सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
धारा ७४ :
निष्पादन का प्रतिरोध :
जहां न्यायालय का यह समाधन हो जाता है कि स्थावर सम्पत्ति के कब्जे के लिए डिक्री के निष्पादन में विक्रीत स्थावर सम्पत्ति का क्रेता सम्पत्ति पर कब्जा अभिप्राप्त करने में निर्णीत-ऋणी या उसकी ओर से किसी व्यक्ति के द्वारा प्रतिरुद्ध या बाधित किया गया है और ऐसा प्रतिरोध या बाधा किसी न्यायसंगत हेतुक के बिना है, वहां डिक्रीदार या क्रेता की प्रेरणा से न्यायालय निर्णीत-ऋणी या ऐसे अन्य व्यक्ति को ऐसी अवधि के लिए सिविल कारागार में निरुद्ध करने का आदेश दे सकेगा, जो तीस दिन तक की हो सकेगी और यह अतिरिक्त निदेश दे सकेगा कि डिक्रीदार या विक्रेता को सम्पत्ति का कब्जा दिलाया जाए ।
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