सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
विक्रय
धारा ६५ :
क्रेता का हक :
जहां किसी डिक्री के निष्पादन में स्थावर सम्पत्ति का विक्रय किया गया है और ऐसा विक्रय आत्यन्तिक हो गया है वहां यह समझा जाएगा कि सम्पत्ति उस समय से, जब उसका विक्रय किया गया है, न कि उस समय से, जब विक्रय आत्यन्तिक हुआ है, क्रेता में निहित हो गई है ।
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