दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय १४ :
कार्यवाहियाँ शुरु करने के लिए अपेक्षित शर्तें :
धारा १९१ :
अभियुक्त के आवेदन पर अंतरण :
जब मजिस्ट्रेट किसी अपराध का संज्ञान धारा १९० की उपधारा (१) के खण्ड (ग) के अधीन करता है तब अभियुक्त को, कोई साक्ष्य लेने से पहले, इत्तिला दी जाएगी कि वह मामले की किसी अन्य मजिस्ट्रेट से जाँच या विचारण कराने का हकदार है और यदि अभियुक्त, या यदि एक से अधिक अभियुक्त है तो उनमें से कोई, संज्ञान करने वाले मजिस्ट्रेट के समक्ष आगे कार्यवाही किए जाने पर आपत्ति करता है तो मामला उस अन्य मजिस्ट्रेट को अन्तरित कर दिया जाएगा जो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाएगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 191.
section 191 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 191 in hindi .
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।