सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
१.(लोक न्यूसेंस और लोक पर प्रभाव डालने वाले अन्य दोषपूर्ण कार्य)
धारा ९१ :
लोक न्यूसेंस और लोक पर प्रभाव डालने वाले अन्य दोषपूर्ण कार्य :
२.(१) लोक न्यूसेंस या अन्य ऐसे दोषपूर्ण कार्य की दशा में जिससे लोक पर प्रभाव पडता है या प्रभाव पडना संभव है, घोषणा और व्यादेश के लिए या ऐसे अन्य अनुतोष के लिए जो मामले की परिस्थितियों में समुचित हो वाद, -
क) महाधिवक्ता द्वारा, या
ख) दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा, ऐसे लोक न्यूसेंस या अन्य दोषपूर्ण कार्य के कारण ऐसे व्यक्तियों को विशेष नुकसान न होने पर भी न्यायालय की इजाजत से,
संस्थित किया जा सकेगा ।)
२) इस धारा की कोई भी बात वाद के किसी ऐसे अधिकार को परिसीमित करने वाली या उस पर अन्यथा प्रभाव डालने वाली नहीं समझी जाएगी, जिसका अस्तित्व इसके उपबंधों से स्वतंत्र है ।
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१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ३० द्वारा (१-२-१९७७ से) पूर्ववर्ती शीर्ष के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ३० द्वारा (१-२-१९७७ से) उपधारा (१) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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