दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय २९ :
अपीलें :
धारा ३७४ :
दोषसिद्धि से अपील :
१)कोई व्यक्ति जो उच्च न्यायालय द्वारा असाधारण, आरंभिक दांडिक अधिकारिता के प्रयोग में किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है ।
२)कोई व्यक्ति जो सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश द्वारा किए गए विचारण में या किसी अन्य न्यायालय द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, जिसमें सात वर्ष से अधिक के कारावास का दण्डादेश उसके विरुद्ध या उसी विचारण में दोषसिद्ध किए गए किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध दिया गया है उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है ।
३)उपधारा (२) में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय,कोई व्यक्ती -
क)जो महानगर मजिस्ट्रेट या सहायक सेशन न्यायाधीश या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, अथवा
ख)जो धारा ३२५ के अधीन दण्डादिष्ट किया गया है,अथवा
ग)जिसके बारे में किसी मजिस्ट्रेट द्वारा धारा ३६० के अधीन आदेश दिया गया है या दण्डादेश पारित किया गया है,
सेशन न्यायालय में अपील कर सकता है ।
१.(४) जब अपील भारतीय दण्ड संहिता के धारा ३७६, धारा ३७६ क, धारा ३७६ कख, धारा ३७६ ख, धारा ३७६ ग, धारा ३७६ घ, धारा ३७६ घक, धारा ३७६ घख या धारा ३७६ ङ के अधीन पारीत दण्डादेश के विरद्ध की गई है, तब वह अपील, एसे अपील दाखिल करने तारीख से छह महिने के भीतर निपाटाई जाएगी ।)
------------
१. दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, २०१८ (क्र. २२ सन २०१८) की धारा २० द्वारा अंत:स्थापित.(भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग-२, खंड १, दिनांक ११-८-२०१८) पर अंग्रेजी में प्रकाशित ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 374.
section 374 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 374 in hindi .
INSTALL Android APP
For Full Access Purchase Paid Membership : Price -150 / Yearly.
संपूर्णत: अॅक्सेस के लिए वेबसाईट के पेड मेंबर बने ।
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।