धारा ३४० : सदोष परिरोध ( कारावास / कैद ) : जो कोई ..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३४० : सदोष परिरोध ( कारावास / कैद ) : जो कोई किसी व्यक्ती का इस प्रकार सदोष अवरोध करता है, कि उस व्यक्ती को निश्चित परिसीमा से परे जाने से निवारित करे, वह उस व्यक्ती का सदोष परिरोध करता है, यह कहा जाता है । दृष्टांत :… more »
धारा ३३९ : सदोष अवरोध ( नियंत्रण / रोक ) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय १६ : सदोष अवरोध(नियंत्रण / रोक) और सदोष परिरोध (कारावास/कैद) के विषय में : धारा ३३९ : सदोष अवरोध ( नियंत्रण / रोक ) : जो कोई किसी व्यक्ती को स्वेच्छया ऐसे बाधा डालता है कि उस व्यक्ती को उस दिशा में, जिसमें उस… more »
धारा ३३८ : ऐसे कार्य द्वारा घोर उपहति कारित करना, जिससे ..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३८ : ऐसे कार्य द्वारा घोर उपहति कारित करना, जिससे दुसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम (सुरक्षा) संकटापन्न (संकटमय) हो : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : ऐसे कार्य द्वारा घोर उपहति कारित करना जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो, आदि… more »
धारा ३३७ : ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करना, जिससे...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३७ : ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करना, जिससे दुसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम (सुरक्षा) संकटापन्न (संकटमय) हो : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करना जिससे मानव जीवन संकटापन हो आदि । दण्ड :छह… more »
धारा ३३६ : कोई कार्य जिससे दुसरों का जीवन या वैयक्तिक...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३६ : कोई कार्य जिससे दुसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम (सुरक्षा) संकटापन्न (संकटमय) हो : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : कोई कार्य करना जिससे मानव जीवन या वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो । दण्ड :तीन मास के लिए कारावास, या ढाई… more »
धारा ३३५ : प्रकोपन (उत्तेजना)पर स्वेच्छया घोर उपहति...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३५ : प्रकोपन (उत्तेजना) पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : प्रकोपन देने वाले व्यक्ति से भिन्न किसी व्यक्ति को उपहति करने का आशय न रखते हुए गंभीर और अचानक प्रकोपन पर घोर उपहति कारित करना ।… more »
धारा ३३४ : प्रकोपन (उत्तेजना)पर स्वेच्छया उपहति कारित करना :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३४ : प्रकोपन (उत्तेजना) पर स्वेच्छया उपहति कारित करना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : प्रकोपन देने वाले व्यक्ति से भिन्न किसी व्यक्ति को उपहति करने का आशय न रखते हुए गंभीर और अचानक प्रकोपन पर स्वेच्छया उपहति कारित करना… more »
धारा ३३३ : लोक सेवक को अपने कर्तव्य से भयोपरत करने ...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३३ : लोक सेवक को अपने कर्तव्य से भयोपरत करने (भय दिखा कर रोकना) के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक को अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना । दण्ड… more »
धारा ३३२ : लोक सेवक को अपने कर्तव्य से भयोपरत करने ...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३२ : लोक सेवक को अपने कर्तव्य से भयोपरत करने (भय दिखा कर रोकना) के लिए स्वेच्छया उपहति कारित करना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक को अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छया उपहति कारित करना । दण्ड :तीन… more »
धारा ३३१ : संस्वीकृति(अपराध स्विकृति) उद्यापित करने या..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३३१ : संस्वीकृति (अपराध स्विकृति) उद्यापित करने या विवश करके संपत्ति का प्रत्यावर्तन (वापस देना) कराने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : संस्वीकृति या जानकारी उद्दापित करने के लिए… more »