ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८
धारा ३६ :
न्यायाधिकारियों और कर्मचारियों आदि का लोक सेवक होना :
न्यायाधिकारियों और ग्राम न्यायालयों के अधिकारियों तथा अन्य कर्मचारियों के बारे में, जब वे इस अधिनियम के किसी उपबंध के अनुसरण में कार्य कर रहे हैं या उनका कार्य करना तात्पर्यित है, यह समझा जाएगा कि वे भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) की धारा २१ के अर्थ के भीतर लोक सेवक हैं ।
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