दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३४ :
संपत्ति का व्ययन :
धारा ४५६ :
स्थावर संपत्ति का कब्जा लौटोने की शक्ति :
१)जब आपराधिक बल या बल-प्रदर्शन या आपराधिक अभित्रास से युक्त किसी अपराध के लिए कोई व्यक्ति दोषसिद्ध किया जाता है और न्यायालय को यह प्रतीत होता है कि ऐसे बल या बल प्रदर्शन या अभित्रास से कोई व्यक्ति किसी स्थावर संपत्ति से बेकब्जा किया गया है तब, यदि न्यायालय ठीक समझे तो, आदेश दे सकता है किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसका उस संपत्ति पर कब्जा है यदि आवश्यक हो तो, बल द्वारा बेदखल करने के पश्चात्, उस व्यक्ति को उसका कब्जा लौटा दिया जाए :
परन्तु न्यायालय द्वारा ऐसा कोई आदेश दोषसिद्ध की तारीख से एक मास के पश्चात् नहीं दिया जाएगा ।
२)जहाँ अपराध का विचारण करने वाले न्यायालय ने उपधारा (१) के अधीन कोई आदेश नहीं दिया है, वहाँ अपील, पुष्टीकरण या पुनरीक्षण न्यायालय, यदि ठीक समझे तो, यथास्थिति, अपील, निर्देश या पुनरिक्षण को निपटाते समय ऐसा आदेश दे सकता है ।
३)जहाँ उपधारा (१) के अधीन आदेश दिया गया है, वहाँ धारा ४५४ के उपबंध उसके संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे धारा ४५३ के अधीन दिए गए किसी आदेश के संबंध में लागू होते है ।
४)इस धारा के अधीन दिया गया कोई आदेश ऐसी स्थावर संपत्ति पर किसी ऐसे अधिकार या उसमें किसी ऐसे हित पर प्रतिकूल प्रभाव न डालेगा जिसे कोई व्यक्ति सिविल वाद में सिद्ध करने में सफल हो जाता है ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 456.
section 456 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 456 in hindi .
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