कोई किसी व्यक्ती का, उस व्यक्ती की, या उस व्यक्ती की और से सम्मति देने के लिए वैध रुप से प्राधिकृत किसी व्यक्ती की सम्मति के बिना, १.(भारत) की सीमाओं से परे प्रवहन… more »
धारा ३५९ : व्यपहरण ( व्यक्ती को ले भागना ) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय १६ : व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना), अपहरण(भगाना), दासत्व और बलात्श्रम(जबरदस्ती लिया जाने वाला श्रम) के विषय में : धारा ३५९ : व्यपहरण ( व्यक्ती को ले भागना ) : व्यपहरण दो किस्म का होता है; १.(भारत) में व्यपहरण और… more »
धारा ३५८ : गंभीर प्रकोपन (उत्तेजना) मिलने पर हमला या...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३५८ : गंभीर प्रकोपन (उत्तेजना) मिलने पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : गंभीर और अचानक प्रकोपन मिलने पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग । दण्ड :एक मास के लिए सादा कारावास, या दो सौ रुपए का… more »
धारा ३५७ : किसी व्यक्ती का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३५७ : किसी व्यक्ती का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्न में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग । दण्ड :एक वर्ष के लिए… more »