नागरिकता अधिनियम १९५५
धारा १५ :
परीक्षण :
(१) विहित प्राधिकारी या किसी अफसर या (केन्द्रीय सरकार से भिन्न) अन्य प्राधिकारी द्वारा इस अधिनियम के अधीन किए गए किसी आदेश से व्यथित व्यक्ति, उस आदेश की तारीख से तीस दिन की कालावधि के अन्दर के पुनरीक्षण के लिए केन्द्रीय सरकार से आवेदन कर सकेगा :
परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार का समाधान हो जाता है कि आवेदक समय पर आवेदन करने में पर्याप्त हेतुक से निवारित रहा था तो वह ऐसे आवेदन को तीस दिन की उक्त कालावधि के अवसान के पश्चात भी ग्रहण कर सकेगी।
(२) उपधारा (१) के अधीन किसी से आवेदन की प्राप्ति पर केन्द्रीय सरकार व्यथित व्यक्ति के आवेदन और उस पर हुई किसी रिपोर्ट पर, जो आदेश करने वाला आफिसर या प्राधिकारी निवेदित करे, विचार करने के पश्चात उस आवेदन के सम्बन्ध में ऐसा आदेश करेगी जैसा वह ठीक समझती है और केन्द्रीय सरकार का विनिश्चय अन्तिम होगा।
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