दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय १२ :
पुलिस को इत्तिला और उनकी अन्वेषण करने की शक्तियाँ :
धारा १७२ :
अन्वेषण में कार्यवाहियों की डायरी :
१)प्रत्येक पुलिस अधिकारी, जो इस अध्याय के अधीन अन्वेषण करता है, अन्वेषण में की गई अपनी कार्यवाही को दिन-प्रतिदिन एक डायरी में लिखेगा, जिसमें वह समय जब उसे इत्तिला मिली, वह समय जब उसने अन्वेषण प्रारंभ किया और जब समाप्त किया, वह स्थान या वे स्थान जहाँ वह गया और अन्वेषण द्वारा अभिनिश्चित परिस्थितियों का विवरण होगा ।
१-क)धारा १६१ के अधीन अन्वेषण के अनुक्रम के दौरान अभिलिखित किए गए साक्षियों के कथनों को केस डायरी में अन्त:स्थापित किया जाएगा ।
१-ख)उपधारा (१) में निर्दिष्ट डायरी साजिल्द होगी तथा सम्भाव्यत: संख्यांकित होगी ।
२)कोई दण्ड न्यायालय ऐसे न्यायालय में जाँच या विचारण के अधीन मामले की पुलिस डायरियों को मंगा सकता है और ऐसी डायरियों को मामले में साक्ष्य के रुप में तो नहीं किन्तु ऐसी जाँच या विचारण में अपनी सहायता के लिए उपयोग में ला सकता है ।
३)न तो अभियुक्त और न उसके अभिकर्ता ऐसी डायरियों का मंगाने का हकदार होंगे और न वह या वे केवल इस कारण उन्हें देखने के हकदार होंगे कि वे न्यायालय द्वारा देखी गई है, किन्तु यदि वे उस पुलिस अधिकारी द्वारा, जिसने उन्हें लिखा है, अपनी स्मृति को ताजा करने के लिए उपयोग में लाई जाती है, या यदि न्यायालय उन्हें ऐसे पुलिस अधिकारी की बातों का खण्डन करने के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाता है तो भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १८७२ (१८७२ का १) की, यथास्थिति, धारा १६१ या धारा १४५ के उपबंध लागू होंगे ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 172.
section 172 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 172 in hindi .
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