ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा ३४क :
१.(सरकारी विभागों द्वारा अपराध :
जहां अध्याय ४ या अध्याय ४क के अधीन कोई अपराध सरकार के किसी विभाग द्वारा किया गया है वहां ऐसा प्राधिकारी जो ओषधियों के विनिर्माण, विक्रय या वितरण का भारसाधक केन्द्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किया गया है या जहां ऐसा कोई प्राधिकारी विनिर्दिष्ट नहीं है वहां उस विभाग का अध्यक्ष उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तद्नुसार अपने बिरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने का भागी होगा :
परन्तु इस धारा की कोई बात किसी ऐसे प्राधिकारी या व्यक्ति को, यथास्थिति, अध्याय ४ या अध्याय ४क में उपबन्धित दण्ड का भागी नहीं बनाएगी यदि ऐसा प्राधिकारी या व्यक्ति यह साबित कर दे कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या ऐसे प्राधिकारी या व्यक्ति ने ऐसे अपराध का किया जाना निवारित करने के लिए सब सम्यक तत्परता बरती थी।)
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१. १९६४ के अधिनियम सं० १३ की धारा २८ द्वारा (१५-९-१९६४ से) अन्त:स्थापित ।
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