नागरिकता अधिनियम १९५५
धारा ६ :
देशीयकरण द्वारा नागरिकता :
(१) जहां कि वय: प्राप्त के और पूर्ण सामथ्र्य के किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, १.(जो अवैध प्रवासी नहीं हेै), देशीयकरण प्रमाणपत्र के अनुदान के लिए विहित रीति में आवेदन किया जाता है, वहां यदि केन्द्रीय सरकार का समाधान हो जाता है कि आवेदक तृतीय अनुसूची के उपबंधों के अधीन देशीयकरण के लिए अर्हित है, तो वह उसे देशीयकरण प्रमाणपत्र अनुदत्त कर सकेगी:
परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार की राय में आवेदक ऐसा व्यक्ति है जिसने विज्ञान, दर्शन, कला, साहित्य, विश्व शान्ति या साधारणत: मानव प्रगति के निमित्त विशिष्ट सेवा की है, तो वह तृतीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट सब शर्तों का या उनमें से किसी का भी अधित्यजन कर सकेगी।
(२) जिस व्यक्ति को उपधारा (१) के अधीन देशीयकरण प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया है वह द्वितीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट प्ररूप में राजनिष्ठा की शपथ लेने पर उस तारीख से ही जिसको वह प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया है, देशीकरण द्वारा भारत का नागरिक होगा।
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१. २००४ के अधिनियम सं० ६ की धारा ६ द्वारा प्रतिस्थापित।
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