घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण नियम २००६ प्ररुप ५ :
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण नियम २००६
प्ररुप ५ :
(नियम ८(१) (चार) देखे)
सुरक्षा योजना :
१) जब कोई संरक्षण अधिकारी, पुलिस अधिकारी या कोई अन्य सेवा प्रदाता इस प्ररूप में ब्यरे उपलब्ध कराने में किसी स्त्री की सहायता कर रहा हो, तो स्तंभ ग और स्तंभ घ में व्यौरे यथाल्यिति, सरक्षण अधिकारी, पुलिस अधिकारी या किसी अन्य सेवा प्रदाता द्वारा परिवादिनी के परामर्श और उसकी सम्मति से भरे जाने है।
२) व्यथित व्यक्ति के सीधे न्यायालय पहुंचने के मामले में स्तंभ ग और स्तंभ घ में ब्यौरे स्वयं उपलब्ध करा सकेगा।
३) यदि व्यथित व्यक्ति स्तंभ ग और स्तंभ घ खाली छोड़ता है और सीधे न्यायालय पहुंचता है तो उक्त स्तंभ में ब्यौरे न्यायालय को संरक्षण अधिकारी द्वारा परिवादीनी के परामर्श से और उसकी सम्मति से, उपलब्ध कराए जाएंगे।
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क्र.स :
प्रत्यर्थी द्वारा हिंसा करना (क) :
स्तंभ क में वर्णित व्यथित व्यक्ति द्वारा भोगी गई हिंसा के परिणाम (ख) :
स्तंभ क में वर्णित व्यथित व्यक्ति द्वारा हिंसा के संबंध में आशंकाएं (ग) :
सुरक्षा के लिए अपेक्षित कदम (घ) :
न्यायालय से चाहे गए आदेश (ङ) :
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क्र.सं. - १
(क) : प्रत्यर्थी द्वारा शारीरिक हिंसा करना
(ख) : परिवादीनी का बोध कि उसे और उसके बच्चों को शारीरिक हिंसा दोहराए जाने का जोखिम है
(ग) : (क) पुनरावृत्ति (ख) वृद्धि (ग) क्षति का भय (घ) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - २
(क) : दुव्र्यवहार, अपमान या तिरस्कार अन्यथा आपकी गरिमा अतिक्रमण करने वाला कोई लैगिक कृत्य ।
(ख) : (क) अवसाद (ख) ऐसे किसी कृत्य की पुनरावृत्ति का जोखिम । (ग) ऐसे कृत्य कारित करने के लिए प्रयत्नों का सामना करना ।
(ग) : (क) पुनरावृत्ति (ख) वृद्धि (ग) क्षति का भय (घ) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करे ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ३
(क) : गला घोटने के प्रयत्न
(ख) : (क) शारीरिक क्षति (ख) रुग्ण मानसिक स्वास्थ्य (ग) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करे ।
(ग) : (क) पुनरावृत्ति (ख) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करे ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ४
(क) : बालकों से मारपीट करना
(ख) : (क) बालकों को क्षति (ख) बालकों पर उसका विपरीत मानसिक प्रभाव (ग) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करे ।
(ग) : (क) पुनरावृत्ति का जोखिम (ख) बालक पर हिंसक व्यवहार / वातावरण का विपरीत प्रभाव ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ५
(क) : प्रत्यर्थी द्वारा आत्महत्या करने करने की धमकी देना ।
(ख) : (क) घर में हिंसक वातावरण (ख) सुरक्षा को भय (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) आत्महत्या करने का वास्तविक प्रयास (ख) पुनरावृत्ति (ग) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ६
(क) : प्रत्यर्थी द्वारा आत्महत्या करने के प्रयत्न करना ।
(ख) : (क) घर में हिंसक वातावरण (ख) असुरक्षा, चिंता, अवसाद, मानसिक आघात । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) आत्महत्या के प्रयत्न की पुनरावृत्ति, वृद्धि करना बढाना । (ख) मानसिक आघात पीडा (ग) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ७
(क) : परिवादीनी से मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक दुव्र्यवहार जैसे अपमान करना, उपहास करना, पुरुष संतान न होने के लिए अपमान करना, असतीत्व के मिथ्या आरोप लगाना आदि ।
(ख) : (क) अवसाद (ख) मानसिक आघात, पीडा । (ग) बालक / बालकों के लिए अनुपयुक्त वातावरण । (घ) कोइ अन्य विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) दुव्र्यवहार की पुनरावृत्ति, वृद्धि करना बढाना । (ख) मानसिक आघात पीडा । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ८
(क) : व्यथित व्यक्ति /. उसके बालकों / माता-पिता / नातेदारों को अपहानि करने का मौखिक धमकी देना ।
(ख) : (क) लगातार भय में रहना । (ख) मानसिक आघात, पीडा । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) प्रत्यर्थी वर्णित धमकियों को निष्पादित कर सकता है । (ख) मानसिक आघात, पीडा । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ९
(क) : विद्यालय / महाविद्यालय / किसी अन्य शैक्षणिक संस्था में उपस्थित न होने के लिए मजबूर करना ।
(ख) : (क) अवसाद (ख) मानसिक आघात, पीडा । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) पुनरावृत्ति (ख) मानसिक आघात, पीडा । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १०
(क) : विवाह के लिए मजबूर करना जब वह विवाह न करना चाहती हो । पसंद के व्यक्ति से विवाह न करने के लिए मजबूर करना । प्रत्यर्थी / प्रत्यर्थीयो की पसंद के व्यक्ति से विवाह के लिए मजबूर करना ।
(ख) : (क) अवसाद (ख) मानसिक आघात, पीडा । (ग) बलपूर्वक विवाह किए जाने का भय । (घ) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करें ।
