दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय १६ :
मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना :
धारा २०७ :
अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना :
किसी ऐसे मामले में जहाँ कार्यवाही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर संस्थित की गई है, मजिस्ट्रेट निम्नलिखित में से प्रत्येक की एक प्रतिलिपि अभियुक्त को अविलम्ब नि:शुल्क देगा :-
एक)पुलिस रिपोर्ट;
दो)धारा १५४ के अधीन लेखबद्ध की गई प्रथम इत्तिला रिपोर्ट;
तीन)धारा १६१ की उपधारा (३) के अधीन अभिलिखित उन सभी व्यक्तियों के कथन, जिनकी अपने साक्षियों के रुप में परिक्षा करने का अभियोजन का विचार है, उनमें से किसी ऐसे छोडने के लिए निवेदन धारा १७३ की उपधारा (६) के अधीन पुलिस अधिकारी द्वारा किया गया है;
चार)धारा १६४ के अधीन लेखबद्ध की गई संस्वीकृतियाँ या कथन, यदि कोई हो;
पांच)कोई अन्य दस्तावेज या उसका सुसंगत उद्धरण, जो धारा १७३ की उपधारा (५) के अधीन पुलिस रिपोर्ट के साथ मजिस्ट्रेट को भेजी गई है :
परन्तु मजिस्ट्रेट खण्ड (तीन) में निर्दिष्ट कथन के किसी ऐसे भाग का परिशीलन करने और ऐसे निवेदन के लिए पुलिस अधिकारी द्वारा दिए गए कारणों पर विचार करने के पश्चात् यह निदेश दे सकता है कि कथन के उस भाग की या उसके ऐसे प्रभाग की,जैसा मजिस्ट्रेट ठीक समझे, एक प्रतिलिपि अभियुक्त को दी जाए :
परन्तु यह और कि यदि मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाता है कि खण्ड (पांच) में निर्दिष्ट कोई दस्तावेज विशालकाय है तो वह अभियुक्त को उसकी प्रतिलिपि देने के बजाय यह निदेश देगा कि उसे स्वयं या प्लीडर द्वारा न्यायालय में उसका निरिक्षण ही करने दिया जाएगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 207.
section 207 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 207 in hindi .
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