दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३० :
निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) :
धारा ३९९ :
सेशन न्यायालय की पुनरीक्षण की शक्तियाँ :
१)ऐसी किसी कार्यवाही के मामले में जिसका अभिलेख सेशन न्यायाधीश ने स्वयं मंगवाया है, वह उन सभी या किन्हीं शक्तियाँ का प्रयोग कर सकता है जिनका प्रयोग धारा ४०१ की उपधारा (१) के अधीन उच्च न्यायालय कर सकता है ।
२)जहाँ सेशन न्यायाधीश के समक्ष पुनरिक्षण के रुप में कोई कार्यवाही उपधारा (१) के अधीन प्रारंभ की गई है वहाँ धारा ४०१ की उपधारा (२), (३), (४) और (५) के उपबंध, जहाँ तक हो सके, ऐसी कार्यवाही को लागू होंगे और उक्त उपधारओं में उच्च न्यायालय के प्रति निर्देशों का यह अर्थ लगाया जाएगा कि वे सेशन न्यायाधीश के प्रति निर्देश है ।
३)जहाँ किसी व्यक्ति द्वारा या उसकी और से पुनरिक्षण के लिए आवेदन सेशन न्यायाधिश के समक्ष किया जाता है वहाँ ऐसे व्यक्ति के संबंध में उस बाबत सेशन न्यायाधीश का विनिश्चय अंतिम होगा और ऐसे व्यक्ति की प्रेरणा पर पुनरिक्षण के रुप में और कार्यवाही उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ग्रहण नहीं कि जाएगी ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 399.
section 399 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 399 in hindi .
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।