दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय १५ :
मजिस्ट्रेटों से परिवाद :
धारा २०१ :
ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जो मामले का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है :
यदि परिवाद ऐसे मजिस्ट्रेट को किया जाता है जो उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है, तो-
क)यदि परिवाद लिखित है तो वह आपको समुचित न्यायालय में पेश करने के लिए, उस भाव के पृष्ठांकन सहित लौटा देगा;
क)यदि परिवाद लिखित नहीं है तो वह परिवादी को उचित न्यायालय में जाने का निदेश देगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 201.
section 201 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 201 in hindi .
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।