सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
नियम १३ :
असंयोजन या कुसंयोजन के बारे में आक्षेप :
पक्षकारों के असंयोजन या कुसंयोजन के आधार पर सभी आक्षेप यथासंभव शीघ्रतम अवसर पर किए जाएंगे और ऐसे सभी मामलों में जिनमें विवाद्य स्थित किए जाते है, ऐसे स्थिरीकरण के समय या उससे पहले किए जाएंगे, जब तक कि आक्षेप का आधार पीछे पैदा न हुआ हो और यदि आक्षेप ऐसे नहीं किया जाता है तो वह आक्षेप अधित्यक्त कर दिया गया समझा जाएगा ।
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