घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण नियम २००६ प्ररुप ४ :
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण नियम २००६
प्ररुप ४ :
(नियम ८ (१) (दो) देखिऐ)
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, २००५ के अधीन व्यथित व्यक्तियों के अधिकारों के विषय में जानकारी
१. यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपने घर में जिसके साथ उसी घर में आप रहती है आपको पीटा जाता है धमकी दी जाती है या उत्पीडित की जाती हैं तो आप घरेलू हिंसा की शिकार हैं । घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, २००५ आपको घरेलू हिंसा के विरुद्ध संरक्षण और सहायता का अधिकार देता है।
२. आप अधिनियम के अधीन संरक्षण और सहायता प्राप्त कर सकती है यदि आप जिस व्यक्ति (व्यक्तियों) के साथ उसी घर में निवास कर रही है / थीं, आपके विरुद्ध या आपकी देखरेख और अभिरक्षा में किसी बालक के विरुद्ध हिसा के निम्नलिखित कृत्य करता है-
१. शारीरिक हिंसा:
उदाहरणार्थ
(एक) मारपीट करना,
(दो) थप्पड़ मारना,
(तीन) ठोकर मारना
(चार) दात से काटना.
(पांच) लात मारना.
(छह) मुक्का मारना,
(सात) धक्का देना,
(आठ) धकेलना
(नौ) किसी अन्य रीति से शारीरिक पीडा या क्षति पहुंचना
२. लैंगिक हिंसा :
उदाहरणार्थ -
(एक) बलात लैंगिक मैथुन :
(दो) आपको अश्लील साहित्य या कोई अन्य अश्लील तस्वीरों या सामग्री को देखने के लिए मजबूर करता है;
(तीन) आपसे दुव्र्यवहार करने, अपमानित करने या नीचा दिखाने की लैंगिक प्रकृति का कोई अन्य कार्य अन्यथा जो आपकी प्रतिष्ठा का उल्लंघन करता हो या कोई अन्य अस्वीकार्य लैगिक प्रकृति का हो;
(चार) बालकों के साथ लेगिक दुव्र्यवहार ।
३. मौखिक और भावनात्मक हिसा
उदाहरणार्थ :
(एक) अपमान ;
(दो) गालियां देना :
(तीन) आपके चरित्र और आचरण इत्यादि पर दोषारोपण ;
(चार) पुरुष संतान न होने के लिए अपमान करना;
(पांच) दहेज इत्यादि न लाने पर अपमान करना;
(छह) आपको या आपकी अभिरक्षा में किसी बालक को विद्यालय, महाविद्यालय या किसी अन्य शैक्षणिक संस्था, में जाने से रोकना;
(सात) आपको नौकरी करने से निवारित करना;
(आठ) आप पर नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना;
(नौ) आपको या आपकी अभिरक्षा में किसी बालक को घर से चले जाने से रोकना;
(दस) घटनाओं के समान्यक्रम में आपको किसी व्यक्ति से मिलने से निवारित करना;
(ग्यारह) जब आप विवाह नहीं करना चाहती हो तो विवाह करने के लिए आप को मजबूर करना;
(बारह) आपकी अपनी पसन्द के व्यक्ति से विवाह करने से आपको रोकना;
(तेरह) अपनी पसन्द के किसी विशेष व्यक्ति से विवाह करने के लिए मजबूर करना;
(चौदह) आत्महत्या करने की धमकी देना;
(पन्द्रह) कोई अन्य मौखिक या भावनात्मक दुव्र्यवहार
४. आर्थिक हिंसा :
उदाहरणार्थ:
(एक) आपके या बच्चों के अनुरक्षण के लिए धन उपलब्ध न कराना,
(दो) आपके या बच्चों के लिए खाना, कपड़े और दवाइया इत्यादि उपलब्ध न कराना,
(तीन) आपको आपका रोजगार चलाने से रोकना, या
(चार) आपको आपका रोजगार करने में विघ्न डालना
(पाच) आपको किसी रोजगार को करने को अनुज्ञात न करना
(छहं) आपकी वेतन, पारिश्रामिक इत्यादि से आय को ले लेना, या
(सात) आपको अपना वेतन पारिश्रामिक उपभोग करने को अनुज्ञात न करना,
(आठ) जिस घर में आप रह रहें हो उससे बाहर निकलने को मजबूर करना,
