नागरिकता अधिनियम १९५५
द्वितीय अनुसूची :
धारा ५(२) और धारा ६(२) देखिए :
राजनिष्ठा की शपथ :
मैं, क ख .......सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं (या शपथ लेता हूं) कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूगा और यह कि में भारत की विधियों का श्रद्धापूर्वक अनुपालन करुंगा और भारत के नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करुंगा।)
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१. २००४ के अधिनियम सं० ६ की धारा १७ द्वारा प्रतिस्थापित।
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