धारा १३३ : न्यूसेन्स (कंटक) हटाने के लिए सशर्त आदेश :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय १० :
ख - लोक न्यूसेंस (कंटक / व्याधा / बाधा ) :
धारा १३३ :
न्यूसेन्स (कंटक / व्याधा / बाधा ) हटाने के लिए सशर्त आदेश :
१)जब किसी जिला मजिस्ट्रेट या उपखण्ड मजिस्ट्रेट का या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किसी अन्य कार्यपालाक मजिस्ट्रेट का, किसी पुलिस अधिकारी से रिपोर्ट या अन्य इत्तिला प्राप्त होने पर और ऐसा साक्ष्य (यदि कोई हो ) लेने पर, जैसा वह ठीक समझे, यह विचार है कि :-
क)किसी लोक स्थान या किसी मार्ग, नदी या जलसारणी से जो जनता द्वार विधिपूर्वक उपयोग ेमं लाई जाती है या लाई जा सकती है, को विधिविरुद्ध बाधा या न्यूसेन्स हटाया जाना चाहिए; अथवा
ख) किसी व्यापार या उपजिविका को चलाना या किसी माल या पण्य वस्तु को रखना समाज के स्वास्थ्य या शारीरिक सुख के लिए हानिकारक है और परिणामत: ऐसा व्यापार या उपजीविका प्रतिषिद्ध या विनियमित की जानी चाहिए या ऐसा माल या पण्य वस्तु हटा दी जानी चाहिए या उसको रखना विनियमित किया जाना चाहिए; अथवा
ग)किसी भवन का निर्माण या किसी पदार्थ का व्ययन, जिससे संभाव्य है कि अग्निकाण्ड या विस्फोट हो जाए, रोक दिया या बंद कर दिया जाना चाहिए; अथवा
घ)कोई भवन, तम्बू, संरचना या कोई वृक्ष ऐसी दशा में है कि संभाव्य है वह गिर जाए और पडोस में रहने या कारबार करने वाले या पास से निकलने वाले व्यक्तियों को उससे हानि हो, और परिणामत: ऐसे भवन तम्बू, या संरचना को हटाना, या उसकी मरम्मत करना या उसमें आलम्ब लगाना, या ऐसे वृक्ष को हटाना या उसमें आलम्ब (आधार )लगाना आवश्यक है; अथवा
ङ)ऐसे किसी मार्ग या लोक स्थान के पाश्र्वस्थ किसी तालाब, कुएँ या उत्खात को इस प्रकार से बाड लगा दी जानी चाहिए कि जनता को होने वाले खतरे का निवारण हो सके; अथवा
च)किसी भयानक जीवजन्तु को नष्ट, परिरुद्ध या उसका अन्यथा व्ययन किया जाना चाहिए, तब ऐसा मजिस्ट्रेट ऐसी बाधा या न्यूसेंस पैदा करने वाले या ऐसा व्यापार या उपजीविका चलाने वाले या किसी ऐसे माल या पण्य वस्तु को रखने वाले या ऐसे भवन, तम्बू, संरचना, पदार्थ, तालाब, कुएँ या उत्खात का स्वामित्व या कब्जा या नियंत्रण रखने वाले या ऐसे जीवजन्तु या वृक्ष का स्वामित्व या कब्जा रखने वाले व्यक्ति से यह अपेक्षा करते हुए सशर्त आदेश दे सकता है कि उतने समय के अन्दर, जितना उस आदेश में नियत किया जाएगा, वह :-
एक) ऐसी बाधा या न्यूसेन्स को हटा दे; अथवा
दो) ऐसा व्यापार या उपजीविका चलाना छोड दे या उसे ऐसी रीति से बंद कर दे या विनियमित करे, जैसी निदिष्ट की जाए अथवा ऐसे माल या पण्य वस्तु को हटाए या उसको रखना ऐसी रिति से विनियमित करे जैसी निदिष्ट की जाए; अथवा
तीन)ऐसे भवन का निर्माण रोके या बंद करे, या ऐसे पदार्थ के व्ययन में परिवर्तन करे; अथवा
चार)ऐसे भवन, तम्बू या संरचना को हटाए, उसकी मरम्मत कराए या उसमें आलम्ब (आधार /सपोर्ट) लगाए अथवा ऐसे वृक्षों को हटाए या उनमें आलम्ब लगाए; अथवा
पांच)ऐसे तालाब, कुएँ या उत्खात को बाढ लगाए; अथवा
छह)ऐसे भयानक जीवजन्तु को उस रीति से नष्ट करे, परिरुद्ध करे या उसका व्ययन करे, जो उस आदेश में उपबंधित है,
अथवा यदि वह ऐसा करने में आपत्ति करता है तो वह स्वयं उसके समक्ष अधीनस्थ किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष उस समय और स्थान पर, जो उस आदेश द्वारा नियत किया जाएगा, हाजिर हो और इसमें इसके पश्चात् उपबंधित प्रकार से कारण दर्शित करे कि उस आदेश को अंतिम क्यो न कर दिया जाए ।
२)मजिस्ट्रेट द्वारा इस धारा के अधीन सम्यक् रुप से दिए गए किसी भी आदेश को किसी सिविल न्यायालय में प्रश्नगत नहीं किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण :
लोकस्थान के अन्तर्गत राज्य की सम्पत्ति, पडाव के मैदान और स्वच्छता या आमोद-प्रमोद के प्रयोजन के लिए खाली छोडे गए मैदान भी है ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 133.
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