ृ(ग) : (क) पुनरावृत्ति (ख) मानसिक आघात, पीडा । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - ११
(क) : बालक / बालकों के व्यपहरण की धमकी देना
(ख) : (क) लगातार भय में रहना । (ख) बालक / बालकों की सुरक्षा का भय । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) बालकों का व्यपहरण हो सकता है । (ख) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १२
(क) : व्यथित व्यक्ति / बालकों / नातेदारें को वास्तविक अपहानि करना ।
(ख) : (क) और अपहानि के लगातार भय में रहना । (ख) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) पुनरावृत्ति (ख) वृद्धि (ग) क्षति का भय (घ) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १३
(क) : पदार्थ (मादक द्रव्य / अल्कोहल) का दुरुपयोग करना ।
(ख) : (क) पदार्थ दुरुपयोग के कारण प्रत्यर्थी द्वारा गाली गलौज और हिंसक व्यवहार के लगातार भय में रहना । (ख) सामान्य जीवन जीने से वंचित होना । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) उपभोग करने के पश्चात् शारीरिक हिंसा । (ख) इसका उपयोग करने के पश्चात् अपमानजनक व्यवहार । (ग) रखरखाव / घरेलू व्ययों का संदाय न करना । (घ) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १४
(क) : आपराधिक व्यवहार का इतिहास ।
(ख) : (क) हिंसा का लगातार भय । (ख) प्रत्यर्थी द्वारा बदले का भय ।
(ग) : (क) प्रत्यर्थी विधि का उल्लंघन करने की प्रवृत्ति रखता हो और न्यायालय द्वारा उसके विरुद्ध पारित आदेश की अवज्ञा का संभावना । (ख) प्रत्यर्थी व्यथित व्यक्ति / बालकों को कोई और कार्यवाही द्वारा अपहानि पहुंचा सकता है ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १५
(क) : रखरखाव, भोजन, कपडों, दवाईयों आदि के लिए धन प्रदान न करना ।
(ख) : (क) आवारापन निराश्रयता की ओर प्रवृत्त । (ख) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) उसके बालक / बालकों तथा उसकी स्वयं की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूर्ण करने में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना । (ख) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १६
(क) : रोजगार करने से रोकना, विक्षुब्ध करना या उसके लिए अनुज्ञात न करना ।
(ख) : (क) स्वयं की तथा अपने बालकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करने में असमर्थ होना । (ख) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) उसके बालक / बालकों तथा उसकी स्वयं की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूर्ण करने में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना । (ख) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १७
(क) : गृह से बलपूर्वक निकालना, गृह में प्रवेश करने या गृह के किसी भाग का प्रयोग करने से रोकना या उसे छोडने से निवारित करना ।
(ख) : (क) स्वंय और अपने बालकों के ठहरने के लिए कोई स्थान न होना । (ख) गृह के किसी विशेष क्षेत्र तक निर्बन्धित ।
(ग) : (क) उसके बालक / बालको तथा उसकी स्वयं की सुरक्षा । (ख) उसको स्वयं को तथा उसके बालकों को शरण प्रदान करने में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १८
(क) : कपडों, साधारण घरेलू उपयोग की वस्तुओं या चीजों का प्रयोग अनुज्ञात न करना ।
(ख) : (क) कपडों, वस्तुओं या चीजों का कब्जा खोना । (ख) कपडों, वस्तुओं या चीजों को बदलने के लिए संसाधन न होना ।
(ग) : (क) प्रत्यर्थी द्वारा कपडों, वस्तुओं या चीजों का निपटान किया जा सकता है । (ख) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - १९
(क) : किराए के आवास के मामले में किराए का संदाय न करना ।
(ख) : (क) ऐसे संदाय न करने पर स्वामी द्वारा आवास छोडने के लिए कहा जाना । (ख) रहने के लिए कहा जाना । (ग) आवास का किराया देने के लिए आय ना होना ।
(ग) : (क) आश्रय खोना । (ख) अत्यधिक कठिनाई का सामना करना । (ग) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - २०
(क) : सूचित किए बिना या सम्मति के बिना स्त्रीधन या कोई अन्य मूल्यवान वस्तुओं को बेचना या गिरवी रखना ।
(ख) : (क) मूल्यवान वस्तुओं या संपत्ति को नुकसान । (ख) कोई अन्य, विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) मूल्यवान वस्तु या स्त्रीधन का निपटान प्रत्यर्थी द्वारा किया जा सकता है । (ख) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - २१
(क) : स्थीधन से बेकब्जा करना ।
(ख) : (क) उसके कब्जे में संपत्ति से उसे वंचित करना । (ख) कोई अन्य विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : (क) स्त्रीधन का निपटान प्रत्यर्थी द्वारा किया जा सकता है । (ख) स्त्रीधन को पुन: कभी न प्राप्त करने का भय ।
(घ) : -
(ड) : -
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क्र.सं. - २२
(क) : सिविल / दांडिक न्यायालय आदेश, विनिर्दिष्ट आदेश को भंग करना ।
(ख) : कृपया विनिर्दिष्ट करें ।
(ग) : कृपया विनिर्दिष्ट करें ।
(घ) : -
(ड) : -
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हस्ताक्षर
पीडित व्यक्ति
हस्ताक्षर
सेवा प्रदाता / संरक्षण अधिकारी / पुलिस अधिकारी
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