सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
धारा ६४ :
कुर्की के पश्चात् सम्पत्ति के प्राइवेट अन्य संक्रामण का शुन्य होना :
१.(१) जहां कुर्की की जा चुकी है वहां कुर्क की गई सम्पत्ति या उसमें के किसी हित का ऐसी कुर्की के प्रतिकूल प्राइवेट अन्तरण या परिदान और किसी ऋण, लाभांश या अन्य धन का ऐसी कुर्की के प्रतिकूल निर्णीत-ऋणी को संदाय कुर्की के अधीन प्रवर्तनीय सभी दावों के मुकाबले में शुन्य होगा ।
२.(२) इस धारा की कोई बात, कुर्क की गई संपत्ति या उसमें किसी हित के किसी ऐसे प्राइवेट अंतरण या परिदान को लागू नहीं होगी, जो कुर्की से पहले ऐसे अंतरण या परिदान की संविदा के अनुसरण में किया गया हो और रजिस्ट्रीकृत हो ।)
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, कुर्की के अधीन प्रवर्तनीय सभी दावों के अन्तर्गत आस्तियों के आनुपातिक वितरण के दावे भी है ।
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१. २००२ के अधिनियम सं. २२ की धारा ३ द्वारा (१-७-२००२ से) धारा ६४ को उसकी उपधारा (१) के रुप में पुन:संख्यांकित किया गया ।
२. २००२ के अधिनियम सं. २२ की धारा ३ द्वारा (१-७-२००२ से) अन्त:स्थापित ।
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