ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८
धारा ३४ :
सिविल मामलों में अपील :
१) सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी और उपधारा (२) के अधीन रहते हुए, ग्राम न्यायालय के प्रत्येक निर्णय या ऐसे आदेश से, जो अंतर्वर्ती आदेश नहीं है, अपील जिला न्यायालय को होगी ।
२) ग्राम न्यायालय द्वारा पारित किसी निर्णय या आदेश के विरूध्द कोई अपील, -
क) पक्षकारों की सहमति से नहीं होगी;
ख) जहां किसी वाद दावे या विवाद की विषयवस्तु की रकम या मूल्य एक हजार रूपए से अधिक नहीं है, वहां नहीं होगी;
ग) जहां ऐसे वाद, दावे या विवाद की विषयवस्तु की रकम या मूल्य पांच हजार रूपए से अधिक नहीं है वहां विधि के किसी प्रश्न के सिवाय नहीं होगी ।
३) इस धारा के अधीन प्रत्येक अपील ग्राम न्यायालय के निर्णय या आदेश की तारीख से तीस दिन की अवधि के भीतर की जाएगी :
परंतु यदि जिला न्यायालय का समाधान हो जाता है कि अपीलार्थी के पास तीन दिन की उक्त अवधि के भीतर अपील न करने का पर्याप्त कारण था तो वह उक्त अवधि की समाप्ति के पश्चात् अपील ग्रहण कर सकेगा ।
४) उपधारा (१) के अधीन की गई अपील की जिला न्यायालय द्वारा सुनवाई और ऐसी अपील का निपटारा उसके फाइल किए जाने की तारीख से छह मास के भीतर किया जाएगा ।
५) जिला न्यायालय, अपील के निपटारे के लंबित रहने के दौरान उस निर्णय या आदेश के निष्पादन पर रोक लगा सकेगा, जिसके विरूध्द अपील की गई है ।
६)उपधारा (४) के अधीन जिला न्यायालय का विनिश्चय अंतिम होगा और जिला न्यायालय के विनिश्चय के विरूध्द कोई अपील या पुनरीक्षण नहीं होगा :
परंतु इस उपधारा की कोई बात किसी व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद ३२ और अनुच्छेद २२६ के अधीन उपलब्ध न्यायिक उपचारों का उपभोग करने से नहीं रोकेगी ।
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