दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३७ :
प्रकीर्ण :
धारा ४७६ :
प्ररुप :
संविधान के अनुच्छेद २२७ द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अधीन रहते हुए, द्वितीय अनुसूची में दिए गए प्ररुप ऐसे परिवर्तनों सहित, जैसे प्रत्येक मामले की परिस्थितियों से अपेक्षित हों, उसमें वर्णित संबद्ध प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाए जा सकते है और यदि उपयोग में लाए जाते है तौ पर्याप्त होंगे ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 476.
section 476 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 476 in hindi .
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।