दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय २ :
दण्ड न्यायालयों और कायालयों का गठन :
धारा ११ :
न्यायिक मजिस्ट्रेटों के न्यायालय :
१)प्रत्येक जिले में (जो महानगर क्षेत्र नहीं है) प्रथम वर्ग और द्वितीय वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेटों के इतने न्यायालय, ऐसे स्थानों में स्थापित किए जाएँगे जितने और जो राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे :
परन्तु राज्य सरकार उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् किसी स्थानीय क्षेत्र के लिए,प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रेट के एक या अधिक विशेष न्यायालय, किसी विशेष मामले या विशेष वर्ग के मामलों का विचारण करने के लिए स्थापित कर सकती है और जहाँ कोई ऐसा विशेष न्यायालय स्थापित किया जाता है उस स्थानीय क्षेत्र में मजिस्ट्रेट के किसी अन्य न्यायालय को किसी ऐसे मामले या ऐसे वर्ग के मामलों का विचारण करने की अधिकारिता नहीं होगी, जिनके विचारण के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट का ऐसा विशेष न्यायालय स्थापित किया गया है ।
२)ऐसे न्यायालयों के पीठासीन (जो अध्यक्ष के स्थान पर आसीन हो) अधिकारी उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किए जाएँगे ।
३)उच्च न्यायालय, जब कभी उसे यह उचीत या आवश्यक प्रतीत हो, किसी सिविल न्यायलय में न्यायाधीश के रुप में कार्यरत राज्य की न्यायिक सेवा के किसी सदस्य को प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ प्रदान कर सकता है ।
राज्य संशोधन :
बिहार :
धारा ११ में उपधारा (३) के पश्चात् अग्रलिखित उपधारा अन्त:स्थापित की जाएगी, अर्थात :
४)राज्य सरकार इसी तरह मामलों की किसी विशिष्ट श्रेणी या वर्गों के किसी विशिष्ट मामले का विचारण करने के लिए किसी स्थानीय क्षेत्र के लिए न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी या द्वितीय श्रेणी की एक या अधिक न्यायालय स्थापित कर सकेगी ।
राजस्थान :
धारा ११ में उपधारा (१) के पश्चात् अग्रलिखित नई उपधारा अन्त:स्थापित की जाएगी, अर्थात :
१-क)राज्य सरकार इसी भांति कोई स्थानीय क्षेत्र में विशिष्ट मामलों या विशिष्ट वर्ग या विशिष्ट मामलों कें वर्गों के बाबद या मामलों के बारे में कितने भी प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (न्यायिक दण्डाधिकारी) के न्यायालय स्थापित कर सकेगी ।
उत्तरप्रदेश :
धारा ११ में उपधारा (१) के पश्चात् अग्रलिखित उपधारा अन्त:स्थापित की जाएगी, अर्थात :
१-क)राज्य सरकार इसी भांति कोई स्थानीय क्षेत्र में विशिष्ट मामलों या एक विशिष्ट वर्ग या विशिष्ट वर्गों के मामले के बाबद अथवा सामान्य रुप के मामलों के बारे में कितने भी प्रथम वर्ग और द्वितीय वर्ग के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (न्यायिक दण्डाधिकारी) के न्यायालय स्थापित कर सकेगी ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 11.
section 11 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1974 section 11 in hindi .
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।