सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
धारा ५९ :
रुग्णता के आधार पर छोडा जाना :
१) न्यायालय निर्णीत-ऋणी की गिरफ्तारी के लिए वारण्ट निकाले जाने पश्चात् किसी भी समय उसकी गंभीर रुग्णता के आधार पर उस वारण्ट का रद्द कर सकेगा ।
२) जहां निर्णीत-ऋणी गिरफ्तार किया जा चुका है वहां, यदि न्यायालय की यह राय है कि उसका स्वास्थ्य इतना ठीक नहीं है कि उसे सिविल कारागार में निरुद्ध किया जाए तो, वह उसे छोड सकेगा ।
३) यदि निर्णीत-ऋणी को सिविल कारागार के सुपुर्द कर दिया गया है तो उसको वहां से-
क) राज्य सरकार किसी संक्रामक या सांसर्गिक रोग होने के आधार पर छोड सकेगी, अथवा
ख) सुपुर्द करने वाला न्यायालय या ऐसा कोई न्यायालय, जिसके अधीनस्थ वह न्यायालय है, उस निर्णीत-ऋणी के किसी गम्भीर रुग्णता से पीडित होने के आधार पर छोड सकेगा ।
४) इस धारा के अधीन छोडा गया निर्णीत-ऋणी पुन: गिरफ्तार किया जा सकेगा, किन्तु सिविल कारागार में उसके निरोध की कुल अवधि धारा ५८ द्वारा विहित अवधि से अधिक नहीं होगी ।
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