धारा ५४ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम १९८१
धारा ५४ :
राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१) उपधारा (३) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, धारा ५३ की परिधि के अन्तर्गत न आने वाले विषयों के सम्बन्ध में, इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए, नियम बना सकेगी ।
२)विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी विषयों के लिए या उनमें से किसी के लिए उपबन्ध कर सकेंगे, अर्थात् :-
१.(क)इस अधिनियम के अधी गठित राज्य बोर्ड के सदस्य सचिव के रूप में नियुक्ति के लिए अपेक्षित प्रदूषण नियंत्रण के वैज्ञानिक, इंजीनियरी या प्रबंध संबंधी पहुलओं की अर्हता, ज्ञान और अनुभव:)
२.(कक) इस अधिनियम के अधीन, धारा ७ की उपधारा (७) के अधीन गठित राज्य बोर्ड के अध्यक्ष और (सदस्य-सचिव से भिन्न ) अन्य सदस्यों की सेवा के निबन्धन और शर्ते;
ख)धारा १० की उपधारा (१) और धारा ११ की उपधारा (२) के अधीन राज्य बोर्ड और उसकी किसी समिति के अधिवेशनों का अन्तराल और समय तथा स्थान ऐसे अधिवेशनों में अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया, जिसके अन्तर्गत उनमें कामकाज करने के लिए आवश्यक गणपूर्ति भी है;
ग)राज्य बोर्ड की किसी समिति के ऐेसे सदस्यों को जो बोर्ड के सदस्य नहीं हैं, धारा ११ की उपधारा (३) के अधीन संदेय फीसें और भत्ते;
घ) वह रीति जिससे और वे प्रयोजन जिनके लिए धारा १२ की उपधारा (१) के अधीन राज्य बोर्ड के साथ व्यक्ति सहयुक्त किए जा सकेंगे;
ड) धारा १२ की उपधारा (१) के अधीन केन्द्रीय बोर्ड से सहयुक्त किए जाने वाले व्यक्तियों को धारा १२ की उपधारा (३) के अधीन संदेय फीसें और भत्ते ;
च)इस अधिनियम के अधीन गठित राज्य बोर्ड के सदस्य-सचिव की , धारा १४ की उपधारा (१) के अधीन सेवा के निबन्धनों और शर्ते;
छ)किसी राज्य बोर्ड के सदस्य-सचिव द्वारा धारा १४ की उपधारा (२) के अधीन प्रयोग की जाने वाली शक्तियां और निर्वहन किए जाने वाले कर्तव्य;
ज)वे शर्ते जिन पर कोई राज्य बोर्ड धारा १४ की उपधारा (३) के अधीन ऐसे अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों को नियुक्त कर सकेगा, जिन्हें वह राज्य बोर्ड के कृत्यों के दक्ष पालन के लिए आवश्यक समझता है;
झ)वे शर्तें, जिनके अधीन रहते हुए कोई राज्य बोर्ड धारा १४ की उपधारा (५) के अधीन किसी परामर्शी को नियुक्त कर सकेगा;
ञ)धारा १७ की उपधारा (१) के खण्ड (झ) के अधीन राज्य बोर्ड द्वारा पालन किए जाने वाले कृत्य;
ट)वह रीति जिससे धारा १९ की उपधारा (१) के अधीन किसी क्षेत्र या किन्हीं क्षेत्रों को वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया जा सकेगा;
ठ)धारा २१ उपधारा (२) के अधीन राज्य बोर्ड की सम्मति के लिए आवेदन का प्ररूप, उसके लिए संदेय फीस, वह अवधि जिसके भीतर ऐसा आवेदन किया जाएगा और वे विशिष्टियां जो उसमें दी जा सकेंगी ;
ड)धारा २१ की उपधारा (३) के अधीन जांच के सम्बन्ध मे अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया;
ढ)वे प्राधिकरण और अभिकरण जिनकों धारा २३ की उपधारा (१) के अधीन जानकारी दी जाएगी;
ण)वह रीति जिससे धारा २६ की उपधारा (१) के अधीन वायु या उत्सर्जन के नमूने लिए जा सकेंगे;
त)धारा २६ की उपधारा (३) में निर्दिष्ट सूचना का प्ररूप;
थ)धारा २७ की उपधारा (१) के अधीन राज्य बोर्ड विश्लेषक की रिपोर्ट का प्ररूप;
द) धारा २७ की उपधारा (३) के अधीन सरकारी विश्लेषक की रिपोर्ट का प्ररूप;
ध)धारा २८ की उपधारा (२) के अधीन राज्य वायु प्रयोगशाला के कृत्य, विश्लेषण या परीक्षण के लिए उक्त प्रयोगशाला को वायु या उत्सर्जन के नमूने देने के लिए प्रक्रिया, उस पर प्रयोगशाला की रिपोर्ट का प्ररूप, ऐसी रिपोर्ट के सम्बन्ध में संदेय फीसें और ऐसे अन्य विषय जो प्रयोगशाला के कृत्यों को करने के लिए, उसे समर्थ बनाने के लिए आवश्यक या समीचीन हैं;
न)धारा २९ की उपधारा (१) के अधीन सरकारी विश्लेषकों के लिए अपेक्षित अर्हताएं ;
प)धारा २९ की उपधारा (२) के अधीन राज्य बोर्ड विश्लेषकों के लिए अपेक्षित अर्हताएं;
फ)धारा ३१ की उपधारा (३) के अधीन वह प्ररूप और वह रीति जिससे अपीलें की जा सकती हैं, ऐसी अपीलों के लिए संदेय फीसें और अपीलों के निपटारे के लिए अपील प्राधिकरण द्वारा अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया;
१.(ब) वह प्ररूप जिसमें और वह समय जिसे भीतर राज्य बोर्ड का बजट धारा ३४के अधीन तैयार किया जा सकेगा और राज्य सरकार को अग्रेषित किया जा सकेगा;
(बब) वह प्ररूप जिसमें राज्य बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट धारा ३५ के अधीन तैयार की जा सकेगी;
भ)धारा ३६ की उपधारा (१) के अधीन वह प्ररूप जिसमें राज्य बोर्ड के लेखे रखे जा सकेंगे;)
२.(भभ) वह रीति जिसमें धारा ४३ के अधीन परिवाद करने के आशय की सूचना दी जाएगी ।)
म)वे विशिष्टियां जो धारा ५१ के अधीन रखेग गए रजिस्टर में होंगी;
य)कोई अन्य विषय जो विहित किया जाना है या किया जाए ।
३)राज्य बोर्ड के प्रथम गठन के पश्चात उपधारा (२) में निर्दिष्ट किसी भी विषय के (उसके १(खण्ड (कक) में) निर्दिष्ट विषयों से भिन्न) सम्बन्ध में कोई नियम, उस बोर्ड से परामर्श किए बिना न तो बनाया जाएगा न परिवर्तित किया जाएगा, न संशोधित किया जाएगा और न निरसित किया जाएगा ।
३.(***)
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१.१९८७ के अधिनियम सं.४७ की धारा २४ द्वारा अंत:स्थापित ।
२.१९८७ के अधिनियम सं.४७ की धारा २४ द्वारा पुन:संख्यांकित ।
३.१९८७ के अधिनियम सं.४७ की धारा २५ द्वारा लोप किया गया ।
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