(नौ) घर के किसी भाग में जाने या उपभोग करने से आपको रोकना,
(दस) साधारण घरेलू उपयोग के कपड़ों, वस्तुओं या चीजों के इस्तेमाल से अनुज्ञात न करना,
(ग्यारह) यदि किराए के आवास में रह रहे हों तो किराए इत्यादि का संदाय नहीं करना ।
३. यदि किसी व्यक्ति/व्यक्तियों द्वारा जिसके साथ एक ही घर में आप रह रही है/थीं, आपके विरुद्ध घरेलू हिंसा की जाती है तो आप उस व्यक्ति/व्यक्तियों के विरुद्ध निम्नलिखित सभी या कोई एक आदेश प्राप्त कर सकती हैं -
(क) धारा १८ के अधीन :
(एक) आपके या आपके बालकों के विरुद्ध घरेलू हिंसा का किसी और कार्य को करने से रोकने के लिए;
(दो) आपके स्त्रीधन, आभूषण, कपड़ो इत्यादि का कब्जा देने के लिए;
(तीन) न्यायालय की अनुज्ञा के बिना संयुक्त बैंक खातों या लॉकरों का प्रचालन न करने के लिए।
(ख) धारा १९ के अधीन :
(एक) आपको उस घर में शांतिपूर्वक निवास करने से नहीं रोकने के लिए जहाँ आप व्यक्ति/व्यक्तियों के साथ रह रहे है;
(दो) आपके शान्तिपूर्ण निवास में व्यवधान या बाधा नहीं डालने के लिए;
(तीन) जिस घर में आप रह रहे हैं उसका व्ययन न करने के लिए;
(चार) यदि आपका निवास किराए की संपत्ति में है तो किराए के संदाय का सुनिश्चय करने के लिए या ऐसे किसी समुचित वैकल्पिक निवास की व्यवस्था का प्रस्ताव करने के लिए जो आपको वैसी ही सुरक्षा और सुविधाएं दे जो आपके पहले के निवास में थी ।
(पांच) न्यायालय के अनुज्ञा के बिना उस संपत्ति के अधिकार नहीं देने के लिए जिसमें आप रह रही हैं।
(छह) जिस घर/ संपत्ति आप रह रही है पर कोई ऋण नहीं लेने के लिए या संपत्ति को अन्तर्वलित करते हुए बंधक या कोई अन्य वित्तीय दायित्व सृजन न करने के लिए।
(सात) व्यक्ति/व्यक्तियों से आपकी सुरक्षा अपेक्षाओं के लिए निम्नलिखित कोई आदेश या सभी आदेश करना -
(ग) साधारण आदेश
(एक) शिकायत /रिपोर्ट की गई घरेलू हिंसा को रोकने के लिए।
(घ) विशेष आदेश
(एक) आपके निवास या कार्यस्थल से स्वयं को हटाने / दूर रखने के लिए;
(दो) आपसे मिलने से किसी प्रयास को रोकने के लिए;
(तीन) आपको फोन करने या आप से पत्र, ई-मेल इत्यादि के माध्यम से संपर्क स्थापित करने के प्रयास को रोकने के लिए ;
(चार) आप से विवाह के संबंध में बात करने से या उसकी / उनकी पसन्द के किसी विशेष व्यक्ति से विवाह के लिए मिलने के लिए मजबूर करने से रोकने के लिए;
(पांच) आपके बालक/बालकों के विद्यालय से या किसी अन्य स्थान से जहां आप और आपके बालक जाते हैं, से दूर रहने के लिए।
(छह) आग्नेयस्त्रों, या किसी अन्य खतरनाक आयुध या पदार्थ के कब्जे के समर्पण के लिए।
(सात) किन्हीं आग्नेयस्त्रों, या किसी अन्य खतरनाक आयुध या पदार्थ को अर्जित नहीं करने या वैसी ही किसी वस्तु का कब्जा न रखने के लिए ।
(आठ) अल्कोहल या उसके समान प्रभाव वाली ऐसी ओषधियों का सेवन नहीं करना जिनसे पूर्व में घरेलू हिंसा हुई हो ।
(नौ) आपकी या आपके बच्चों की सुरक्षा के लिए अपेक्षित कोई अन्य उपाय करने के लिए।
(ङ) धारा २० और धारा २२ के अधीन अंतरिम धनीय अनुतोष के लिए कोई आदेश जिसमें निम्नलिखित भी है -
(एक) आपके या आपके बच्चों के भरण पोषण करने के लिए।
(दो) चिकित्सीय व्यय सहित किसी शारीरिक क्षति के लिए प्रतिकर ।
(तीन) मानसिक प्रताडना और भावनात्मक कष्ट के लिए प्रतिकर ।
(चार) जीविका की क्षति के लिए प्रतिकर ।
(पांच) आपके कब्जे या नियंत्रणाधीन किसी संपत्ति के विनाश, नुकसान, हटाना कारित करने के लिए प्रतिकर ।
