सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
धारा ८५ :
विदेशी शासकों की और से अभियोजन या प्रतिरक्षा करने के लिए सरकार द्वारा विशेष रुप से नियुक्त किए गए व्यक्ति :
१) विदेशी राज्य के शासक के अनुरोध पर या ऐसे शासक की ओर से कार्य करने की केन्द्रीय सरकार की राय में सक्षम किसी व्यक्ति के अनुरोध पर, केन्द्रीय सरकार ऐसे शासक की ओर से किसी वाद का अभियोजन करने या प्रतिरक्षा करने के लिए किन्हीं व्यक्तियों को आदेश द्वारा नियुक्त कर सकेगी और ऐसे नियुक्त किए गए कोई भी व्यक्ति ऐसे मान्यताप्राप्त अभिकर्ता समझे जाएंगे जो ऐसे शासकों की ओर से इस संहिता के अधीन उपसंजात हो सकेंगे और कार्य आवेदन कर सकेंगे ।
२) इस धारा के अधीन नियुक्ति किसी विनिर्दिष्ट वाद के या अनेक विनिर्दिष्ट वादों के प्रयोजन के लिए या ऐसे सभी वादों के प्रयोजन के लिए की जा सकेगी जिनका ऐसे शासक की ओर से अभियोजन या प्रतिरक्षा करना समय-समय पर आवश्यक हो ।
३) इस धारा के अधीन नियुक्त व्यक्ति ऐसे किसी वाद या किन्ही वादो में उपसंजात होने तथा आवेदन और कार्य करने के लिए किन्हीं अन्य व्यक्तियों को ऐसे प्राधिकृत या नियुक्त कर सकेगा मानो वह स्वयं ही उसका या उनका पक्षकार हो ।
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