दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३६ :
कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा ।
धारा ४६८ :
परिसीमा-काल की समाप्ती के पश्चात् संज्ञान का वर्जन :
१)इस संहिता में अन्यत्र जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई न्यायालय उपधारा (२) में विनिर्दिष्ट प्रवर्ग के किसी अपराध का संज्ञान परिसीमा-काल की समाप्ति के पश्चात नहीं करेगा ।
२)परिसीमा-काल -
क)छह मास होगा,यदि अपराध केवल जुर्माने से दण्डनीय है ;
ख)एक वर्ष होगा, यदि अपराध एक वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए कारावास से दण्डनीय है;
ग)तीन वर्ष होगा, यदि अपराध एक वर्ष से अधिक किन्तु तीन वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए कारावास से दण्डनीय है ।
३)इस धारा के प्रयोजनों के लिए उन अपराधो के संबंध में, जिनका एक साथ विचारण किया जा सकता है, परिसीमा-काल उस अपराध के प्रतिनिर्देश से अवधारित किया जाएगा जो, यथास्थिति, कठोरतर या कठोरतम दण्ड से दण्डनीय है ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 468.
section 468 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 468 in hindi .
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