टिप्पण १ :
जैसे ही आप घरेलू हिंसा की शिकायत करती हैं और किसी अनुतोष के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन करती है तो अन्तरिम आधार पर कोई अनुतोष प्रदान किया जा सकेगा।
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दो) अधिनियम के अधीन प्रथम १ में की गई घरेलू हिंसा की कोई शिकायत घरेलू घटना रिपोर्ट के नाम से ज्ञात होगी।
४. यदि आप घरेलू हिंसा की शिकार हैं तो आपके निम्नलिखित अधिकार होंगे :
(एक) धारा ५ के अधीन उन अधिकारों और अनुतोष के बारे में जानने में, संरक्षण अधिकारी और सेवा प्रदाता की सहायता, जो आप प्राप्त कर सकती हैं।
(दो) संरक्षण अधिकारी की सहायता और सेवा प्रदाता या निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी की आपकी शिकायत दर्ज करने सहायता करने और धारा ९ और धारा १० के अधीन अनुतोष के लिए आवेदन करने में सहायता करना।
(तीन) धारा १८ के अधीन घरेलू हिंसा के कृत्यों से स्वयं और स्वयं के बालकों के लिए संरक्षण प्राप्त करना ।
(चार) आपका विशिष्ट खतरों या असुरक्षाओं जिनका आप या आपके बालक सामना कर रहे हैं से संरक्षण के लिए उपाय और आदेश प्राप्त करने का अधिकार ।
(पांच) धारा १९ के अधीन उस घर में रहने जहाँ आप घरेलू हिंसा का शिकार हुई हैं और उसी घर में रहने वाले अन्य व्यक्तियों के हस्तक्षेप में अवरोध करने और घर तथा उसमें अन्तर्विष्ट प्रसुविधाओं का शांतिपूर्वक उपभोग करने का आपके और आपके बच्चों का अधिकार ।
(छह) धारा १८ के अधीन आपके स्त्री धन, आभूषण कपड़ा और दैनिक उपयोग की वस्तुओं और अन्य घरेलू चीजों को वापस कब्जे में लेना ।
(सात) धारा ६, धारा ७, धारा ९ और धारा १४ के अधीन चिकित्सीय सहायता, आश्रय, परामर्श और विधिक सहायता प्राप्त करना ।
(आठ) धारा १८ के अधीन आपके विरुद्ध घरेलू हिंसा करने वाले व्यक्ति को आप से संपर्क करने या पत्र व्यवहार करने से रोकने ।
(नौ) धारा २२ के अधीन घरेलू हिंसा के कारण हुई किसी शारीरिक या मानसिक क्षति या किसी अन्य धनीय नुकसान के लिए प्रतिकर
।
(दस) अधिनियम की धारा १२, धारा १८, धारा १९, धारा २०, धारा २१, धारा २२ और धारा २३ के अधीन शिकायत करने या किसी न्यायालय को सीधे ही अनुतोष के लिए आवेदन करना ।
(ग्यारह) आपके द्वारा की गई शिकायत, आवेदनों, किसी चिकित्सा या अन्य परीक्षण की रिपोर्ट जो आप या आपके बालक करवाते हैं, की प्रतियां प्राप्त करना ।
(बारह) घरेलू हिंसा के संबंध में किसी प्राधिकारी द्वारा अभिलिखित किसी कथन की प्रतिया लेना ।
(तेरह) किसी खतरे से बचाव के लिए पुलिस. या संरक्षण अधिकारी की सहायता लेना ।
५. प्ररुप उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति को इस बात का सुनिश्चय करना चाहिए कि सभी रजिस्ट्रीकृत सेवाप्रदाताओं के ब्यौरे, निम्नलिखित उपबंधित रीति और स्थान में दर्ज कर लिए गए हैं । क्षेत्र के सेवाप्रदाओं की सूची निम्नलिखित है।
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संगठन का नाम
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प्रदान की गई सेवा
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संपर्क के ब्यौरे
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यदि आवश्यक हो, सूची को एक पृथक पृष्ठ पर जारी रखे ।
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