धारा १७१ ग : निर्वाचनों में असम्यक् (अनुचित) असर डालना :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १७१ ग : निर्वाचनों में असम्यक् (अनुचित) असर डालना : १) जो कोई किसी निर्वाचन अधिकार के निर्बांध (मुक्त) प्रयोग में स्वेच्छया हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता है, वह निर्वाचन में असम्यक् (अनुचित) असर… more »
धारा १७१ख : रिश्वत : १) जो कोई - एक) ..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १७१ख : रिश्वत : १) जो कोई - एक) किसी व्यक्ति को इस उद्देश्य से परितोषण (इनाम) देता है कि वह उस व्यक्ती को या किसी अन्य व्यक्ति को किसी निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करे या किसी व्यक्ति को इसलिए इनाम… more »
धारा १७१ क : अभ्यर्थी (उम्मीदवार), निर्वाचन अधिकार...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय ९-क : १.(निर्वाचन संबंधी अपराधों के विषय में : धारा १७१ क : अभ्यर्थी (उम्मीदवार), निर्वाचन अधिकार परिभाषित : इस अध्याय के प्रयोजनों के लिए - २.(क) अभ्यर्थी (उम्मीदवार) से वह व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी निर्वाचन में… more »
धारा १७१ : कपटपर्ण आशय से लोक सेवक के उपयोग की पोषाक..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १७१ : कपटपर्ण आशय से लोक सेवक के उपयोग की पोषाक पहनना या टोकन को धारण करना : अपराध का वर्गीकरण : दण्ड :तीन मास के लिए कारावास, या दो सौ रुपए का जुर्माना, या दोनों । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय… more »
धारा १७० : लोक सेवक का प्रतिरुपण करना : जो कोई किसी..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १७० : लोक सेवक का प्रतिरुपण करना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक का प्रतिरुपण । दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय । शमनीय या… more »
धारा १६९ : कोई लोकसेवक, जो विधिविरुद्ध रुप से संपत्ति..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १६९ : कोई लोकसेवक, जो विधिविरुद्ध रुप से संपत्ति क्रय (खरिद) करता है या उसके लिए बोली लगाता है : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रुप से संपत्ति क्रय करता है या उसके लिए बोली लगाता है । दण्ड :दो… more »
धारा १६८ : कोई लोकसेवक, जो विधिविरुद्ध रुप से व्यापार..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १६८ : कोई लोकसेवक, जो विधिविरुद्ध रुप से व्यापार में लगता है : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रुप से व्यापार में लगता है । दण्ड :एक वर्ष के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों । संज्ञेय या… more »
धारा १६७ : कोई लोकसेवक, जो क्षति (हानी) कारित करने के...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १६७ : कोई लोकसेवक, जो क्षति (हानी) कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक, जो क्षति कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है । दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, या… more »
धारा १६६ ख : पीडित का उपचार न करने के लिए दण्ड :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १६६ ख : १.(पीडित का उपचार न करने के लिए दण्ड : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : अस्पताल द्वारा पीडित का उपचार न किया जाना । दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों । संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय । जमानतीय या… more »
धारा १६६ क : कोई लोकसेवक, जो विधि के अधीन के निदेश की..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १६६ क : १.(कोई लोकसेवक, जो विधि के अधीन के निदेश की अवज्ञा करता है : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक, जो विधि के अधीन के निदेश की अवज्ञा करता है । दण्ड :कम से कम छह मास के लिए कारावास जो दो वर्ष तक का हो सकेगा और… more »