सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
लिखित कथन
प्ररुप संख्यांक १ :
विक्रय किए गए और परिदत्त माल के लिए वादों में प्रतिरक्षा :
१. प्रतिवादी ने माल के लिए आदेश नहीं किया था ।
२. माल का परिदान प्रतिवादी को नहीं किया गया था ।
३. कीमत --------- रुपए नहीं थी ।
(या)
४. ५. ६. ---------------- रुपए के बारे के सिवाय वही प्रतिरक्षा है जो १. २. ३. में है ।
७. प्रतिवादी (या प्रतिवादी के अभिकर्ता क ख) ने दावे की तुष्टि वाद के पूर्व वादी (या वादी के अभिकर्ता ग घ) को ता.------ को संदाय करके कर दी थी ।
८. प्रतिवादी ने दावे की तुष्टि वाद के पश्चात् वादी को ता.------------- को संदाय करके कर दी थी ।
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