ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा ३४ :
कंपनियों द्वारा अपराध :
(१) यदि इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कम्पनी द्वारा किया गया हो तो प्रत्येक व्यक्ति जो उस अपराध के किए जाने के समय उस कम्पनी के कारबार के संचालन के लिए उस कम्पनी का भारसाधक और उसके प्रति उत्तरदायी था और साथ ही वह कम्पनी भी उस अपराध के दोषी समझे जाएंगे तथा तदनुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने के भी भागी होंगे:
परन्तु इस उपधारा की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को दण्ड का भागी नहीं बनाएगी यदि वह साबित कर दे कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने ऐसा अपराध किया जाना निवारित करने के लिए सब सम्यक तत्परता बरती थी।
(२) उपधारा (१) में किसी बात के होतेहए भी, जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कम्पनी द्वारा दिया गया हो तथा यह साबित हो कि वह अपराध कम्पनी के किसी निदेशक, प्रबन्धक, सचिव या अन्य अधिकारी की सम्पति या मौनानुकूलता से किया गया है या उसकी किसी उपेक्षा के कारण हुआ माना जा सकता है, वहां ऐसा निदेशक, प्रबन्धक सचिव या अन्य अधिकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तद्नुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने का भागी होगा।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए-
(क) कम्पनी से कोई निगमित निकाय अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत फर्म या व्यष्टियों का अन्य संगम भी है, तथा
(ख) फर्म के सम्बन्ध में निदेशक से उस फर्म का भागीदार अभिप्रेत है।
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।