सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
धारा ४५ :
१.(भारत के बाहर डिक्रियों का निष्पादन :
इस भाग की पूर्वगामी धाराओं में से उतनी धाराओं का, जितनी न्यायालय को किसी अन्य न्यायालय में निष्पादन के लिए डिक्री भेजने के लिए सशक्त करती है, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह किसी राज्य में के न्यायालय को केन्द्रीय सरकार के प्राधिकार द्वारा २.(भारत के बाहर) स्थापित ३.(***) किसी ऐसे न्यायालय में निष्पादन के लिए डिक्री भेजने के लिए सशक्त करती है, जिसके बारे में उस राज्य सरकार ने राजपत्र में अधिसूचना द्वारा यह घोषित किया है कि उसे यह धारा लागू होगी ।)
-------
१. भारत शासन (भारतीय विधि अनुकूलन) आदेश, १९३७ द्वारा धारा ४५ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. विधि अनुकूलन आदेश, १९५० द्वारा किसी भारतीय राज्य में के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियमों और अध्यादेशों का अनुकूलन) आदेश, १९४८ द्वारा या बनाए गए शब्दों का लोप किया गया ।
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।