दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय २९ :
अपीलें :
धारा ३८५ :
संक्षेपत: खारिज न की गई अपीलों की सुनवाई के लिए प्रक्रिया :
१)यदि अपील न्यायालय अपील को संक्षेपत: खारीज नहीं करता है तो वह उस समय और स्थान की, जब और जहाँ ऐसी अपील सुनी जाएगी, सूचना-
एक)अपीलार्थी या उसके प्लीडर को;
दो) ऐसे अधिकारी को, जिसे राज्य सरकार इस निमित्त नियुक्त करे;
तीन)यदि परीवाद पर संस्थित मामले में दोषसिद्धि के निर्णय के विरुद्ध अपील की गई है, तो परिवादी को;
चार)यदि अपील धारा ३७७ या धारा ३७८ के अधीन की गई है तो अभियुक्त को,
दिलवाएगा, और ऐसे अधिकारी, परिवादी है अभियुक्त को अपील के आधारों की प्रतिलिपि भी देगा ।
२)यदि अपील न्यायालय में मामले का अभिलेख, पहले से ही उपलब्ध नहीं है तो वह न्यायालय ऐसा अभिलेख मंगाएगा और पक्षकारों को सुनेगा :
परन्तु यदि अपील केवल दण्ड के परिमाण या उसकी वैधता के बारे में है तो न्यायालय अभिलेख मंगाए बिना ही अपील का निपटारा कर सकता है ।
३)जहाँ दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील का आधारा केवल दण्डादेश की अभिकथित कठोरता है, वहाँ अपीलार्थी न्यायालय की इजाजत के बिना अन्य किसी आधारा के समर्थन में न तो कहेगा और न उसे उसके समर्थन में सुना ही जाएगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 385.
section 385 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 385 in hindi .
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