धारा २२१ : पकडने के लिए आबद्ध (बंधे हुए) लोक सेवक..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २२१ : पकडने के लिए आबद्ध (बंधे हुए) लोक सेवक द्वारा पकडने का साशय लोप : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : अपराधी को पकडने के लिए विधि द्वारा आबद्ध लोक सेवक द्वारा उसे पकडने का साशय लोप, यदि अपराध मृत्यु से दंडनीय है । दण्ड… more »
धारा २२० : प्राधिकार वाले व्यक्ती द्वारा जो यह जानते है..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २२० : प्राधिकार वाले व्यक्ती द्वारा, जो यह जानते है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : प्राधिकार वाले व्यक्ती द्वारा, जो यह जानते है कि वह… more »
धारा २१९ : लोक सेवक द्वारा न्यायिक कार्यवाही में विधि..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१९ : लोक सेवक द्वारा न्यायिक कार्यवाही में विधि के प्रतिकूल रिपोर्ट आदि का भ्रष्टतापूर्वक किया जाना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : न्यायिक कार्यवाही में लोक सेवक द्वारा ऐसा आदेश, रिपोट, अधिमत या विनिश्चय… more »
धारा २१८ : किसी व्यक्ती को लोक सेवक द्वारा दण्ड से या..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१८ : किसी व्यक्ती को लोक सेवक द्वारा दण्ड से या किसी सम्पत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी व्यक्ति को दंड से या किसी सम्पत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से… more »
धारा २१७ : किसी व्यक्ती को लोक सेवक द्वारा दण्ड से..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१७ : किसी व्यक्ती को लोक सेवक द्वारा दण्ड से या किसी सम्पत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से या किसी सम्पत्ति को समपहरण से… more »
धारा २१६ क : लुटेरों या डाकुओ को संश्रय (आसरा) देने के..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१६ क : १.(लुटेरों या डाकुओ को संश्रय (आसरा) देने के लिए शास्ति (सजा) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लुटेरों या डाकुओं को संश्रय देना । दण्ड :सात वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।… more »
धारा २१६ ख : धारा २१२, धारा २१६, और २१६ ख में संश्रय की परिभाषा :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१६ ख : १.(धारा २१२, धारा २१६, और २१६ ख में संश्रय की परिभाषा : भारतीय दण्ड संहिता(संशोधन) अधिनियम, १९४२, (१९४२ का ८) की धारा ३ द्वारा निरसित ।) -------- १. यह धारा १८९४ के अधिनियम सं० ३ की धारा ८ द्वारा जोडाी गयी थी… more »
धारा २१६ : ऐसे अपराधी को संश्रय (आसरा) देना, जो अभिरक्षा..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१६ : ऐसे अपराधी को संश्रय (आसरा) देना, जो अभिरक्षा से निकल भागा है या जिसको पकडने का आदेश दिया जा चुका है : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : ऐसे अपराधी को संश्रय देना जो अभिरक्षा से निकल भागा है या जिसको पकडने का आदेश… more »
धारा २१५ : चोरी की सम्पत्ति आदि के वापस लेने में सहायता..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१५ : चोरी की सम्पत्ति आदि के वापस लेने में सहायता करने के लिए उपहार लेना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : अपराधी को पकडवाए बिना उस जंगम सम्पत्ति को वापस कराने में सहायता करने के लिए उपहार लेना जिससे कोई व्यक्ति अपराध… more »
धारा २१४ : अपराधी के प्रतिच्छादन (बचने) के प्रतिफल..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २१४ : अपराधी के प्रतिच्छादन (बचने) के प्रतिफलस्वरुप उपहार की प्रस्थापना या सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन (बहाल करना) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : अपराधी के प्रतिच्छादन के प्रतिफलस्वरुप उपहार की प्रस्थापना या सम्पत्ति का… more »