सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
३) वादपत्र :
प्रारुप संख्यांक १ :
उधार दिया गया धन :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता. ------ को उसने प्रतिवादी को -------------- रुपए उधार दिए थे जो ता. --------- को प्रतिसंदेय थे ।
२. प्रतिवादी ने ---------- रुपयों के सिवाय जिनका संदाय ता .---------- को किया गया ,
उस रकम का संदाय नहीं किया है ।
(यदि वादी किसी परिसीमा विधि से छूट का दावा करता है तो लिखिए :-)
३. वादी ता. ------------- से ता. --------------- तक अवयस्क या (या उन्मत्त) था ।
४.(वे तथ्य जिनसे यह दर्शित होता है कि वाद-हेतुक कब पैदा हुआ और यह कि न्यायालय को अधिकारिता है ।)
५. वाद की विषयवस्तु का मूल्य अधिकारिता के प्रयोजन के लिए ------- रुपए है और न्यायालय फीस के प्रयोजन के लिए ------ रुपए है ।
६. वादी ता .----------- से ------------ प्रतिशत ब्याज सहित -----------रुपयों का दावा करता है ।
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